सेवा में,
चेयरमैन
TV24
नेशनल न्यूज़ चैनल
चंडीगढ़, पंजाब|
विषय : कानपुर में घूम रहे फर्जी पत्रकारों के सम्बन्ध में सूचना।
सेवा में,
चेयरमैन
TV24
नेशनल न्यूज़ चैनल
चंडीगढ़, पंजाब|
विषय : कानपुर में घूम रहे फर्जी पत्रकारों के सम्बन्ध में सूचना।
राजस्थान से प्रकाशित होने वाले सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी कर मजीठिया वोज बोर्ड लागू करने पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट मांगने का कारण श्रम विभाग में लगी एक आरटीआई है जो इंडियन फेडेरेशन फॉर वर्किंग जर्नलिस्ट की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष जगदीश जैमन ने लगा रखी है। इस आरटीआई के तहत राज्य के सभी समाचार पत्रों को श्रम विभाग ने नोटिस जारी किया है।
(पहला मरीज़ कमर पर हाथ रखे अंदर आता है…स्टूल पर बैठता है)
मरीज़ 1 – डॉक्टर साहेब, कमर और बाकी जोड़ों में ऐसा दर्द है कि चला नहीं जाता है…उठना बैठना भी मुश्किल है…
डॉक्टर साहेब – आप ऐसा कीजिए पड़ोस वाले मेडिकल स्टोर से 11 हज़ार रुपए दे कर, अपनी बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम की बुकिंग करवा लीजिए…
मरीज़ 1 (अचकचाते हुए) – हैं डॉक्टर साहेब…मुझे कमर और जोड़ों का दर्द है…
नई दिल्ली, 26 जून। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के विकास और प्रचार प्रसार के लिए काम करनेवाली संस्था कलमकार फाउंडेशन की अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता के परिणाणों की घोषणा कर दी गई है। फाउंडेशन की प्रवक्ता वंदना सिंह के मुताबिक पिछले साल कलमकार फाउंडेशन ने कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस कहानी प्रतियोगिता में देश भर के तकरीबन बारह सौ कथाकारों ने हिस्सा लिया था। कहानी प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार भोपाल की युवा कथा लेखिका इंदिरा दांगी को उनकी कहानी ‘शहर की सुबह’ को दिया गया है। उन्हें पुरस्कार स्वरूप इक्कीस हजार रुपए की राशि और प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
From: Neeraj Tiwari [neeraj.tiwari@bloombergtvindia.com]
Sent: Thursday, June 19, 2014 1:14 PM
To: ‘prakash.j@sansad.nic.in’
Cc: ‘kmohan74@gmail.com’; ‘neeraj.tiwari7@gmail.com’; ‘mib.inb@nic.in’; ‘secy.inb@nic.in’; ‘asmib.inb@nic.in’; ‘bharathi.sihag@nic.in’; ‘sanurag@ias.nic.in’
Subject: RE: Humanity and Humble Request
Importance: High
Respected Sir,
कई तरह की जांचों और विवादों से घिरी समृद्ध जीवन नामक चिटफंड कंपनी की तरफ से संचालित चैनल ‘लाइव इंडिया’ नित नए कारनामे करता रहता है. कभी यह अपने मालिकों के घर शादी ब्याह व निजी फंक्शन्स का लाइव प्रसारण करता है तो कभी चिटफंड के कारोबार से संबंधित समारोह का. पता चला है कि कल ग्रेटर नोएडा में समृद्धि जीवन चिटफंड कंपनी की तरफ से अपने कर्मियों को सम्मानित करने और चिटफंड के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श करने हेतु एक समारोह आयोजित किया गया. इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी था. इस कार्यक्रम में बाजारू किस्म के नाच गाने बाजे थे.
लखनऊ से प्रकाशित निष्पक्ष प्रतिदिन अखबार ने तनु शर्मा प्रकरण पर रजत शर्मा की खोली पोल है. अखबार ने बताया है कि रजत शर्मा के नरेंद्र मोदी से करीबी रिश्ते हैं इसी कारण तनु शर्मा प्रकरण पर सब किसी ने चुप्पी साध रखी है. अखबार में छपी पूरी खबर की कटिंग उपर प्रकाशित किया गया है.
ब्राजील और चिली के फुटबॉल के मैच के दौरान एक महिला पत्रकार इतनी उत्तेजित हो गई कि उसने अपने कपड़े ही उतार दिए। दरअसल, चिली की यह पत्रकार फीफा वर्ल्डकप का मैच कवर आई थी। उल्लेखनीय है कि प्री-क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान चिली और ब्राजील के बीच रोमांचक टक्कर हुई थी।
न्यूज़ चैनल ‘समाचार प्लस’ जल्द ही एक और धमाका करने वाला है. क्राइम शो ‘एनकाउंटर’ की अपार सफलता के बाद चैनल के एग्ज़िक्यूटिव एडिटर प्रवीण साहनी क नए प्रोग्राम की एंकरिंग करते नज़र आएंगे. ‘वांटेड’ नाम का यह अनोखा क्राइम शो देश के सभी फरार और खतरनाक अपराधियों से दर्शकों का परिचय करवाएगा. चैनल का कहना है कि नाट्य रूपांतरण की मदद से तैयार किए गए इस नए शो का फिल्मांकन, संपादन और निर्देशन बिल्कुल किसी बॉलीवुड फिल्म की तर्ज पर किया गया है.
हल्द्वानी : एसओजी प्रभारी व पत्रकार बनकर ट्रांसपोर्ट नगर में कारोबारी से 50 हजार की वसूली करने वाले दो फर्जी पत्रकारों को पुलिस ने दबोच लिया। इस बीच एसओजी प्रभारी बनने वाले युवक ने कारोबारी के ऑफिस में कार्यरत एक युवक के हाथ पर बोतल से हमला कर दिया। बाद में खुद के सिर पर बोतल मार ली। मौके पर जुटी भीड़ ने दोनों की जमकर पिटाई लगाई। फिर दोनों को टीपीनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पठानकोट: मोहल्ला शंकर कालोनी नजदीक पुरानी सब्जी मंडी स्थित एक पत्रकार के घर में वीरवार रात को ऊपरी मंजिल का दरवाजा तोड़ कर घर के अंदर घुसे चोर कमरे में पड़ी एक अलमारी उठाकर दूसरी मंजिल पर ले गए। चोरी के बारे में परिवार को उस समय पता चला, जब सुबह कपड़े लेने के लिए वह अलमारी ढूंढने लगे। पत्रकार सुरेंद्र महाजन व उनकी पत्नी अनु महाजन ने बताया कि जब अलमारी नहीं मिली तो उनका ध्यान घर की छत पर टूटे दरवाजे पर गया।
फर्रूखाबाद : बीती रात शहर कोतवाली पुलिस ने पत्रकार के घर आदि स्थानों से 3 सटोरियो को गिरफ्तार किया. घुमना चौकी इंचार्ज सलिगराम वर्मा ने तलैया फजल इमाम निवासी सर्वेश कुमार कश्यप के नाबालिग पुत्र बाबी को बीती रात 9.45 बजे डा0 विपिन गली की मोड़ से 260 रुपये सट्टा पर्ची सहित गिरफ्तार किया जबकि तिकोना चैकी इंचार्ज कुलदीप दीक्षित ने दिलावरजंग निवासी अजय कुमार पुत्र रामचन्द्र को 9.45 बजे पक्कापुल बाजार में पप्पी दीक्षित के मकान के सामन 205 रूपये व सट्टा पर्ची सहित दबोचा.
लुधियाना : अक्सर विवादों में रहने वाले पंजाब केसरी के मालिकों की तरह उसके पत्रकार भी किसी न किसी मामले में विवादों में घिरे रहते हैं। अब लुधियाना से पंजाब केसरी का पत्रकार प्रदीप गुप्ता एक धाíमक कार्यक्रम में दखलांजली के चले विवादों में आ गया है।नौलखा बाग कालोनी स्थित श्रीराम शरणम् आश्रम में पिछले कई दिनों से ट्रस्टियों व साधकों के बीच चल रहे विवाद में शनिवार को दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए।
मोहाली: पंजाब केसरी/जगबाणी अखबार के एक और पत्रकार पर एक एन.आर.आई. महिला ने लाखों रु पए की ठगी तथा पत्रकारिता की आड़ में उसे ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अपनी पत्रकारिता की आड़ में महिला को झूठे केसों में फंसाने की बात भी कर रहा है। पंजाब के जिला मोगा की तहसील निहाल सिंह वाला के गांव रण सिंह खुर्द की रहने वाली यह महिला चरणजीत कौर जोकि इस समय जर्मनी की पक्की तौर पर नागरिक बन चुकी है, ने आज यहां मोहाली प्रैस क्लब में आयोजित एक प्रैस कान्फ्रैंस के दौरान उक्त जानकारी दी। पत्रकार द्वारा उसके साथ की गई ठगी की शिकायत महिला ने एन.आर.आई. सैल को लिखित रूप में दे दी है।
हिंदी के जाने-माने कवि-लेखक और ‘आजतक’ के वरिष्ठ पत्रकार आलोक श्रीवास्तव दूरदर्शन नेशनल के चैनल एडवाइजर नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने ‘आजतक’ के साथ अपनी सात साल लंबी पारी को अलविदा कह कर डीडी में ज्वाइनिंग भी दे दी है. लगभग पंद्रह साल से पत्रकारिता में सक्रिए आलोक, ‘आजतक’ से पहले ‘इंडिया टीवी’, ‘दैनिक भास्कर’ और बतौर स्वतंत्र पत्रकार ‘इंडिया टुडे’ से भी लंबे समय तक जुड़े रहे.
Pankaj Singh : In a development reminiscent of the Dark Ages and the era of marauding barbarian conquerors, India’s Ministry of Home Affairs (MHA) has destroyed some 150,000 files over the past month in a cleanliness drive. Other ministries are reported to have destroyed documents as well though not at the same scale as the MHA. Worse, it is reported that the orders come from the Prime Minister’s Office itself.
Praveen Khariwal : सच लिखने की सज़ा… मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले में हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्टर की सनसनीखेज रिपोर्ट ने शिवराज सरकार और साधना सिंह की चूले हिला दी… जवाब में सरकार ने इस अखबार की जमीन की लीज़ निरस्त कर दी और सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगा दी…आज रिपोर्टर आशुतोष शुक्ला को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दे दिया गया…
इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल के फेसबुक वॉल से.
Jawahar Goel : Indian film industry and broadcasters are loosing USD one billion to the pirates called Jadoo TV.
हिंदी-अंग्रेजी की मासिक पत्रिका फॉरवर्ड प्रेस के संवाददाताओं की दो दिवसीय कार्यशाला और पत्रिका का पांचवां स्थापना दिवस समारोह 26 और 27 जून, 14 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट में आयोजित कार्यशाला में देश भर के करीब 50 संवाददाताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान पत्रकारिता व खासकर बहुजन पत्रकारिता के विभिन्न पक्षों पर चर्चा की गयी। इस मौके पर अस्पायर प्रकाशन की अध्यक्ष डॉ. सिल्विया फर्नान्डीज ने पत्रिका के प्रकाशन और इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, जबकि पत्रिका के मुख्य संपादक आयवन कोस्का ने बहुजन पत्रकारिता की दिशा-दशा पर चर्चा करते हुए फॉरवर्ड प्रेस के बहुजन सरोकारों की वकालत और भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने पत्रकारिता के सैद्धांतिक पक्ष पर भी प्रकाश डाला। पत्रकारिता के आंतरिक ढांचे और व्यावसायिक पक्षों पर भी जोर दिया। पाठक और प्रबंधन के अंतर्संबंधों और अंतर्व्यवहारों पर भी चर्चा हुई।
समस्तीपुर (बिहार) से सूचना है कि पत्रकार विकास कुमार ने अपनी नई पारी ‘प्रभात खबर’ के साथ शुरू की है। विकास इससे पहले स्वतंत्र पत्रकारिता करते रहे हैं। स्वतंत्र पत्रकारिता करते हिए विकास ने कई बड़ी खबरें भी ब्रेक की हैं।
आईबीएन लेकमत के एडिटर-इन-चीफ निखिल वागले पिछले कुछ समय से छुट्टी पर हैं। उनके एक ट्वीट ने चर्चाओं के बाज़ार को गर्म कर दिया है कि कहीं उनका उनका विकेट भी औरों की तरह नेटवर्क18 से गिर तो नहीं गया। आईबीएन लेकमत आईबीएन18 का अंग है जो खुद नेटवर्क18 का एक हिस्सा है। वागले ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘मुंबई छोड़ने का मेरा फैसला अंतिम है, इस भीड़ और पागलपन से दूर जाना चाहता हूं! मुझे सुकून चाहिए।’
नयी सरकार आने के बाद पिछले दिनों ‘पलासी से विभाजन तक’ नामक किताब को आरएसएस के अनुषांगी संगठन विद्या भारती के महामंत्री दीनानाथ बत्रा द्वारा कानूनी नोटिस भेजा गया है। न्यूजीलैण्ड के विक्टोरिया विश्वविद्यालय के प्रो0 शेखर वंद्योपाध्याय द्वारा लिखी गयी यह पुस्तक आधुनिक भारत के इतिहास की एक बेहतरीन पुस्तक है। इसकी गंभीरता का अंदाजा इसकी भूमिका की दूसरी पंक्ति से लगाया जा सकता है, जिसमें कहा गया है- ‘‘यह उपनिवेशी राजसत्ता से या ‘भारत पर राज करने वाले व्यक्तियों’ से अधिक भारतीय जनता पर केन्द्रित है’’। वस्तुतः इतिहास ही वह सबसे धारदार अस्त्र है जो शिक्षार्थियों में समग्रतावादी और वैज्ञानिक दृष्टि पैदा करता है और यह अकारण नहीं कि है शिक्षा के क्षेत्र में संघ परिवार का पहला और केन्द्रित हमला इतिहास पर हुआ है। इतिहास मानव जाति को सच्ची आत्म-चेतना से लैस करने का साधन है और उज्जवल भविष्य की ओर उनके बढ़ने की कुंजी भी।
बीते दिनों केरल पुलिस के 16 अधिकारियों ने झारखंड के 123 बच्चों को केरल से जसीडीह स्टेशन पहुंचाया गया। ये बच्चे मानव तस्करी के जरिए केरल के अनाथालय में पहुंचाया गया था। पिछले वर्ष भी इसी तरह थोक में बच्चों की मानव तस्करी की एक और मामले का पर्दाफाश हुआ था। राजस्थान के भरतपुर रेलवे स्टेशन से 184 बाल मजदूरों को मुक्त करा कर पटना पहुंचाया गया। आए दिन देश के हर राज्य के अखबारों में बच्चों के गायब होने की खबर किसी ने किसी पन्ने के कोने में झांकती रहती हैं। देश बड़ा है। आबादी बड़ी है। संभव हो आपके आसपास कोई ऐसा नहीं मिले, जिसके बच्चे होश संभालने से पहले ही गायब हो चुके हो। इसलिए आपको जानकार थोड़ा आश्चर्य होगा, लेकिन हकीकत यह है कि आज देशभर में करीब आठ सौ गैंग सक्रिय होकर छोटे-छोटे बच्चों को गायब कर मानव तस्करी के धंधे में लगे हैं। यह रिकार्ड सीबीआई का है। मां-बाप का जिगर का जो टुकड़ा दु:खों की हर छांव से बचता रहता है, वह इस गैंग में चंगुल में आने के बाद एक ऐसी दुनिया में गुम हो जाता है, जहां से न बाप का लाड़ रहता है और मां के ममता का आंचल। किसी के अंग को निकाल कर दूसरे में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है, तो किसी को देह के धंधे में झोंक दिया जाता है, तो हजारों मजदूरी की भेंट चढ़ जाते हैं। पीड़ित में ज्यादातर दलित समाज से संबंद्ध हैं।
मथुरा। पत्रकार ऋचा पंडित पानेरी को हाल ही में हिन्दी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में ब्रज प्रेस क्लब मथुरा की ओर से मथुरा में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया। मथुरा से प्रकाशित पत्रिका ‘बेटियां’ की उदयपुर की ब्यूरो चीफ श्रीमती ऋचा पंडित पानेरी को यह सम्मान उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री रामसकल गुर्जर के हाथों दिया गया।
रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर में ‘ग्रामीण भारत और मीडिया’ विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार पी. साईंनाथ ने कहा कि ‘ग्रामीण भारत की सबसे बड़ी समस्या पलायन है। पलायन के कारण गांव खाली हो गए हैं। इस कारण परिवार टूट रहे हैं। ग्रामीण भारत में असमानता, स्वास्थ्य एवं जल की उपलब्धता की भी समस्या है। ये समस्याएं ग्रामीण भारत के विकास की सबसे बड़ी बाधाएं हैं। वहीं मीडिया में ग्रामीण भारत नहीं दिखता, क्योंकि इस डिजिटल युग में बड़े व्यवसायिक एवं राजनीतिक घराने मीडिया व्यवसाय में उतर आए हैं। ऐसे में मीडिया कार्पोरेट घरानों एवं विज्ञापनदाताओं के प्रति गंभीर हो गया है। टेलीविजन न्यूज अब टॉक टीवी हो गया है।
नई दिल्ली। सिद्धार्थनगर जिले के वरिष्ठ पत्रकार नजीर मलिक ने प्रेस क्लब के चुनाव में रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की है। एक तरफा मुकाबले में सिटी टाइम्स के ब्यूरो चीफ नजीर मलिक को 100 वोट मिले जबकि प्रतिद्वंदी राहुल श्रीवास्तव को 30 वोटों से संतोष करना पड़ा। प्रेजिडेंट पद के लिए मैदान में तीसरा उम्मीदवार कोई नहीं था। जीत के बाद नजीर मलिक ने कहा है कि शहर में पत्रकारिता कर रहे नौजवानों को एक पत्रकार और उसकी पत्रकारिता की जबरदस्त समझ है। यही वजह है कि मेरे लिए एकतरफा वोटिंग की गई।
रोज की तरह आज भी मैं दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन से कश्मीरी गेट तक के लिए मेट्रो में चढ़ा लगभग 20 मिनट का छोटा सा सफ़र है. रोज की ही तरह नए-नए चेहरे मेरे सामने थे, मैं दूसरी बोगी के 2 नंबर गेट के पास वाली पहली सीट पर जा बैठा. मेरे बगल वाली सारी सीट खाली थी. आज सुबह भीड़ कुछ कम थी, शायद सप्ताह का आखिर दी होने के कारण लोग अपने घरों में छुट्टी का लुत्फ़ उठा रहे थे. अगले स्टेशन पर कुछ सज्जन आकर मेरे साथ वाली सीट छोड़कर बैठ गए. तीसरा स्टेशन मानसरोवर पार्क आया और अचानक एक व्यक्ति मेरे साथ वाली सीट पर आ बैठा. देखने में तो ठीक-ठाक ही लग रहा था. पर था कुछ अलग. कहने का तात्पर्य है कि बाकी लोगों से कुछ अलग था. दो स्टेशनों तक तो वह शांत मुद्रा में बैठा रहा. पर आकस्मिक ही उसे न जाने क्या हुआ अजीब सी हरकतें करने लगा. अपने जूतों को उतार कर अपनी जैकेट में रखने लगा, मोजों से खिलवाड़ करने लगा. कभी किसी को तो कभी किसी को छेड़ रहा था. अपने में ही मगन हंस रहा था.
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने राज्य सरकार से पीयूष श्रीवास्तव का हटा कर राकेश सिंह को एसपी संभल के पद पर तैनात किये जाने से सम्बंधित दस्तावेज़ सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने प्रमुख सचिव गृह को भेजे अपने पत्र में आरोपित किया है कि यूपी में आईएएस और आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा चलने की बात कही जाती है. हाल में एसपी संभल के पद पर तैनाती इसका ज्वलंत उदाहरण है.
गुवाहाटी। वरिष्ठ पत्रकार रूप कुमार दास का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार थे और शहर के एक अस्पताल में अपना इलाज करा रहे थे। उनका अंतिम संस्कार पानीखैती में किया गया। बाद में उनकी अस्थियों को गुवाहाटी प्रेस कल्ब में लाया गया जहां सदस्यों ने उन्हे श्रृद्धांजली दी। दास पिछले बीस वर्षों से प्रिंट मीडिया से जुड़े हुए थे।
Bhiwani, June 27, 2014: Digvijay Singh Chautala paid rich tribute to veteran journalist Davbrat Vashistha on Thursday on the first death anniversary of the late journalist and termed Vashistha as “a great thinker, writer, journalist and philanthropist”. He added “We should learn from his life and dedication”.
इलैक्ट्रॉनिक मीडिया की चमक-दमक देख कर ऐसा लग सकता है कि इसमें कार्यरत एंकर और पत्रकार अच्छे वेतन के साथ ही अच्छे माहौल और सेवा शर्तों के अधीन कार्य करते हैं। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। तनु शर्मा प्रकरण ने मीडिया की चमक के पीछे की सच्चाई को सामने ला दिया है जहां संविदा(कॉन्ट्रैक्ट) कर्मियों को मालिकों की अजीबो-गरीब शर्तों के अधीन काम करना पड़ता है। मालिकान ऐसी शर्तों के साथ कॉनट्रैक्ट करते हैं कि कर्मचारी के लिए नौकरी छोड़ना मुश्किल भरा कदम हो जाता है। ये भी सही है कि कर्मचारी भी मीडिया की चमक, उसके ग्लैमर पॉवर और पैसे के लालच में ऐसे कॉनट्रैक्ट में खुद को बांध लेते हैं।
प्रिय यशवंत भाई, आपकी वेबसाइट भड़ास4रमीडिया के नये कलेवर से गुजरा। इसे जांचा-परखा तो पाया यह अच्छा तो है लेकिन इसमें कसाव के बजाय बिखराव और बेतरतीबी है जो इसके सौदर्य को बाधित करती है। आपने तीन कालम वाला लेआउट चुना है जिसमें बायें और दायें कालम की सजावट तो अब सुधरती और तरतीब में आती दिखती है लेकिन बीच वाला कालम अब भी उच्छृंखल लगता है, कभी इधर भागता तो कभी उधर भागता, अपनी जगह पाने को बेचैन। कृपया इसे इसकी उपयुक्त जगह दीजिए और साथ ही इसके आकार-प्रकार पर भी नकेल दीजिए।
विनय स्मृति व्याख्यानमालाः5
नई दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित जवाहरलाल नेहरू नेशनल यूथ सेंटर पर 22 जून 2014 की दोपहर एक-एक कर पत्रकार साथियों का जुटान शुरू हो गया। विनय तरुण की स्मृति में ये पांचवां आयोजन था। पांच साल पहले विनय के असामयिक निधन से जो साथी सदमे में थे, वो अब विनय की यादों के बहाने साल में एक बार जमा होकर अपना मन टटोलते हैं, कि सादगी और सच्चाई कितनी बाकी है, उस पौधे में थोड़ा पानी डाल लेते हैं। प्रगतिशील मीडियाकर्मियों और संस्कृतिकर्मियों के संगठन दस्तक की ओर से आयोजित कार्यक्रम के पहले सत्र में साथियों ने अनौपचारिक तौर पर कुछ बातें शेयर की।
As is known, the steel workers of Wazirpur have been on strike since June 6, under the leadership of ‘Garam Rolla Mazdoor Ekta Samiti’. Today, in the negotiation in Deputy Labour Commissioner’s Office, the owners of all plants gave in to the demands of workers and accepted to implement the 8-hour workday, double rate overtime, minimum wages, ESI, PF for the workers of Wazirpur.
कला जीवन की पुनर्रचना है। जीवन और समाज की सच्चाई कला के माध्यम से जब अभिव्यक्त होती हैं तो उसका गहरा प्रभाव हमारे मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। ये सच्चाइयां हमें संवेदनशील व विचारवान बनाती हैं, हमें जाग्रत करती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि कला व कलाकार का जीवन्त रिश्ता जीवन व समाज से हो। समाज के आलोड़न, उथल-पुथल, संघर्ष से जुडाव जहां कला को जीवन्त बनाता है, वहीं कलाकार को संजीदा, जिम्मेदार व प्रतिबद्ध बनाता है। लखनऊ के संस्कृतिकर्मी व रंग निर्देशक महेशचन्द्र देवा ऐसे ही कलाकार है जो अपने साथियों व संस्था ‘मदर सेवा संस्थान’ की ओर से ऐसा ही कुछ करने के लिए प्रयत्नशील हैं।
4रीयल न्यूज़ से सूचना आ रही है कि प्रबंधन ने चंडीगढ़ ब्यूरो ऑफिस बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है। इसके संबंध में कर्मचारियों को कोई नोटिस नहीं दिया गया है। प्रबंधन ने यहाँ के स्टाफ के बारे में बिना कुछ सोचे समझे यह निर्णय लिया है। प्रबंधन के इस एकतरफा फैसले से कर्मचारियों में रोष है।
To
Sh. Pranab Mukharjee,
Hon’ble President of India,
New Delhi.
PAYMENT OF LEGAL FEE BY GOVERNMENT ORGANISATIONS
Sir,
As your kind honour is aware that various Govt. organs have to engage counsels for putting forth cases before Courts and Tribunals. I am astonished to gain knowledge that Union Public Service Commission has engaged advocates at very high Legal Fees, and wasting public money by paying hefty fees to advocates like charity. UPSC has engaged two advocates in SLP No.16870/2012 at fees of Rs. 686310. It is also observed that Sh. Rohinton F. Nariman has been paid Rs.550000 in the case but he has never appeared in court in the case as per record. Thus the money has been paid under a conspiracy by UPSC Authorites for no work done.
तनु शर्मा ने पुलिस को पुलिस को दिए अपने बयान में जो कुछ कहा है वो मीडिया की चमक दमक के पीछे छिपी गंदगी को उजागर करता है। तनु पिछले बारह सालों से मीडिया में काम कर रही हैं। बकौल उनके जिस दिन से उन्होने इंडिया टीवी ज्वाइन किया उनके बुरे दिन शुरू हो गए। वे सीधे-सीधे इंडिया टीवी की एमडी और रजत शर्मा की पत्नी रितु धवन पर आरोप लगाते हुए कहती हैं कि अनीता शर्मा बिष्ट और एमएन प्रसाद ने जो कुछ भी किया उनके इशारों पर ही किया। अनीता और प्रसाद रितु के इशारों पर तनु से बार बार ग़लत काम करने के लिए कहते थे जिसके लिए वो मनाकर देती थी।
पत्रिका से भारी उठापटक की सूचनाएं आ रही हैं। रायपुर ऐडिशन के संपादक रह चुके गिर्राज शर्मा के बारे में सूचना है कि उन्होंने ईटीवी राजस्थान में एडिटर के रूप में ज्वाइन किया है। गिर्राज शर्मा ने अपना कैरियर पत्रिका के गंगानगर संस्करण में डाटा ऐंट्री आपरेटर के रूप में शुरु किया था। वे पत्रिका रायपुर ऐडिशन के रेजीडेन्ट ऐडीटर भी रह चुके हैं।
मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर समाचार पत्र संस्थानों ने किस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाया है इसकी ख़बरें भड़ास पर निरंतर आती रहीं हैं। लेकिन जिन संस्थानों में यूनियनें अपना हक लेने पर अड़ गयीं वहां प्रबंधन को मजीठिया देना ही पड़ा है। ताजा मामला दैनिक नवज्योति का है। नवज्योति की यूनियन ने सरकारी विज्ञापनों के डंडे से वेजबोर्ड लेने का सफल प्रयोग किया है।
इंडिया टीवी की एंकर तनु शर्मा ने 22.06.2014 को पुलिस को दी तहरीर में अनीता शर्मा और एमएन प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तनु ने कहा है कि अनीता शर्मा ने उसे ज्वाइन करने के दिन से ही परेशान करना शुरू कर दिया था। वो रोज़ उसे छोटी से छोटी बात पर हैरेस और मेंटली टॉर्चर करती थी। तनु ने अनीता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह उससे ग़लत काम करने को कहती थी। तनु ने जब ग़लत काम करने से मना कर दिया तो अनीता उससे और ज्यादा नाराज़ हो गई।
वो हैं पास और याद आने लगे हैं
मुहब्बत के होश अब ठिकाने लगे हैं ।
अपने विवाह की बत्तीसवीं सालगिरह पर आज 28 जून, 2014 को खुमार बाराबंकवी के इस शेर का मर्म समझ में आने लगा है । हालां कि यह शेर जाने कितनी बार सुना है और गुनगुनाया है । अकसर ही । पर मर्म तो अब समझ में आया है । आज ही । विवाह, पत्नी और उन की याद के सिलसिले को गोते मार-मार कर कर या सीधे-सीध कहने की तफसील का या फिर इधर-उधर का किस्सा बटोरूं तो आप हजरात बुरा कतई न फरमाइएगा । वो कहते हैं न कि :
इतना तफ़सील में जाने की ज़रूरत क्या है
दो कदम चल के बता दो क़यामत क्या है।
श्रम उपायुक्त, गौतम बुद्ध नगर द्वारा श्री न्यूज़ प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों को पिछले 4 माह से सैलरी न दिए जाने, उनके मानसिक-आर्थिक-शारीरिक उत्पीड़न, कर्मचारियों को धमकाने और क़ानून को अवहेलना के मामले में 3 नोटिस जारी किए गए हैं। लेकिन श्री न्यूज़ के मालिक मनोज द्विवेदी, सीईओ अल्वीना क़ासिम और सीओओ प्रशांत द्विवेदी इस मामले को लेकर अभी भी बेसुधी की चादर ओढ़े हैं। श्रम उपायुक्त, गौतम बुद्ध नगर के पास श्री न्यूज़ के कर्मचारियों ने 17 जून, 18 जून और 20 जून को संयुक्त रूप से अलग-अलग कई शिकायतें दर्ज करवाई थी। इसमें न केवल सैलरी न दिए जाने का मामला था बल्कि कर्मचारियों को धमकाने और श्रम विभाग द्वारा संस्थान में यथास्थिति बनाए रखने के नोटिस के बावजूद सैलरी मांगीने वाले कर्मचारियों को ग़ैरक़ानूनी तरीके से निष्कासन का मामला भी था।
लहलहाती फसल हो या फिर परती जमीन। जबरदस्त बरसात के साथ शानदार उत्पादन हो या फिर मानसून धोखा दे जाये और किसान आसमान ही ताकता रह जाये। तो सरकार क्या करेगी या क्या कर सकती है। अगर बीते 10 बरस का सच देख लें तो हर उस सवाल का जबाव मिल सकता है कि आखिर क्यों हर सरकार मानसून कमजोर होने पर कमजोर हो जाती है और जब फसलें लहलहाती है तब भी देश के विकास दर में कृषि की कोई उपयोगिता नहीं होती। तीन वजह साफ हैं। पहला 89 फिसदी खेती के लिये देश में कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। दूसरा, देश में अनाज संरक्षण का कोई इन्फ्रास्ट्क्चर नहीं है। तीसरा कृषि से कई गुना ज्यादा सब्सिडी उद्योग और कॉरपोरेट को मिलता है। यानी मोदी सरकार ने जो आज अनाज संरक्षण से लेकर गोदामों में सीसीटीवी लगाने की योजना बनायी वह है कितनी थोथी इसका अंदाजा इसे से हो सकता है। कि औसतन देश में 259 मिलियन टन अनाज हर बरस होता है। लेकिन सरकार के पास 36.84 मिलियन टन अनाज से ज्यादा रखने की व्यवस्था है ही नहीं। यानी हर बरस दो सौ मिलियन टन अनाज रखा कहां जाये, यह हमेशा से सवाल ही रहा है। और असर इसी का है कि 44 हजार करोड़ रुपये का अनाज हर बरस बर्बाद हो जाता है। यानी सरकार जो भी सब्सिडी खेती के नाम पर किसानों को देती है उसका आधा सरकार के पास कोई प्लानिंग ना होने की वजह से पानी में मिल जाता है।
नई दिल्ली। इटरनेट का उपयोग करने वाले और सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों से अवगत कराने के प्रयोजन से केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने फेसबुक पर अपना पेज शुरू किया है। इसके माध्यम से मंत्रालय का उद्देश्य अधिक लोगों विशेषकर योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा संवाद स्थापित करना है।
लीजिए आ गए अच्छे दिन। एंकर तनु शर्मा को आत्महत्या की कोशिश करने के अपराध में जेल भिजवाने की तैयारी इंडिया टीवी प्रबंधन ने कर ही ली थी। अब गाली गलौच करने और धमकाने का आरोप भी लगा दिया गया है। सूचना है कि तनु शर्मा के खिलाफ नोएडा फेस-टू के पुलिस स्टेशन में आत्महत्या की कोशिश, गाली गलौच करने और धमकाने के आरोप में आईपीसी की धारा 309, 504, 506 के तहत केस दर्ज कराया गया है। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एसएचओ ने बताया कि तनु को कुछ दिनों से उसके ऑफिस में परेशान किया जा रहा था। हताश होकर उसने ऑफिस में ही जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की थी।
सामाजिक कार्यकर्ता अमिताभ और नूतन ठाकुर ने आज डीजीपी, उत्तर प्रदेश को जनपद न्यायालय, लखनऊ के पुलिस लॉकअप की बहुत ही खराब स्थिति से अवगत कराते हुए इसमें सुधार कराये जाने का आग्रह किया है.
यशवंत जी, मीडिया में मेरा अनुभव बहुत ज्यादा तो नहीं, पर इतना समझ जरुर आ गया है की चैनल छोटा हो या बड़ा शोषण हर जगह होना है। मैं बात कर रहा हूं देश क सबसे बड़े चैनल आज तक के बारे में। कुछ महीनो पहले मुझे आज तक के लैंडलाइन नंबर से काल आई। नंबर देख कर मैं अचंभित हुआ। मैंने झट से फ़ोन रिसीव किया, उधर से आवाज आई ‘मैं आज तक के एचआर डिपार्टमेंट से बोल रही हूं। आपका रिज्यूम ‘…….’ जी से प्राप्त हुआ, क्या आप इंटरव्यू के लिए आ सकते हैं।’ मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं करूं क्या? और ऐसा होना स्वभाविक भी था। देश के सबसे बड़े न्यूज़ चैनल से काल जो आई थी, और बुलावा भी ऐसे शो (‘सो सॉरी’) के लिए था जो पहले से ही बहुत पॉपुलर था।
यूजीसी और एमएचआरडी में सर्वाधिक धीमी गति से कार्य करने में नम्बर एक पर रहे लखनऊ स्थित बीआर अम्बेडकर विवि में बेईमानी चरम पर है। हाल ही में यहां पर मीडिया सेंटर के लिए हुए इंटरव्यू में सेंटर इंचार्ज और जूनियर रीसर्च ऑफीसर के पद के लिए हुयी भर्ती के साक्षात्कार की बाद की स्थिति को देखकर तो ऐसा ही लगता है। 07 मई और 29 मई 2014 को हुए क्रमशः सेंटर डायरेक्टर और जूनियर रीसर्च ऑफीसर पद के साक्षात्कार के लिए सलेक्शन कमेटी बुलाई गयी थी। लेकिन दोनो ही पदों के लिए यथायोग्य उम्मीदवार मिलने के बावजूद दोनो ही पदों को एनएफएस यानी नन फाउंड सूटेबल घोषित कर 4 जून को इन पदों को कर दिया गया।
Yashwant Singh : ह्वाट्सएप पर किन्हीं सज्जन ने मुझे एक गैंगरेप का वीडियो भेजा है. एक किशोर उम्र की बच्ची के साथ तीन लड़के हैवानियत कर रहे हैं. कुछ मिनट के इस वीडियो को यह कहते हुए एक ने शूट किया है कि यह कोआपरेट नहीं कर रही इसलिए इसका गुप्तांग और इसका चेहरा शूट कर वीडियो बना लो. साथ में इसने लड़की को धमकाया कि अब तेरा ये वीडियो हर जगह चलेगा, अगर कुछ बोली तो.
वे कौन लोग है जो एसपी को याद करते हैं। वे कौन लोग है जो खुद को ब्रांड बनाने पर उतारु हैं, लेकिन एसपी को याद करते हैं। वे कौन लोग है जो पत्रकारिता को मुनाफे के खेल का प्यादा बनाते हैं लेकिन एसपी को याद करते हैं। वे कौन है जो एसपी की पत्रकारीय साख में डुबकी लगाकर अतीत और मौजूदा वक्त की पत्रकारिता को बांट देते हैं। वे कौन है जो समाज को कुंद करती राजनीति के पटल पर बैठकर पत्राकरिता करते हुये एसपी की धारदार पत्रकारिता का गुणगान करने से नहीं कतराते। वे कौन है जो एसपी को याद कर नयी पीढी को ग्लैमर और धंधे का पत्रकारिता का पाठ पढ़ाने से नहीं चूकते। वे कौन है जो पदों पर बैठकर खुद को इतना ताकतवर मान लेते हैं कि एसपी की पत्रकारिता का माखौल बनाया जा सके और मौका आने पर नमन किया जा सके। इतने चेहरों को एक साथ जीने वाले पत्रकारीय वक्त में एसपी यानी सुरेन्द्र प्रताप सिंह को याद करना किसी त्रासदी से कम नहीं है। मौजूदा पत्रकारों की टोली में जिन युवाओ की उम्र एसपी की मौत के वक्त दस से पन्द्रह बरस रही होगी आज की तारिख में वैसे युवा पत्रकार की टोली कमोवेश हर मीडिया संस्थान में है।
सदन की कार्यवाही मोबाइल में शूट करने के आरोप में यूपी के तीन पत्रकारों का विधानसभा में प्रवेश निलंबित कर दिया गया है. ये तीन पत्रकार हैं मोहम्मद ताहिर, अमिताभ त्रिवेदी और मनीष कुमार मिश्र. तीसरे पत्रकार मनीष कुमार मिश्र को बीबीसी का पत्रकार बताया गया है जबकि यूपी में बीबीसी की तरफ से कोई पत्रकार नियुक्त नहीं किया गया है. पूरे प्रकरण पर लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर ने अपने फेसबुक वॉल पर विस्तार से लिखा है, जिसे नीचे प्रकाशित किया जा रहा है.
Vineet Kumar : कैम्पा कोला कंपाउंड, मुंबई को लेकर आप पिछले कुछ दिनों से न्यूज चैनलो, अखबारों और सरोकारी चेहरे की मदद से एक के बाद एक मानवता से लदी-फदी जो खबरे देखते-पढ़ते हैं, आपको जानकर हैरानी होगी कि ये सब करने के लिए कैंपा कोला कंपाउंड के निवासियों ने CONCEPT PR नाम की पीआर एजेंसी हायर की. जाहिर है इस पीआर एजेंसी ने निवासियों के प्रति संवेदनशीलता और इसके पक्ष में माहौल बनाने के लिए लाखों रूपये लिए होंगे और जो मामला कोर्ट और नियमों के आगे इनके विरोध में गया, वो सहानुभूति के स्तर पर इनके पक्ष में जाता दिखाया-बताया जाने लगा.
नेशनल दुनिया मेरठ के कर्मचारियों और मालिक शैलेंद्र भदौरिया व मेरठ संपादक सुभाष सिंह के बीच चल रहे रण में 26 जून को नया मोड़ आया. कर्मियों को चार महीने की सेलरी का चेक दे दिया गया है. लेकिन ये पोस्ट डेटेड चेक हैं जो जुलाई में भुनने हैं. अब कर्मी डरे हुए हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि कानून के डर से तुरंत चेक तो दे दिए लेकिन जब इसे जुलाई में भुनाने जाएंगे तो ये बाउंस न हो जाएं. हालांकि चेक बाउंस होना भी कानूनी अपराध है और इसको लेकर कोर्ट में कर्मी जा सकते हैं पर हर कर्मी सबसे पहले यही कामना कर रहा है कि चेक से पैसे एकाउंट में आ जाए ताकि वह घर परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सके.
किसी नेता को छींक भी आती है तो बड़ी खबर बन जाती है। मीडिया का झुंड उस नेता के पीछे-पीछे घूमता रहता है। लेकिन जब उसी मीडिया घराने पर जुल्म और अत्याचार होता है तो क्यों सभी मौन धारण कर लेते हैं? श्री न्यूज़ में पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं आई है। पूरा स्टाफ ज़िल्लत और रुसवाई के दिन काट रहा है। उधार के लिए सभी दरवाजे बंद हो गए हैं। भला कोई कब तक उधार देता रहेगा। बीवी-बच्चों, परिवार की जरुरतें है, जो पैसे बिना पूरी नहीं की जा सकतीं।
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को एचटी मीडिया लिमिटेड की दलील पर सुनवाई सात जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। एचटी मीडिया लि. ने रीडरशिप सर्वे काउंसिल ऑफ इंडिया और मीडिया रिसर्च यूज़र्स काउंसिल द्वारा इंडियन रीडरशिप सर्वे(आईआरएस) 2013 के आंकड़ों को 31 मार्च तक स्थगित रखने के फैसले को चुनौती दी थी। कई मीडिया ग्रुप्स ने आईआरएस 2013 के आंकड़ों पर आपत्ती जताते हुए उन्हे वापस लेने की मांग की थी।
महाराष्ट्र के पत्रकारों ने कल सामाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल पेश की। राष्ट्रीय राजमार्ग-17 कोंकण के तीन जिलों से होते हुए मुंबई को दक्षिण भारत से जोड़ता है। मुंबई और पूना को जोडने वाले सभी राजमार्ग, जैसे मुंबई-अहमदाबाद, मुंबई-नासिक, मुंबई-पूना और पूना से जोड़ने वाले पूना-कोल्हापुर, पूना-औरंगाबाद, पूना शोलापुर को फोर लेन करने का काम दस साल पहले ही पूरा हो गया था। लेकिन अधिक महत्व वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-17 को फोर लेन करने का पूरा नहीं हो रहा था। यह राष्ट्रीय राजमार्ग होते हुए भी बहुत छोटा है। इस राजमार्ग पर यातायात भी बहुत रहता है। यहां होने वाली दुर्घटनाओं में रोज़ाना औसतन पांच व्यक्ति घायल होते हैं दो मौतें होती हैं।
मासिक पत्रिका ‘द डे आफ्टर मंथ’ के दो साल पूरे होने और सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर के 103वें जन्म दिन पर विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर विष्णु प्रभाकर पर केन्द्रित ‘द डे आफ्टर मंथ’ के विशेषांक का लोकापर्ण मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार और समयांतर पत्रिका के संपादक पंकज बिष्ट, बिड़ला फाउंडेशन के निदेशक और साहित्यकार डॉ. सुरेश ऋतुपर्ण और प्रेमपाल शर्मा द्वारा किया गया। इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मॉरीशस से पधारे प्रह्लाद रामशरण, पंजाब नेशनल बैंक के क्षेत्रीय महाप्रबंधक एसआर शर्मा और मुंगेर(बिहार) से पधारे महंत भगवतीनंदन उपस्थित थे।
हिमालय को लेकर केंद्र सरकार की चिंता व गंभीरता ने अब तक राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर रहे उत्तराखण्ड सहित अन्य हिमालयी राज्यों में भी एक नई आशा जगा दी है। जहाँ एक तरफ सरकार उत्तराखण्ड में हिमालय सम्बंधी अध्ययन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी में जुटी है, वहीं हिमालय पर राष्ट्रीय मिशन और हिमालय सस्टेनेबलिटी फंड भी शुरू करने जा रही है। केंद्र की यह पहल जलवायु परिवर्तन व प्रदूषण की वजह से हिमालय को हो रहे भारी नुकसान से बचाने के लिए दीर्घकालिक तैयारी का हिस्सा है। उत्तराखण्डवासियों के लिए यह गौरव का विषय है कि प्रस्तावित योजना के तहत यहाँ की पावन देवभूमि में समूचे हिमालयी क्षेत्र के लिए विकास की नई नीतियां व तकनीकें तैयार की जायेंगी। उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि नेपाल व चीन की सीमा से सटे और साथ ही समूचे राष्ट्र की सामरिक सुरक्षा के लिए संवेदनशील यहाँ के सैकड़ों निर्जन हो गये गाँवों में फिर से बहार लौटने की संभावना बढ़ गई है।
औरंगाबाद (बिहार)। लोक सभा में भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह के नागरिक अभिनन्दन समारोह में न्यूज़ कवरेज करने गए इंडिया न्यूज़ के पत्रकार धीरज पाण्डेय और प्रभात खबर के पत्रकार उपेन्द्र चौरसिया को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
लखनऊ, 26 जून। समाचार प्लस न्यूज चैनल के ब्यूरो प्रमुख आलोक पांडे के पिता रामनरेश पांडे का गुरुवार शाम हृदयाघात से निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह भैंसाकुंड पर किया जाएगा।
पीपल्स फोरम की ओर से आज प्रेस क्लब लखनऊ में “रोडमैप टू बेटर पुलिसिंग इन यूपी” पर एक सेमिनार आयोजित किया गया. इस सेमिनार में रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस अफसरों सहित अन्य क्षेत्रों के लोग भी शामिल हुए. इस सेमिनार तथा ब्रेन स्टोर्मिंग सेशन का उद्देश्य यूपी में बेहतर पुलिसिंग के लिए अल्पावधि तथा दीर्घकालिक उपाय सुझाना था.
पच्चीसवें हफ्ते की टीआरपी में इंडिया टीवी का सर्वाधिक पतन हुआ है. यह डेढ़ प्वाइंट नीचे गिरा है. बावजूद इसके अभी भी नंबर दो की पोजीशन पर कायम है. एबीपी न्यूज नंबर तीन पर गिरा पड़ा है. सबसे ज्यादा फायदा इस हफ्ते न्यूज24 को हुआ है. 25+ की कैटगरी में तो इस चैनल ने इंडिया …
Dilip C Mandal : कैंसर के साथ जीते हुए अनुराधा ने यह मुश्किल काम भी किया. अनुराधा की रचना प्रक्रिया और कार्य शैली को जानें. शिक्षक, पत्रकार और लेखक सुरेंद्र प्रताप सिंह की कल बरसी है. 1948 में जन्मे एसपी सिंह का, जीवन के 50 साल पूरे करने से पहले ही, आकस्मिक बीमारी की वजह से 27 जून 1997 को निधन हो गया. पत्रकारिता के नए छात्र उन्हें आज तक के संस्थापक के रूप में जानते हैं. रविवार पत्रिका की शुरुआत से लेकर धर्मयुग, नवभारत टाइम्स, इंडिया टुडे और बीबीसी से वे जुड़े रहे. मॉडर्निटी, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और स्त्री अधिकारों के प्रति असंदिग्ध प्रतिबद्धता उन्हें भीड़ से अलग पहचान देती है.
Vikram Singh Chauhan : मेरे पिता श्री नारायण सिंह चौहान (वरिष्ठ पत्रकार ) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ के कैम्पा फण्ड (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority (CAMPA)) में भ्रस्टाचार पर दाखिल जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली हैं। सुप्रीम कोर्ट के लताड़ के बाद केंद्र ने 2009 में उजड़े वनों के लिए फिर से वनीकरण (Afforestation) हेतु इस कोष का गठन किया था।
इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इंदौर प्रेस क्लब की वेबसाइट www.indorepressclub.in का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर प्रेस क्लब की रचनात्मक गतिविधियों की प्रशंसा की और इसे देश का सर्वाधिक सक्रिय व जीवंत प्रेस क्लब बताया। इस अवसर पर जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव और मुख्यमंत्री के सचिव एसके मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को छल और आपराधिक न्यासभंग के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सम्मन भेजा है। उन्हे 7 अगस्त को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है। इन दोनों के अतिरिक्त मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस और सैम पित्रोदा को भी समन भेजा गया है। मामला नेशनल हेराल्ड के फंड में हुयी कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।
Kanwal Bharti : दैनिक जागरण की प्रतियाँ जलाने वाले दलितों को अब जाकर पता चला है कि वह भाजपा का अख़बार है, जबकि वह तो अपने जन्म से ही संघ के हिंदुत्व का अख़बार रहा है. यही नहीं, ‘पान्चजन्य’, ‘ऑर्गनाइजर’ और ‘पायनियर’ भी संघ और भाजपा-समर्थक अख़बार ही हैं. किस-किस को जलाओगे? यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का अलोकतांत्रिक कार्य है. दलित क्यों इन अख़बारों को पढ़ते हैं? इन्हें खरीदना और पढ़ना बंद करना ही इनका सही बहिष्कार है. अगर लोकतान्त्रिक तरीके से आक्रामक विरोध करना है तो जिले-जिले में सेमिनार और गोष्ठियां कीजिये.
I am writing this email to let you know or add to what my colleague xyz brought forward regarding difficulty that is being faced in our day to day job specifically with female employees. I am in complete agreement with the email my colleague xyz sent earlier as I am familiar with the situation she was in because I also faced similar circumstances few months back.
जी हां. अच्छे दिन पूरी तरह से आ गए हैं. बड़े लोग कितना भी बड़ा अपराध कर लें, बचे रहेंगे. आम आदमी बिना अपराध नाप दिया जाएगा. इंडिया टीवी की एंकर तनु शर्मा को आत्महत्या की कोशिश करने के अपराध में जेल भिजवाने की तैयारी में है इंडिया टीवी प्रबंधन. रजत शर्मा ने अपनी पत्नी रितु धवन को पूरी तरह बचा लिया है और उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का भी मुकदमा नहीं चलेगा.
मीडिया में शीर्ष पदों पर काबिज लोग झूठ बोलकर किस कदर आम मीडियाकर्मियों का उत्पीड़न करते हैं, चीटिंग करते हैं, धोखा देते हैं, इसके बारे में जानना हो तो सुशील राणा के हाल-बेहाल को जानिए. सुशील राणा एक दफे दैनिक जागरण में काम कर चुके थे लेकिन जब उनको एडिटोरियल से हटाकर प्रोडक्शन में किया गया तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया. दुबारा उन्हें जब आई-नेक्स्ट में ज्वाइन कराया जा रहा था तो सुशील राणा ने कहा कि वे डिजायनिंग और आर्ट से जुड़े व्यक्ति हैं जिसका विभाग संपादकीय होता है, न कि प्रोडक्शन, इसलिए वह इसी शर्त पर आएंगे कि उन्हें संपादकीय में रखा जाए और पिछली बार की तरह प्रोडक्शन में न धकेला जाए.
अमर उजाला ने मजीठिया वेजबोर्ड को लागू करने में एक और कारनामा कर दिया है. पहले जहां अप्रैल में कर्मचारियों की सेलरी में मजीठिया वेजबोर्ड लागू करने के नाम पर मात्र 600 से 1000 रुपये तक का ही इन्क्रीमेंट दिया गया था वहीं मई माह की सेलरी में यह रकम भी दूसरे हाथ से प्रोविडेंट फण्ड घटाकर वापस ले लिया गया. जून महीने में कर्मचारियों को सेलरी मिली तो वे यह देख कर दंग रह गए कि उनकी सेलरी से प्रोविडेंट फण्ड की राशि 400 रुपये से लेकर 500 रुपये कम काटी जा रही है.
अखिलेश सरकार ने अपने उस विवादास्पद फैसले को सुधार लिया है जिसके चलते एक बदनाम अफसर को प्रदेश की कानून व्यवस्था की कमान सौंप दी गयी थी। वीकएंड टाइम्स में प्रमुख सचिव गृह दीपक सिंघल के कारनामों की खबर प्रकाशित होने के बाद हड़कंप मच गया था। यह खबर सोशल साइट पर बड़ी संख्या में शेयर हुई और दबाव बढ़ता देखकर दीपक सिंघल को प्रमुख सचिव गृह के पद से हटा दिया गया था।
सहारा मीडिया से सूचना है कि अनिल राय को सहारा न्यूज़ ब्यूरो (एसएनबी) का नया टेलीविजन प्रमुख बनाया गया है। सहारा के सभी टीवी पत्रकार अब सीधे अनिल राय को रिपोर्ट करेंगे। दिल्ली-एनसीआर ब्यूरो भी अनिल राय की निगरानी में रहेगा।
भारत की उच्च शिक्षा को दुनिया के खुले बाजार में लाने का पहला बड़ा प्रयास वाजपेयी की अगुवायी वाली एनडीए सरकार ने किया था। उस वक्त उच्च शिक्षा को डब्ल्यूटीओ और गैट्स के पटल पर रखा गया था और तभी पहली बार यह मान लिया गया था कि भारत में उच्च शिक्षा भी दुनिया के कारोबार का हिस्सा बन रही है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को एक एडवाईज़री जारी कर टीवी चैनलों को तेज़, लापारवाही पूर्ण और खतरनाक ड्राइविंग के फोटो और दृश्य दिखाते समय अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है। भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी इस प्रकार की तेज, लापरवाहीपूर्ण और ख़तरनाक ड्राइविंग के फोटो और दृश्यों को टीवी सीरियल्स, न्यूज़ फीचर्स और प्रिंट मीडिया में दिखाने पर चिंता ज़ाहिर की है। मंत्रालय के अनुसार ड्राइविंग को इस रूप में पेश करना जनहित के विरुद्ध हो सकता है।
Subject : Request For Justice
Dear Yashwant ji,
Editor, Bhadas4Media.com
Myself Neeraj Tiwari, i was associated with INX News Pvt. Ltd. B 4 Sec 3 Noida, UP, 201301 from 7th July 2009 till 18 Oct 2012 when HR head Miss. Shikha Rastogi told me to put my papers without any reason and promised me in front of Mr. Nandan Sigh Manager HR that News X will pay my one month full salary plus 18 days Oct 12 salary plus my 24 PL amount by next month.
पिछले दिनों आम आदमी पार्टी की हर एक खबर को सबसे पहले पहुंचाने की होड़ बड़े मीडिया हाउसों में थी। लेकिन वही मीडिया अब उनकी वैसी खबरों से मुंह मोड़ती दिखाई दे रही है। खासकर उन खबरों से जो रिलायंस जैसे बड़े औद्योगिक समूह से जुड़ा हो। एक बार फिर ‘आप’ की तरफ से रिलांयस इंडस्ट्रीज पर केजी गैस ब्लॉक के भंडारों के सिलसिले में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। ‘आप’ ने कैग की मसविदा रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि रिलायंस ने केजी ब्लॉक के भंडारों के बारे में ज्यादा अनुमान लगाकर कैपिटल इंवेस्टमेंट बढ़ा दिया और लेखा परीक्षण एजेंसी से सहयोग नहीं किया। कैग ने इसमें अनिएमितताएं बताई है।
फैजाबाद से खबर है कि एक निजी न्यूज चैनल के पत्रकार के साथ हाथापाई करने के आरोप में नगर कोतवाली पुलिस ने बीएसपी के पूर्व उपाध्यक्ष बजमी सिद्दीकी के खिलाफ मामला दर्ज कर मारपीट में शामिल उनके ड्राइवर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके अलावा पुलिस ने नेता की गाड़ी भी कब्जे में ले ली है।
मिस्र में प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड के बारे में झूठी ख़बरें प्रसारित करने और उसका समर्थन करने का दोषी पाए जाने पर अल-जज़ीरा चैनल के तीन पत्रकारों को सात साल जेल की सज़ा सुनाई गई है. तीनों पत्रकारों- पूर्व बीबीसी संवाददाता और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पीटर ग्रेस्टे, कनाडाई और मिस्री मोहम्मद फहमी और मिस्र के ही बाहेर मोहम्मद ने इन आरोपो से इनकार किया है. मोहम्मद को हथियार रखने के एक अन्य मामले में तीन साल और जेल की सज़ा सुनाई गई है.
उर्मिलेश
इन दिनों मीडिया से जुड़ा एक जरूरी सवाल गलत ढंग से उठाया जा रहा है. जब से नये सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि ‘सैद्धांतिक तौर पर वह अपने मंत्रालय को खत्म करने के पक्षधर हैं’, तब से कुछ कॉरपोरेट-गुरुओं और मीडिया-कारोबार से जुड़े लोगों ने ‘संपूर्ण मीडिया-स्वतंत्रता’ का नारा बुलंद करते हुए कहना शुरू किया है कि आज के दौर में ऐसे किसी मंत्रालय या बाहरी रेगुलेटर की कोई जरूरत नहीं है. सब कुछ फ्री कर देना चाहिए! मुङो लगता है, मीडिया से जुड़े एक बड़े सवाल को गलत ढंग से संबोधित किया जा रहा है.
आरएन सिंह
: २० सालों से अध्यक्ष पद पर कुंडली मारे बैठे हैं आरएन सिंह : संस्था के भवन के लिए उत्तरभारतीयों से वसूल रहे लाखों रुपए किराया : भाजपा का उम्मीदवार बनाना चाहता है भतीजा, विरोध में पार्टी को पत्र लिखेंगे उत्तर भारतीय : कभी मुंबई में उत्तर भारतीयों की प्रतिनिधि संस्था रहे ‘उत्तर भारतीय संघ’ पर एक अखबार मालिक ने कब्जा जमा लिया है। पिछले कई सालों से उत्तर भारतीय संघ पर अवैध कब्जा जमाने वाले ‘हमारा महानगर’ के मालिक आरएन सिंह एंड फेमिली बांद्रा में राज्य सरकार द्वारा दिए गए सरकारी जमीन पर बने उत्तरभारतीय संघ की इमारत को किराए पर देकर लाखों रुपए वसूल रही है। किराया वसूलने के बाद मामले में उत्तर भारतीयों को भी कोई रियायत नहीं दी जाती।
Awadhesh Kumar : मेरे खिलाफ व्यापक षडयंत्र अभियान… कृपया, इससे भ्रमित न हों… आज मैं जो कुछ लिख रहा हूं वह निश्चित रुप से मेरे से संबंधित है पर इसकी परिधि मेरे तक सीमित नहीं है। मेरे बारे में नए पत्रकारों या सामाजिक जीवन में रहने वालों को लगता रहा है कि मेरा जीवन बिना किसी बाधा के चल रहा है और चारों ओर से मुझे केवल सहयोग मिलता है। मैं कभी इसका उत्तर भी नहीं देता, क्योंकि अगर मैं सच बताने लगूं तो देश भर में वो सारे नवजवान जो मेरे जैसे लोगों से प्रेरित होकर कुछ करने की कोशिश करते हैं उनके अंदर भी निराशा घर कर सकती है। तो यह मेरी सामाजिक जिम्मेवारी थी कि अपने सामने की बाधाओं, प्रतिकूल परिस्थितियों को मैं अपने तक सीमित रखूं और पूरे उत्साह से काम करता दिखूं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी मामलों के जानकार डॉ बीडी शर्मा अपने समय के मॉडल कलक्टर रहे हैं. 1931 में मुरादाबाद में जन्मे डॉ शर्मा उड़ीसा में पॉस्को आंदोलन समेत देशभर में चल रहे जनांदोलनों को समर्थन देते रहे हैं. वे आबकारी नीति का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने ग्रीन हंट को ऑपरेशन ट्राइबल हंट कह कर सरकार की नक्सल हिंसा को कुचलने वाले अभियान की आलोचना की थी. डॉ शर्मा केंद्र सरकार की गलत नीति के विरोध में 1981 में कलक्टर पद से त्यागपत्र दे दिया था. उसके बाद उन्होंने भारत जन आंदोलन का गठन कर आदिवासियों के लिए काम करना शुरू किया.
आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में सोशल मीडिया की अहमियत बढ़ती जा रही है। कर्नाटक की मधुगिरि पहाड़ियों में ट्रैकिंग पर गए दिल्ली के सॉफ्टवेयर इंजीनियर गौरव अरोड़ा चढ़ाई के दौरान एक ऊंची पहाड़ी पर जाकर फिसल गए और कहीं नीचे जा गिरे। गौरव के मित्र प्रियांक पहले ही पीछे छूट चुके थे, इस कारण उन्हें इस दुर्घटना का पता ही नहीं चला।
The Delhi Union of Journalists and its Gender Council notes with deep concern the deteriorating work environment within media houses, particularly TV channels, which stands exposed by the attempted suicide of a woman TV anchor on the premises of India TV. Behind the glamour projected by the TV industry is the grim story of abysmal employment practices, 24/7 working hours, high pressure deadlines, arbitrary contracts and hire and fire practices.
वो हैं तो एक मामूली वित्तीय परामर्शदाता मगर उनकी हैसियत किसी राजा से कम की नहीं है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में बस एसके अग्रवाल का नाम लेकर देखिए आपको उनके जलवे का अंदाजा हो जायेगा। जिन खराब ट्रांसफार्मरों को समाजवादी पार्टी ने चुनावी मुद्दा बनाया था, उन्हें सप्लाई करने वाली कंपनियों के कर्ताधर्ता जेल में चक्की पीसने की जगह करोड़ों की कमाई कर रहे हैं क्योंकि इनकी खामियां पकड़ने वाले फाइनेंस कंट्रोलर ही उनके आका बन गये हैं। अगर विस्तार से पड़ताल करें तो पावर कॉरपोरेशन के हजारों करोड़ के इस घोटाले में बड़े-बड़े लोगों के ऐसे काले चिट्ठे खुलेंगे कि पूरा तंत्र ही हिल जायेगा। मगर न कोई ऐसा करना चाहेगा और न कोई ऐसा कर रहा है क्योंकि अब एसके अग्रवाल कोई मामूली आदमी नहीं रह गये हैं।
इसे मोदी सरकार की ब्लैकमेलिंग कहेंगे या फिर संवेदनहीनता। सरकार बनने के एक माह के भीतर रेल किराये में भारी बढ़ोत्तरी करके सरकार ने साफ कर दिया है कि किसके अच्छे दिन आने वाले हैं? आम आदमी हैरान भी है और परेशान भी। उसे सपने में भी अंदाजा नहीं था कि उसके साथ इतनी जल्दी इतना बड़ा धोखा हो सकता है। जिन सपनों के साथ उसने सरकार को चुना था वो सपने बिखर गये हैं। अब बस डर सामने है कि उसे और कितने बुरे दिनों का सामना करना पड़ेगा?
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को 400 वेबसाइटों के विरुद्ध व्यादेश (इंजंक्शन) पारित करते हुए उन्हे फीफा विश्व कप मैचों की स्ट्रीमिंग करने या मैचों की फुटेज दिखाने से रोक दिया है। इनमें से अधिकतर वेबसाइट्स भारत के बाहर से ऑपरेट करती हैं और आभ्यासिक रूप से कानूनों का उल्लंघन करती रहती हैं।
हाल के दिनों में टीवी पर एक खबर काफी चर्चाओं में थी। ये खबर थी मुंबई की कैंपाकोला सोसायटी के बारे में। खबर इतनी थी कि जब ये सोसायटी बनाई गई तो बिल्डर ने निर्धारित फ्लैट्स से ज्यादा फ्लैट्स बनाए, वो भी एक दो नहीं बल्कि 100 से ज्यादा।
बिजनौर के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ. पंकज भारद्वाज के कहानी संग्रह ‘पंकज की कहानियां’ का विमोचन देश की वरिष्ठ कथाकार एवं लेखिका आशा शैली ने किया। इस अवसर पर श्रीमती शैली ने कहा कि कहानियां जीवन के विविध पक्षों को उद्घाटित करती हैं। उन्होंने कहा कि पंकज की कहानियों में सामाजिक ताने-बानों का जाल दिखता है लेकिन ये कहानियां समाज की नंगी तस्वीर का प्रतिबिंब हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत कथानक के जरिए लेखक ने अपनी कहानियों में इतना दम भर दिया है कि एक बार कहानी पढ़ते हैं तो पूरी किताब एक ही शिफ्ट में पढ़ने का मन करता है।
दैनिक भास्कर समाचार पत्र समूह में आजकल मजीठिया से बचने के लिए इमरजेंसी लागू कर दी गई है। वो भी ज़ुबानी नहीं, बाकायदा लिखित तौर पर। उसका उल्लंघन दंडनीय अपराध करार दिया गया है। इस अखबार समूह के सभी संस्करणों के सभी विभागों को सख्त हिदायत दी गई है कि यदि किसी भी तरह की, कोई भी कानूनी नोटिस, निर्देश, सम्मन आदि आते हैं तो उन्हें किसी भी सूरत में रिसीव न किया जाए। सभी विभागीय प्रधान इस बात को सुनिश्चित करें कि वह कानूनी कागज हर हाल में बैरंग वापस जाए। उसे लाने वाला वाहक-हरकारा ऑफिस का गेट लांघने न पाए। उसे गेट से ही वापस कर दिया जाए। अगर वह वाहक-हरकारा संबंधित कागज डिलीवर करने की जिद भी करे तो भी उसकी अनसुनी की जाए। नहीं माने तो, उससे अगर सख्ती भी करनी पड़े, तो की जाए। बिना परवाह किए, बिना सोचे कि वह व्यक्ति अदालत से आया है और वह अगर अपने साथ हुए बर्ताव की शिकायत कर देगा तो आरोपी-दोषी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इस हिदायत-निर्देश का निहितार्थ यह है कि किसी भी कीमत पर अदालती नोटिस, सम्मन, निर्देश से जुड़े कागजात को ठुकराना-लौटाना है, और यदि कुछ होता है तो हम बाद में देख लेंगे।
रेल में अगर मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती तो किराया बढ़ने की बजाय कम होना चाहिए. जब सारी रेलें ठसाठस भरी होती हैं तो घाटा कहाँ से और कैसे हो गया, ये सोचने का विषय है. जिन देशो में रेलों में सवारियों की कमी हैं वहाँ तो माना सकता हैं कि कम किराए में रेल नहीं चल सकती मगर भारत में जहां रेल डब्बों में खड़े होने की जगह नहीं मिलती तो इसका मतलब रेल को पैसा तो बहुत आ रहा है. इतनी भीड़ में घाटा कैसे आ गया टिकिट लेने के बाद भी जगह ना मिले तो इसका मतलब ये अतिरिक्त आमदनी हैं रेलवे की.
“अच्छे दिनों” की शुरुआत हो चुकी है। रेलभाड़े में 14 और माल-भाड़े में 6.5 फ़ीसदी की बढ़ोतरी कर मोदी सरकार ने जता दिया है कि….”अच्छे दिनों” के मामले में वो मनमोहन सिंह से भी बीस पड़ेंगे। यानि आने वाले दिनों में महंगाई, मनमोहन राज से भी ज़्यादा होगी। नून-तेल-आटा-प्याज-सब महंगा होगा। पिछले 10 साल से महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी का जीना फिर मुहाल होगा। कमाल की बात देखिये कि महज़ 25-30 दिनों में केजरीवाल से पाई-पाई का हिसाब मांगने वाली और भगोड़ा करार देने वाली जनता और इस जनता को “मोदीमय” बनाने वाला मीडिया चुप है। ऐसी चुप्पी, जो रहस्यमय लगती है। मानो जनता अपने फैसले पर शर्मसार हो और मीडिया अपने ऊपर छिपे तौर पर किये गए एहसान के बोझ तले दबा है। ठीक ऐसे ही जैसे कोई क़र्ज़ लेकर बैंक के एहसान तले दबा रहता है। फ़र्क सिर्फ इतना कि बैंक से लिया गया कर्ज़ वापिस करना पड़ता है, वो भी सूद समेत। मगर मीडिया को जो क़र्ज़ दिया गया उसकी आर्थिक भरपाई नहीं करनी है। ये भरपाई नतमस्तक और ख़ौफ़ के साये में रहकर जय-जयकार करते हुए करना है। कमोबेश पूरे 5 साल तक। मीडिया के भवकाल से, आम-आदमी फिर ठगा गया।
नागपुर के वरिष्ठ पत्रकार अजय पांडे ने अपनी नई पारी की शुरुआत हिन्दी पत्रिका ‘समाचार विस्फोट’ के साथ की है। वे नागपुर में ‘समाचार विस्फोट’ के विशेष संवाददाता होंगे।
नई दिल्ली, 23 जून। देश के प्रमुख महिला मीडिया संगठन ‘इंडियन बुमेन्स प्रेस कॉर्प्स (IWPC) ने मीडिया इंडस्ट्री में कार्यरत महिलाओं के कार्यस्थल पर उत्पीड़न की कड़े शब्दों में निंदा की है। महिला पत्रकार स्वतंत्रतापूर्वक और निडर हो कर काम कर सकें इसके लिए कार्यस्थलों में उत्पीड़न मुक्त वातावरण बनाने की मांग पर भी ज़ोर दिया है।
The Delhi Union of Journalists (DUJ) and Delhi Press Initiative regret the arbitrary move by Prasar Bharati to dismiss all radio jockeys who are on contract simply because they have crossed the age of 35 years. We believe that this is discriminatory ageism and must be stopped. The employees of All India Radio’s FM Gold and Rainbow channels, who are at immediate threat, must be protected from this arbitrary ceiling on their employment.
तीन सूचनाएं हैं, पुष्ट और अपुष्ट किस्म की. पहली इंडिया टुडे ग्रुप से है. चर्चा है कि इंडिया टुडे अंग्रेजी की एडिटर कावेरी बामजई ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा इंडिया टुडे मैग्जीन के सदस्यों के प्रमोशन की घोषणा होने के ठीक अगले दिन दिया. जानकारी मिली है कि इंडिया टुडे के चंडीगढ़, पटना और जयपुर संवाददाताओं को प्रमोट कर दिया गया है. इंडिया टुडे के नए एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता अगले महीने कार्यभार ग्रहण करने वाले हैं.
तनु शर्मा जैसी कई साहसी, संवेदनशील और प्रतिभाशाली महिला एंकर हैं जो अपने घटिया बासेज से परेशान हैं. कोई मजबूरन खुदकुशी करने के रास्ते पर बढ़ जाती है तो कोई इस्तीफा देकर चली जाती है. ऐसी ही एक लड़की का इस्तीफानामा यहां प्रकाशित किया जा रहा है जो अपने बॉस से परेशान रही. फोकस टीवी हरियाणा में कार्यरत रही इस एंकर ने अपने इस्तीफे वाले मेल में जो कुछ लिखा है, वह यह बताने के लिए काफी है कि इस इलेक्ट्रानिक मीडिया के ग्लैमरस फील्ड में बहुत सारे झाड़-झंखाड़ हैं. नई लड़कियों को बहुत बचकर और बहुत सावधना होकर यहां काम करना चाहिए. अगर जरूरत पड़े तो परेशान करने वालों को न्यूजरूम में थप्पड़ मारने से लेकर लिखित कंप्लेन करने तक की कार्यवाही करनी चाहिए. पढ़िए महिला एंकर का इस्तीफानामा…
नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि यूपीए शासन में आपातकालीन मानसिकता बनी रही और उसने देश में मीडिया की आजादी पर अकुंश लगाया. जावडेकर ने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनने के बाद मैं अपने मंत्रालय की लंबित फाइलों की समीक्षा कर रहा था. मैंने पाया कि कई टीवी चैनलों को अपना काम शुरू करने की अनुमति मिल गयी लेकिन एक प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. मैंने कारण पता लगाने के लिए गृहमंत्रालय की रिपोर्ट देखी…. मैं यह देखकर स्तब्ध रह गया कि चैनल का प्रस्ताव इसलिए अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि एक निदेशक के पिता आरएसएस के सदस्य थे.
Vineet Kumar : तरुण तेजपाल को पूरी तरह tehelka से जोडकर तमाम न्यूज़ चैनलों ने इसलिये धुआं धार स्टोरी इसलिये नहीं चलायी थी कि वो स्त्री अधिकारों और उसकी अस्मिता के पक्ष में माहौल बनाना चाहते थे..इन चैनलों को तेजपाल ने जो किया उससे ज्यादा परेशानी tehelka से रही है..एक ऐसी पत्रिका जो इनकी आँखों में चुभती रही है, अपने आगे बौना बनाती रही है और पत्रकारिता के नाम पर जो गंध मचाते रहे हैं, उन सबको औकात बताती रही है..वो अपनी ख़बरों से पीडिता को न्याय नही, tehelka को पूरी तरह ख़त्म होते देखना चाहते थे.
Yashwant Singh : इंडिया टीवी की एंकर तनु शर्मा के खुदकुशी की कोशिश के मामले में कई नई बातें सामने आ रही हैं। पता चला है कि तनु इंडिया टीवी में अपने साथ हुए कुछ घटनाक्रमों के कारण विचलित थीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ रोज पहले इंडिया टीवी संपादकीय टीम की अनीता शर्मा ने तनु को बुलाया और डांटते हुए कहा कि तुम ऑन स्क्रीन बिल्कुल भी ग्लैमरस नहीं लगती हो, ऐसा ही चलता रहा तो हम तुम्हें ऑफ एयर कर देंगे। इस पर तनु ने कहा कि मुझे स्पष्ट कारण बताया जाए क्योंकि आपने तो मुझे इसीलिए रखा था कि मैं ठीक लगती हूं। अनीता ने तनु की पैंट की तरफ इशारा करते हुए कहा कि तुम्हारी पैंट बहुत खराब हैं, अच्छी नहीं लगती हैं। तनु ने जवाब दिया कि ये पैंट तो मुझे कंपनी ने दी है अगर आपको अच्छी नहीं लगती तो इसे बदल दीजीए।
Sumant Bhattacharya : बोलना जरूरी है… माफ कीजिएगा, तुनु पर ना बोला तो सो ना पाऊंगा। इंडिया टीवी की पत्रकार तनु ने खुदकुशी कर ही ली थी, पर शुक्र है अभी सांस चल रही है… टीवी पत्रकारिता के ग्लैमर से आकर्षित लड़कियों के लिए तनु की कोशिश एक चेतावनी है,. टीवी पत्रकारिता के बारे में सिर्फ इतना ही कहना काफी है, इस माध्यम में ज्यादातर वो आए, जो कभी इंडियन एक्सप्रेस, जनसत्ता, हिंदुस्तान या टाइम्स के दफ्तरों में घुस भी ना पाए. वो भी आए जो कारपोरेट दलाली में दक्ष और ग्लैमर की दुनिया से जिंदा गोश्त आपूर्ति कराने में और भी माहिर हैं…
Mohammad Anas : तनु शर्मा से कभी मिला नहीं पर उनकी छोटी बहन मेरी दोस्त है. तनु ने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत न्यूज़ एंकरिंग में छाप छोड़नी शुरू ही की थी कि इण्डिया टीवी में कार्यरत अनीता शर्मा तमाम तरह से उसे परेशान करने लगी. तनु को लोकसभा चुनाव के दौरान न तो एक बुलेटिन दिया जाता है पढ़ने के लिए और न ही किसी और तरह के काम में शामिल किया जाता है. जब कभी एंकरिंग करने का मौका मिलता तो उसमे भी अनीता शर्मा नुस्ख निकालती और सबके सामने बेइज्जत करती. यह सब सिलसिला रजत शर्मा के नाक के नीचे चलता रहा पर रजत ने एक बार भी इस मामले में हस्तक्षेप करके एक होनहार और ईमानदार एंकर की मदद की पहल न करते हुए अनीता शर्मा और उन जैसों को अपना समर्थन देता रहा.
From: sunny kumar ( sunny.kumar8184@gmail.com )
Date: 2014-06-21 17:24 GMT+05:30
Subject: Re: एक सादर निवेदन
To: alvina@shrigroup.co.in, prashant@shrinews.in
आदरणीय अल्वीना जी
सीईओ, श्री मीडिया वेंचर प्राइवेट लि.
आदरणीय प्रशांत जी
सीओओ, श्री मीडिया वेंचर प्राइवेट लि.
महोदय और महोदया
: तनु – एक बहादुर लड़की, हम सबकी हार और 10 सवाल : तनु, एक शानदार और आत्मविश्वासी लड़की, जिसने अपने करियर में सिर ऊंचा रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाए रखी। ज़ी यूपी में भी जब केबिन में विशेष आरती की आंधी चल रही थी, तनु ने झुकने, समझौता करने और फ्रैंडली जेस्चर दिखाने की जगह इस्तीफा दे देना बेहतर समझा। ज़ी के उसके संघर्ष के भी कई साक्षी साथी होंगे। पी7 में भी काम के दौरान कोई ये नहीं कह सकता होगा कि कभी तनु ने किसी से कोई अपमानजनक बर्ताव किया हो या अपने साथ बर्दाश्त किया हो। लेकिन ज़ाहिर है ऐसी लड़की के इंडिया टीवी ज्वाइन करने से कई साथी हैरान भी हुए थे, लेकिन इसके पीछे भी कुछ कड़वी मजबूरियां हैं टीवी इंडस्ट्री की।
कन्नड़ एक्ट्रेस नयना कृष्णा
बेंगलुरु पुलिस इन दिनों कन्नड़ एक्ट्रेस नयना कृष्णा की तलाश कर रही है. नयाना पर आरोप है कि वो अमीर आदमियों को सिड्यूस करके उनसे भारी-भरकम रकम ऐंठने की साजिश में शामिल है. पुलिस के मुताबिक कई कन्नड़ फिल्मों में काम कर चुकीं नयना कृष्णा की इस साजिश में 2 न्यूज चैनल के अलावा कुछ पुलिसवाले भी शामिल हैं. के हेमंत कुमार (लोकल न्यूज चैनल में वीडियो एडिटर), सुनील कुमार (कन्नड़ न्यूज चैनल में ट्रांसपोर्ट कोऑर्डिनेटर), पुलिस कॉन्स्टेबल मलेश और रघु के साथ मिलकर नयाना ने टेलिविजन एक्ट्रेस रिहाना और सोनू को हायर करके ये जाल बुना.
यशवंत भाई। आपको बधाई कि आपके तकनीकी प्रयोग हमेशा ही आकर्षक होते हैं। नया भड़ास पोर्टल भी आकर्षक है। मगर एक बात है। दो खबरों के बीच में गैप काफी ज्यादा है और पुराने भड़ास की तरह समग्रता नहीं है। अच्छी बात यह है कि जिनके बारे में खबर होती है, उनका मैग्नीफाइंग फोटो इस पोर्टल पर खूब फबता है। इससे खबर में जान आ जाती है। मेरा आग्रह है कि नए पोर्टल को रिडिजाइन करें। फिर से इसमें कुछ बदलाव लाएं तो यह औऱ अधिक आकर्षक हो जाएगा। वैसे अक्षरों का फांट बहुत आकर्षक है। फीचर भी उम्दा हैं। आप प्रयोगधर्मी व्यक्ति हैं। यही गुण मनुष्य को आगे बढ़ाने में सहायक होता है। आप आगे हैं, इसे किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है। आपका ब्लाग इसे सिद्ध कर देता है।
कल वायस आफ मूवमेंट के सभी कर्मचारियों को वेतन दे दिया गया. वो भी एक नहीं, डेढ महीने का जबकि वायस आफ मूवमेंट के चेयरमैन प्रखर कुमार सिंह लखनउ में नहीं थे. उन्होंने दिल्ली में अपने पिता के साथ हास्पिटल में होते हुए भी अपने किए गए वादे को पूरा किया जिसके लिए पूरे वायस आफ मूवमेंट के कर्मचारियों ने प्रखर कुमार सिंह को धन्यवाद दिया और उनके पिता के जल्द ठीक होने की कामना की.
इंडिया टीवी की महिला एंकर तनु शर्मा की हालत अब ठीक है. आरोप है कि इंडिया टीवी प्रबंधन ने तनु को जान बूझकर आईसीयू में रखवाया ताकि कोई मीडियावाला उससे मिल न सके, बात न कर सके. यहां तक कि तनु को उसके परिजनों से भी शुरुआत में मिलने नहीं दिया गया. इंडिया टीवी प्रबंधन के दबाव का असर ये हुआ कि तनु ने पुलिस को दिए अपने बयान में तीन की बजाय दो लोगों का ही नाम लिया. तनु ने दबाव की वजह से रजत शर्मा की पत्नी रितु धवन का नाम नहीं लिया. रित ने सुसाइड की कोशिश से पहले जब फेसबुक पेज अपडेट किया तो उसमें रितु धवन समेत तीन लोगों का नाम लिखा. रजत शर्मा एंड कंपनी के दबाव का असर ये हुआ कि अब तनु के बयान से रितु धवन गायब हो गई हैं.
Abhishek Srivastava : तनु शर्मा का केस सिर्फ एक उदाहरण भर है। लगता है हम लोग आइबीएन-7 के शैलेंद्र सिंह की मौत को भूल चुके हैं। कांचदार कॉरपोरेट कंपनियों के दमघोंटू माहौल और संकुचित निजी जीवन स्थितियों से उपजे अलगाव में बदहवासी का शिकार होकर खुदकुशी कर लेना या किसी अनपेक्षित हादसे का शिकार हो जाना, दोनों समान बातें हैं।
Shahnawaz Malik : अनिता शर्मा और प्रसाद के खिलाफ धारा 306 504 511 के तहत मामला दर्ज। रजत शर्मा की पत्नी को इस मुक़दमे से बाहर क्यूँ? पुलिस से यह सेटिंग क्यूँ की गयी? कब तक ताक़तवर रजत शर्मा और ये रसूख वाले कानून को अपने इशारे पर नचाते रहेंगे? कब तक खुर्शीद की बीवी रजत शर्मा के खिलाफ एक अदद मुक़दमे के लिए कोर्ट के चक्कर काटती रहेंगी?
इंदौर शहर के वरिष्ठ पत्रकार लोकेन्द्र बायस का रविवार को निधन हो गया। बायस का शव फूटी कोठी क्षेत्र में सड़क पर रविवार को मिला। सड़क पर पत्रकार का शव मिलने की सूचना से सनसनी मच गई। बायस ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत 90 के दशक में ‘दैनिक भास्कर’ से की थी। इसके बाद वे वर्षों तक ‘नईदुनिया’ के खेल पत्रकार रहे। बाद में वे सांध्यकालीन दैनिक ‘प्रभात किरण’ से जुड़ गए।
मुंबई से सूचना है कि पत्रकार विनोद यादव ने नटवर्क18 की बिजनेस वेबसाइट मनीकंट्रोल डॉट कॉम को पिछले दिनों अलविदा कह दिया।
Aruna Rai : I have worked honestly and very hard in uttar pradesh police deptt. i deserve respect and I’m not asking for too much. मेरे साथ एक सीनियर आईपीएस डीपी श्रीवास्तव द्वारा किये गए misbehave मामले में पुलिस ऐसे रियेक्ट कर रही है जैसे हाँ दुर्व्यवहार तो हुआ तो है लेकिन इसमें ऐसी कोई ख़ास बात नहीं ,….ख़ास बात तब होती जब रेप होता ,या आप बदनामी से डर के जान दे देती, शर्म से मुंह छुपाती चलती, किसी पेड़ से लटकी पाई जाती, कहीं किसी कोने में पड़ी रहती, ऐसे में अगर आईपीएस को बेल मिल भी गई तो क्या?
एक बड़ी खबर गाजियाबाद से आ रही है. यहां दैनिक जागरण के एक पत्रकार पर कांस्टेबल व दुकानदार पर फायरिंग करने का आरोप लगा है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. पत्रकार का नाम है विवेक त्यागी. वह शराब के नशे में विजयनगर थाने पहुंचा और कांस्टेबल की पिटाई कर दी. नशे में धुत त्यागी ने कांस्टेबल और एक दुकानदार पर फायरिंग भी कर दी. दुकानदार से उसकी किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी.
एंकर तनु शर्मा के सुसाइड नोट में रितु धवन, अनीता शर्मा और प्रसाद का नाम लिखा है. अनीता शर्मा इंडिया टीवी की संपादकीय टीम में हैं. रितु धवन चैनल की मालकिन हैं यानि रजत शर्मा की पत्नी हैं. प्रसाद इंडिया टीवी में एडमिन वगैरह का काम देखता है और रितु धवन का खास है. प्रसाद को रितु धवन ने एंकरों की ड्यूटी लगाने का भी काम दे रखा है.
इंडिया टीवी की एंकर तनु शर्मा ने अपना सुसाइड नोट फेसबुक पर लिखा. इसमें उन्होंने चैनल के कई लोगों का नाम लिखा है. एक तरह से तनु ने नाम लिखकर यह इशारा कर दिया है कि यही वो लोग हैं जिन्होंने उसे सुसाइड करने के लिए उकसाया. तनु शर्मा की हालत को लेकर ताजी सूचना ये है कि वो कैलाश अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर है. कुल मिलाकर अच्छी सूचना ये है कि तनु को बचाने की कोशिशें सफल हो रही हैं.
खबर है कि इंडिया टीवी की एंकर तनु शर्मा ने आत्महत्या करने की कोशिश की है. पता चला है कि तनु इंडिया टीवी में अपने साथ हुए कुछ घटनाक्रमों के कारण विचलित थीं और इसी के कारण आत्महत्या करने की कोशिश की है. तनु शर्मा ने आत्महत्या की कोशिश करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा हुआ है. बताया जाता है कि इस सुसाइड नोट में उन्होंने इंडिया टीवी के कई लोगों का नाम लेकर उन्हें जिम्मेदार ठहराया है.
इस्लामाबाद, 21 जून। पाकिस्तान ने ईश निंदा और कानून का मजाक बनाने को लेकर दो प्राइवेट टीवी चैनलों पर अस्थायी बैन लगा दिया है। इसमें एक चैनल जियो टीवी नेटवर्क का है। इसके अलावा इन चैनलों पर 1 करोड़ रुपये का फाइन भी लगाया गया है। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने जियो एंटरटेनमेंट का लाइसेंस 30 दिनों के लिए वहीं एआरवाई न्यूज का लाइसेंस 15 दिनों के लिए निरस्त किया गया है।
16वीं लोकसभा के लिए देश के सभी सांसदों ने शपथ ले ली है। सत्र आरम्भ हो गया है। अगले पांच सालों तक चलने वाली सदन की कार्यवाई में अभी कई बैठकें होंगी। विभिन्न विधेयकों पर चर्चा होगी। नए विधेयक सदन में पेश किये जायेंगे। पुराने विधेयकों पर चर्चा कर उन्हें भी पारित करने का प्रयास किया जाएगा। संशोधन होंगे। बड़ी-बड़ी बहसे होंगी। हर बार की भांती इस बार भी सांसदों के वेतन और भत्तों से जुड़े विधेयक को निर्विरोध पारित कर दिया जाएगा। यूपीए सरकार के समय से लंबित पड़े विधेयकों पर शायद एनडीए सरकार को आपत्ति हो इसलिए इन पर विचार किये बिना ही इन्हें निरस्त कर दिया जाना है, हम सभी जानते हैं। सदन की कार्यवाही जैसे चलनी है, चलेगी। पर हम तो चर्चा कर रहे हैं महिला आरक्षण विधेयक की जो महत्त्वपूर्ण तो है परन्तु एक लम्बे समय से, या यूं कहें कि बाबा आदम के जमाने से लंबित पड़ा है।
जलगांव (महाराष्ट्र)। भास्कर समूह के मराठी अखबार ‘दिव्य मराठी’ का एचआर डिपार्टमेंट लगातार चर्चा में बना हुआ है। शुक्रवार को टेलिफोन ऑपरेटर चेतना वामन चव्हाण ने असिस्टेंट एचआर मैनेजर राजवंती कौर और एडमिन एक्जीक्युटिव प्रमोद वाघ के खिलाफ असिस्टंट लेबर कमिश्नर के दफ्तर में शिकायत दर्ज करायी। चेतना का कहना है कि ये दोनो उसके साथ बदसलूकी करते हैं तथा अपने उम्मीदवार को नौकरी दिलाने के लिए उस पर कॉस्ट कटिंग के नाम पर इस्तीफा देने का दबाव बना रहे हैं।
श्री न्यूज़ प्रबंधन द्वारा लम्बे समय से कर्मचारियों के शोषण और सैलरी न देने के खिलाफ अब कर्मचारी एकजुट होते दिख रहे हैं। ख़बर है कि 38 वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों की शिकायत के बाद श्रम उपायुक्त, नोएडा के कार्यालय से श्री न्यूज़ प्रबंधन को एक के बाद एक 3-4 नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें से दो नोटिस रिकवरी के लिए हैं। ज्ञात हो कि श्री न्यूज़ के सीओओ प्रशांत द्विवेदी ने न केवल कर्मचारियों से सैलरी देने को साफ इनकार कर दिया था बल्कि धमकी के साथ-साथ एक वरिष्ठ एंकर के साथ गार्ड्स द्वारा मारपीट भी करवाई थी। इसके बाद कर्मचारियों में जिस तरह प्रबंधन के खिलाफ़ घृणा का माहौल बना, कर्मचारियों को रोकना मुश्किल हो गया है।
Samarendra Singh : 1998 में जब पत्रकारिता शुरू की तो बस में धक्के खाते हुए चलता था और आज गाड़ी है. अपने आस-पास के तमाम लोगों को देखता हूं कि सभी के घर में कम से कम एक कार है. फेसबुक की फ्रेंड लिस्ट में दो-चार साथियों को छोड़ कर सभी के पास कम से कम एक मकान है. ज्यादातर लोगों के पास हेल्थ और मेडिकल इन्श्योरेंस है. कोई ए सी (AC) से नीचे यात्रा नहीं करता. पहले ओल्ड मॉन्क पीता था अब ब्लैंडर्स प्राइड से नीचे नहीं उतरता. उसके बाद जी भर कर दूसरों को कोसता है. सरकार को गाली देता है. उससे पूछिए कि समाज के लिए तुम्हारा योगदान है तो कहेगा कि जो भी कर रहा हूं वह समाज के लिए ही है. जैसे दारू-सिगरेट पीने से लेकर कुंठा उगलने तक सबकुछ समाज के लिए ही है.
जम्मू : आकाशवाणी व दूरदर्शन कलाकारों के समान वेतन पाने के लिए 18 साल से संघर्ष कर रहे गीत एवं प्रभाग के कलाकारों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद हक नहीं मिल रहा। कलाकारों की तमाम कोशिशों के बावजूद मामला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में लंबित पड़ा है। गीत एवं प्रभाग की स्थापना वर्ष 1954 में आकाशवाणी की ही एक इकाई के रूप में की गई थी जिस वजह से कलाकारों के भर्ती नियम, शर्ते तथा कार्य आकाशवाणी व दूरदर्शन के समान ही रखे गए। वर्ष 1958 में इस प्रभाग को लाइव मीडिया यूनिट के रूप में स्वतंत्र रूप से प्रतिस्थापित किया गया।