सुब्रतो की ज़मानत पर फ़ैसला आज, पांच माह से वेतन के बिना बे-सहारा स्टॉफ को बेचैनी से इंतजार

सहारा सुप्रीमो सुब्रत रॉय की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को सुनवाई होने वाली है। सुब्रत रॉय के वकीलों ने दावा किया है कि उनकी जमानत की रकम का इंतजाम हो चुका है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि करीब एक साल से तिहाड़ जेल में सजा काट रहे सहारा प्रमुख जमानत पर आज रिहा हो सकते हैं। सुब्रत राय की रिहाई का अगर सबसे ज्यादा बेचैनी से किसी को इंतजार है तो राष्ट्रीय सहारा के मीडिया कर्मियों को। उन्हें पांच-छह महीने से सैलरी ही नहीं दी जा रही है। 

न्यूज चैनलों ने जमानत दिलाई सलमान को, जेल नहीं जाएंगे

मुंबई : वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह लिखते हैं – ‘मीडिया चैनलों ने मुम्बई हाईकोर्ट से ज़मानत दिलाई, जेल नहीं जायेंगे सलमान। मुकदमे ज़्यादा, अदालतें कम होने और चैनलों के बिजी रहने से ‘देस’ का फ़ैसला !’

बहन की शादी में बैल बिक गए, रोजी रोटी के लिए अब दोनो बेटे रहीम-रज्जाक खींच रहे बैलगाड़ी

बुरहानपुर (म.प्र.) : ये हकीकत दो सगे भाइयों रहीम और रज्जाक की है। यहां की सड़कों पर चिलचिलाती धूप में बैलों की जगह दोनो भाई बैलगाड़ी खींचते हैं ताकि वे कमाई कर अपनी बहन के लिए दहेज जुटा सकें. परिवार के मुखिया ने अपनी बेटियों की शादी के लिए बैल बेच दिए और परिवार की रोजी रोटी चलाने के लिए अपने बेटों को बैल बना दिया.

पुलिस विरोध के बावजूद कोर्ट ने फारवर्ड प्रेस के संपादक प्रमोद रंजन को जमानत दी

Pramod Ranjan : अंतत: आज कोर्ट से मुझे भी अग्रिम जमानत मिल गयी। ख्‍याल नारीवादी लेखक अरविंद जैन इस मामले में मेरे वकील हैं। उन्‍होंने बताया कि पुलिस के पक्ष ने जमानत का घनघोर विरोध किया। अरविंद जैन जी कोर्ट में ‘फारवर्ड प्रेस’ का पक्ष तो रखा ही, साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 153 A (जिसके तहत मुकदमा दर्ज किया गया है) की वैधता पर भी सवाल उठाए। यही वह धारा है, जो अभिव्‍यक्ति की आजादी पर पुलिस का पहरा बिठाती है।

सुब्रत रॉय की हिरासत पर कानूनविदों ने उठाए सवाल

Subrat Roy

नई दिल्ली। सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल में छह महीने से अधिक हो चुके हैं। इन छह महीनों में उनकी रिहाई की संभावनाएं कई बार बनीं और औंधे मुंह गिरीं। अब जैसै-जैसे दिन बीतते जा रहे है ये कहना मुश्किल होता जा रहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट की शर्त के अनुसार अपनी रिहाई के लिए सेबी को 10,000 करोंड़ रुपए दे भी पाएंगे या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इंकार किया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुब्रत रॉय की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया। रॉय ने अपनी बुआ के अंतिम संस्कार में शामिल होने और अन्य रस्म निभाने के लिए कोर्ट से ज़मानत की अपील की थी। सूत्रों के अनुसार रॉय ने 15 दिनों के लिए जमानत पर छोड़े जाने की अपील की थी।