अभी तक तो यूपी सरकार की किरकिरी कराने वाले चाचा जान ने कल्वे जव्वाद पर हमला बंद भी नहीं किया था कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राम मूर्ति वर्मा का पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड में नामजद होना यूपी सरकार के लिए एक चिंता का सवाल बन गया है । सरकार पत्रकार हत्याकांड में नामजद मंत्री पर कत्तई एक्शन न लेने के मूड में है । अगर नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आकड़ों पर गौर किया जाय तो प्रतिवर्ष जितने पत्रकारों के देश भर में उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आते हैं, उसके 72 % मामले अकेले यूपी के होते हैं, जो राज्य के वजीर ए आलम अखिलेश के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। क्या अखिलेश के अंदर शासन व सत्ता को सुचारु रूप से चल़ाने का म़ाद्दा खत्म हो चुका है? क्या युवा शक्ति के आकलन में कोई सेंध है?
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A caste-ridden society is worse than a society of slavery : Arundhati Roy
New Delhi : A caste-ridden society is worse than a society of slavery, and even apartheid, said Arundhati Roy, during a function held at the Constitution Club, New Delhi, on April 29 to mark the 6th anniversary of India’s first fully Hindi-English, bilingual magazine, FORWARD Press.
तो क्या मोदी ने संविधान के अनुच्छेद 51A(h) का उल्लंघन किया है!
Virendra Yadav : ‘दि हिन्दू ‘ (1 नवंबर) में प्रकाशित अपने इस महत्वपूर्ण लेख में करण थापर ने ध्यान आकर्षित किया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A(h) में वैज्ञानिक समझ को विकसित करना हर नागरिक का कर्तव्य बताया गया है. करण थापर का प्रश्न है कि क्या एक चिकित्सालय का उदघाटन करते हुए प्रधानमंत्री का मिथकों के हवाले से यह कहना उचित है कि भारत में महाभारत काल में ही जेनेटिक साईंस थी क्योंकि कर्ण कुंती के गर्भ से नही पैदा हुए थे और यह भी कि यदि उस काल में प्लास्टिक सर्जरी न होती तो गणेश का मस्तक हाथी का क्यों होता?