नवोदय टाइम्स : मेहनत करे पत्रकार, हक खाए दलाल

दूसरों को नियम कानून और नैतिकता का उपदेश देने वाले मीडिया संस्थान इन्ही उपदेशों का किस तरह नंगा नाच करते हैं यह किसी से छुपा नहीं है। एक ऐसी ही शिकायत है नवोदय टाइम्स के कर्मचारियों की जहां कर्मचारियों से मशीन की तरह काम लिया जाता है, लेकिन उसके बदले मालिक और संपादक की नजर कर्मचरियों के वेतन काटने में रहती है। किसी को मेडिकल कार्ड नहीं, अवकाश कार्ड नहीं, पीएफ का पैसा कहा जाता है, पता नहीं लेकिन मुंह खोले तो निकालने की धमकी पहले दी जाती है। यहां साप्ताहिक अवकाश या अवकाश के बारे में सोचो ही मत। जान पर आफत हो तो क्या,  दवाई खाकर आओ और काम करो। जान से ज्यादा यहां काम कीमती है।

सूरज सिंह ने नवोदय टाइम्स के साथ शुरू की नई पारी

पत्रकार सूरज सिंह ने पंजाब केसरी ग्रुप के नवोदय टाइम्स अखबार से अपनी नई पारी की शुरुआत कर दी है। इससे पहले सूरज डीएलए अखबार और देशबंधु समाचार पत्र जैसे मीडिया हाउसों में काम कर चुके हैं। नवोदय टाइम्स में सूरज सिंह को खास तौर से दिल्ली में राजनीतिक पत्रकारिता की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पिछले आठ सालों से मीडिया क्षेत्र में सूरज सिंह ने दिल्ली समेत गाजियाबाद, नोएडा व ग्रेटर नोएडा में भी काम किया है।

‘नवोदय टाइम्स’ के कुमार गजेन्द्र, सतेंद्र त्रिपाठी, सज्जन, निहाल सहित 8 पत्रकारों ने पंजाब केसरी ज्वाइन किया

दो संस्थानों की आपसी पारिवारिक लड़ाई में अच्छे पत्रकारों का फायदा हुआ है. उन्हें तगड़ी सैलरी पर परिवार के ही दूसरे संस्थान ने अपने पास रखा है. पंजाब केसरी के एक मालिक ने दिल्ली में अपना दैनिक अखबार नवोदय टाइम्स के नाम से शुरू किया है. इस अखबार की क्राइम टीम को उनके परिवार के दूसरे ग्रुप यानि दिल्ली वाले पंजाब केसरी के मालिक ने अपने यहां ऊंची तनख्वाह पर रख लिया है.