विवादित रहे नीरज गुप्ता को मिली दैनिक जागरण सहारनपुर की कमान

सहारनपुर प्रभारी संजीव जैन का खनन माफिया की खुली पैरोकारी के कारण रायपुर तबादले के बाद सहारनपुर में नया ब्यूरो चीफ नीरज गुप्ता को बनाया गया है. कई जिलों में विवादित रहे नीरज गुप्ता को कमान सौंपने के लिए कई वरिष्ठ लोग लाबिंग कर रहे थे और उन्हें इसमें सफलता मिली. वहीं जागरण प्रबंधन की भी मजबूरी ये है कि उसे अपना टर्नओवर बढ़ाने के लिए इस कमाऊ जिले में ऐसा आदमी चाहिए था जो उसके हर आदेश और टारगेट को माने.

खनन माफिया समर्थक पत्रकार संजीव जैन के चक्कर में अवनींद्र कमल का भी हुआ रायपुर तबादला

दैनिक जागरण सहारनपुर के ब्यूरो चीफ संजीव जैन पर खनन माफिया से मिलीभगत के आरोप में कार्रवाई हुई तो इसकी चपेट में सहारनपुर के पूर्व ब्यूरो चीफ और इन दिनों दैनिक जागरण मेरठ में डेस्क पर कार्यरत अवनींद्र कमल भी आ गए. संजीव जैन ने जागरण प्रबंधन को बताया कि उनका स्टिंग अवनींद्र कमल के इशारे पर हुआ ताकि वो हटाए जाएं तो उनकी कुर्सी पर फिर अवनींद्र कमल काबिज हो सकें. इसको लेकर काल डिटेल समेत कई सबूत संजीव जैन ने जागरण प्रबंधन को सौंपा.

कैराना का पलायन और जागरण की पत्रकारिता : इस बेवकूफी भरी रिपोर्टिंग पर ना हंसा जा सकता है ना रोया जा सकता है

Sanjaya Kumar Singh : कैराना से हिन्दुओं के कथित पलायन के आरोप और आरोप लगाने वाले सांसद, उनकी पार्टी की राजनीति के बाद अब देखिए जागरण की पत्रकारिता। “फिलहाल कलेजा थाम कर बैठा है कैराना” – शीर्षक अपनी रपट में अवनीन्द्र कमल, कैराना (शामली) लिखते हैं, “दोपहर की चिलचिलाती धूप में पानीपत रोड पर लकड़ी की गुमटी में अपने कुतुबखाने के सामने बैठे मियां मुस्तकीम मुकद्दस रमजान महीने में रोजे से हैं। पलायन प्रकरण को लेकर उनके जेहन में खदबदाहट है। चाय की चुस्कियों में रह-रहकर चिन्ताएं घुल रही हैं, मुस्तकीम की। कहते हैं मुल्क में कैराना को लेकर जैसी हलचल है, वैसी यहां नहीं। देख लीजिए। यह सब सियासतदां कर रहे हैं। चुनावी आहट है न। धार्मिक आधार पर मतों के ध्रुवीकरण के लिए कैराना को बदनाम किया जा रहा है, क्यों? दल कोई हो, बरी कोई नहीं है। नैतिकताएं रेगिस्तान हो रही हैं। हां गुंडों- अपराधियों ने यहां के माहौल को जरूर बिगाड़ा है, लेकिन अभी गनीमत है।”

मूर्ख पत्रकार अवनींद्र कमल ने मुस्तकीम को रोजे में चाय पीते हुए बताया और इसे दैनिक जागरण ने छाप दिया!

Wasim Akram Tyagi : दैनिक जागरण का एक पत्रकार अवनीन्द्र कमल कैराना पहुंचा. लौटकर अपने हिसाब से ‘बेहतरीन’ रिपोर्ताज लिखा. शीर्षक है- ”फिलहाल कलेजा थामकर बैठा है कैराना”. यह रिपोर्ताज जागरण के 20 जून के शामली संस्करण में प्रकाशित भी हो गया. अब जरा इन महोदय की लफ्फाजी देखिये…