रविंद्र को नहीं मिल पाया अपनों का कंधा… साथियों का आरोप- HT प्रबंधन के दबाव में पुलिस ने लावारिस के रुप में किया अंतिम संस्कार… नई दिल्ली। 13 साल तक न्याय के लिए संघर्ष करने के बाद बुधवार की अंधेरी रात में मौत की आगोश में हमेशा-हमेशा के लिए सो जाने वाले हिंदुस्तान टाइम्स के कर्मी रविंद्र ठाकुर को ना ही परिजनों का और ना ही अपने संघर्ष के दिनों के साथियों का कंधा मिल पाया। मंगलवार धनतेरस के दिन दिल्ली पुलिस ने उसकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार कर दिया। उसके अंतिम संस्कार के समय न तो उसके परिजन मौजूद थे और न ही उसके संस्थान के साथी।