क्षेत्रीय पत्रकारिता का प्रतिमान ‘नैनीताल समाचार’
चार-पांच दिन से मैं भाई साहब की बरसी की वजह से गाँव में था. परसों पंकज बिष्ट जी का हैरानी भरा फोन आया कि क्या ‘नैनीताल समाचार’ बंद हो रहा है? मैं खुद भी इस खबर को सुन कर हैरान हुआ. नैनीताल लौटकर फेसबुक टटोला तो काफी बाद में महेश जोशी की खबर के साथ एक बहुत अशिष्ट भाषा में लिखी पोस्ट पर नजर पड़ी. मुझे लगता है, यह पोस्ट एकदम व्यक्तिगत दुराग्रहों के आधार पर लिखी गयी है, ठीक ही हुआ कि इसे व्यापक प्रचार नहीं मिला. जहाँ तक ‘नैनीताल समाचार’ और राजीव लोचन साह का प्रश्न है, आज के दिन इन दोनों के बिना नैनीताल ही नहीं, उत्तराखंड की जागरूक पत्रकारिता की कल्पना नहीं की जा सकती.