इस संपादक के काले कारनामों से पूरा अजमेर और मीडिया वाकिफ है

: तेरह साल मीडिया में काम करने के बावजूद एक वरिष्ठ साथी ने इतना सा सहयोग नहीं किया : आपके सामने होता तो आपके मुंह पर थूक कर जाता : अभी दो दिन पहले मैंने और मेरे रिश्तेदार अधिकारी ने दो गलती की…मेरे रिश्तेदार को अपनी गलती पर पछतावा होगा या नहीं…ये तो मैं नहीं जानता…लेकिन मुझे मेरी गलती पर कोई पछतावा नहीं…वे रिश्तेदार राजस्थान रोडवेज में अजमेर आगार में आगार प्रबंधक है और जयपुर के एक विधायक के छोटे भाई हैं…दो दिन पहले उनका परिवार जयपुर से अजमेर के लिए अजमेर आगार की बस में बैठकर रवाना हुआ…इसमें उनका निजी परिवार और आश्रित माँ के आलावा शायद एक दो लोग और थे…बस कंडेक्टर ने इस मामले की जानकारी सिन्धी कैंप से अजमेर आगार प्रबंधन को दे दी…

रमेश अग्रवाल की संपत्ति पर ‘मां’ के हक ने उड़ाई समूह संचालकों की नींद

इंदौर के अखबार ‘दबंग दुनिया’ ने फिर भास्कर घराने की अंदर की सनसनीखेज खबर को पूरी दबंगता के साथ प्रकाशित किया है. लगता है विनोद शर्मा को भास्कर घराने को बतौर बीट कवर करने के लिए दे दिया गया है. यही कारण है कि भास्कर से संबंधित कोई भी खबर दबंग दुनिया में विनोद शर्मा ही ब्रेक करते हैं. इनकी नई खबर से पता चलता है कि रमेश अग्रवाल के कुनबे में धन-संपत्ति को लेकर रार-मार जूतमपैजार तक जा पहुंची है.

भास्कर चेयरमैन रमेश अग्रवाल की पत्नी की याचिका पर बहू-बेटों को नोटिस

रमेश अग्रवाल यानि भास्कर के चेयरमैन की सच्ची कहानी इंदौर के अखबार दबंग दुनिया ने प्रकाशित की है. पत्रकार विनोद शर्मा की बाइलाइन इस खबर को दूसरे अखबारों ने इसलिए नहीं प्रकाशित किया क्योंकि मामला चोर-चोर मौसेरे भाई का है. तू मेरी कहानी छिपा, मैं तेरी छिपाउंगा टाइप का गठबंधन है मीडिया हाउसेज में. इसीलिए दूसरों की जिंदगी में घुसकर ढेर सारी एक्सक्लूसिव खबरें फोटो निकालने छापने वाले मीडिया हाउसेज के मालिक एक दूसरे की कुत्ती कहानियों को छिपा-ढंक के रखते हैं.