आज भी मजदूरों की तरह लाइन में लगकर तनख्वाह लेते हैं इस अखबार के पत्रकार

‘दीवार’ फिल्म का एक सीन याद है आपको जिसमें एक मुनीम टेबल लगाने के बाद मजदूरों को लाईन लगवाकर उनकी मजदूरी बांटता है। आज के इस डिजिटल दौर में भी अगर इसी तरह पत्रकार लाईन में लगकर अपनी तनख्वाह पायें तो शायद इससे बड़ी शर्म की बात कुछ नहीं हो सकती है। मगर यह सच्चाई है। रांची में सन्मार्ग अखबार में कमोबेश इसी तरह मीडियाकर्मियों को लाईन में लगाकर अपनी तनख्वाह लेनी पड़ती है। वह भी बिना किसी इनवेलप के। चर्चा है कि यहां मीडियाकर्मी लाईन में लगते हैं और मुनीम रुपी क्लर्क सबके सामने गिनकर लोगों को बिना इनवेलप के हाथ में पैसा थमाकर बाउचर पर साईन कराता है। जिस दिन तनख्वाह बंटनी होती है उस दिन कार्यालय का एक प्यून आता है और सबको कहता है सभी लोग लाईन में लग जाइये। लोग समझ जाते हैं कि तनख्वाह मिलने वाली है।

सन्मार्ग के कर्मियों ने वेतन लेने से किया इनकार, प्रबंधन ने दी तबादले की धमकी

रांची : कोलकाता के हिंदी दैनिक सन्मार्ग के रांची संस्करण के कर्मी दो माह से वेतन नहीं ले रहे हैं। वे वेतन बढ़ोत्तरी पीएफ, ईएसआई बैंक खाते में भुगतान और भत्तों की मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच वे चार बार मांगपत्र दे चुके हैं। दो बार वार्ता भी हो चुकी है। लेकिन उन्हें कोरा आश्वासन ही मिलता रहा है। सरकार के सख्त निर्देश के बाद भी उन्हें बाउचर पेमेंट दिया जाता रहा है। उसकी भी कोई तय समय सीमा नहीं है।

चीफ रिपोर्टर के नाम पत्र : आपको सिर्फ पुरुषों से प्राब्लम क्यों है?

आदरणीय चीफ रिपोर्टर जी
सन्मार्ग
कोलकाता

आपको प्रणाम।

मुझे तो पहचान ही गये होंगे आप। मैंने 3-4 साल आपके अधीन काम किया था लेकिन आपके रवैये के कारण मुझे सन्मार्ग छोड़कर कम तनख्वाह पर दूसरे अखबार में नौकरी करनी पड़ी। उस वक्त आप चीफ रिपोर्टर ही थे। अभी किस पद पर हैं पता नहीं इसलिए चीफ रिपोर्टर ही संबोधित कर रहा हूँ। मैंने पहले तय किया था कि सन्मार्ग को पत्र लिखूंगा और लिख भी चुका था लेकिन पिछली रात जब अपने पुराने दिन याद कर रहा था तो मुझे खयाल आया कि क्यों न सीधे आपको ही पत्र लिखूं इसलिए सन्मार्ग को लिखे पत्र को अपने लैपटॉप से डिलीट किया और फिर आपको पत्र लिखा।

दैनिक ‘सन्मार्ग’ पटना से री-लांच, विनायक बने विशेष संवाददाता

पूर्व में फ्रेन्चाइजी के रूप में पटना से प्रकाशित होने वाला दैनिक सन्मार्ग एक बार फिर से 15 अगस्त को पटना से री-लांच हुआ। विनायक विजेता अखबार के विशेष संवाददाता के रूप में अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं।