‘दीवार’ फिल्म का एक सीन याद है आपको जिसमें एक मुनीम टेबल लगाने के बाद मजदूरों को लाईन लगवाकर उनकी मजदूरी बांटता है। आज के इस डिजिटल दौर में भी अगर इसी तरह पत्रकार लाईन में लगकर अपनी तनख्वाह पायें तो शायद इससे बड़ी शर्म की बात कुछ नहीं हो सकती है। मगर यह सच्चाई है। रांची में सन्मार्ग अखबार में कमोबेश इसी तरह मीडियाकर्मियों को लाईन में लगाकर अपनी तनख्वाह लेनी पड़ती है। वह भी बिना किसी इनवेलप के। चर्चा है कि यहां मीडियाकर्मी लाईन में लगते हैं और मुनीम रुपी क्लर्क सबके सामने गिनकर लोगों को बिना इनवेलप के हाथ में पैसा थमाकर बाउचर पर साईन कराता है। जिस दिन तनख्वाह बंटनी होती है उस दिन कार्यालय का एक प्यून आता है और सबको कहता है सभी लोग लाईन में लग जाइये। लोग समझ जाते हैं कि तनख्वाह मिलने वाली है।