एस.पी. सिंह स्मृति संस्मरण : ये थीं ख़बरें आजतक, इंतज़ार कीजिए कल तक!

भारत में टीवी पत्रकारिता के आधारस्तंभ और ‘आजतक’ के संस्थापक संपादक स्व. सुरेंद्र प्रताप सिंह (एसपी सिंह) की आज 20वीं पुण्यतिथि है, उन जैसे श्रेष्ठ पत्रकार को याद करना बहुत जरूरी है। आजतक 1995 में शुरू हुआ था और मैं इसी साल दिल्ली आया था बीएसएफ पॉलिटेक्निक से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने। शाम के समय अधिकांश छात्र recreation room में इकट्ठे होते थे जहां वो शतरंज, कैरमबोर्ड आदि खेलते थे, समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं पढ़ते थे और टीवी पर फिल्म, धारावाहिक आदि देखते थे। मेरी खेल और फिल्म में कम रुचि थी। मैं अधिकांश समय समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं पढ़ने में ही बिताता था।

तब सुरेंद्र प्रताप सिंह ने समझाया- पत्रकारिता में तुम कुंठित हो जाओगे!

जाने वाले हो सके तो लौट के आना… बड़े ग़ौर से सुन रहा था ज़माना तुमको, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते…ये शब्द मेरे पिता जी के हैं। पापा की मौत के बाद उनके मुंह से यही निकला था। हो सकता है कि ये वाक्य लोगों को थोड़ा उलझा दे। मेरे पिताजी तीन भाई थे। सबसे बड़े नरेंद्र प्रताप, फिर सुरेंद्र प्रताप और सबसे छोटे सत्येंद्र प्रताप। मेरे पिताजी के दो बेटे हुए। सबसे बड़ा मैं और उसके बाद एक छोटा भाई।

रुबी अरुण के बाद अलका सक्सेना भी न्यूज एक्सप्रेस से जुड़ीं, मैनेजिंग एडिटर बनाई गईं

न्यूज एक्सप्रेस चैनल में दो बड़े पदों पर महिला पत्रकारों की तैनाती हो गई है. रुबी अरुण के बाद अलका सक्सेना भी चैनल का हिस्सा बन गई हैं. वरिष्ठ पत्रकार अलका सक्सेना को न्यूज एक्सप्रेस में मैनेजिंग एडिटर बनाया गया है. अलका एक नवंबर से आफिस ज्वाइन कर चुकी हैं. वे एडीटर इन चीफ प्रसून शुक्ला को रिपोर्ट करेंगी. अलका सक्सेना कई दशकों से प्रिंट और टेलीविजन पत्रकारिता में सक्रिय हैं. उन्होंने अपने करियर का काफी बड़ा हिस्सा जी न्यूज के साथ प्रमुख एंकर के रूप में गुजारा है.

अगर कोई खेमा था तो वह राजेंद्र माथुर का था और एसपी उसी के अंदर थे : कमर वहीद नकवी

उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार और रंगकर्मी राजीव नयन बहुगुणा इन दिनों ‘मेरे संपादक – मेरे संतापक’ शीर्षक से एक सीरिज लिख रहे हैं, फेसबुक पर. इसमें अपने करियर के दौरान मिले संपादकों के बारे में अपनी समझ और अनुभव के हिसाब से रोचक तरीके से कथा लेखन कार्य करते हैं. इसी सीरिज के तहत वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी के बारे में वो आजकल लिख रहे हैं. राजीव ने अपनी ताजा पोस्ट में लिखा कि नकवी सुरेंद्र प्रताप सिंह खेमे के थे. इस बात पर खुद नकवी ने आपत्ति की और विस्तार से राजेंद्र माथुर व एसपी सिंह के बारे में लिखा. साथ ही खेमे को लेकर स्पष्ट किया कि कौन किस खेमे में था, अगर कोई खेमा था तो. राजीव नयन बहुगुणा और कमर वहीद नकवी के रोचक लेखन को आप यहां नीचे पढ़ सकते हैं. नकवी जी ने अपनी बात कई अलग-अलग टिप्पणियों के जरिए रखी है, जिसे एक साथ यहां जोड़कर दिया जा रहा है.