अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों… तो क्या ऐसा ही वतन आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों ने हमारे हवाले किया था, जैसा हमने इसे बना दिया है? क्या ऐसे ही वतन के लिए भगत सिंह और उनके साथियों ने हंसते हंसते फांसी का फंदा चूमा था? देश को आजाद कराने के लिए हिंदुओं की ही तरह मुसलमानों ने भी आपस में मिलकर अंग्रेजी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। गोरों की सरकार ने अपनी फौज के माध्यम से हिंदुओं, सिखों, मुसलमानों आदि पर बेइंतिहा जुर्म ढाये। ईसाई अंग्रेजों के अत्याचार की चपेट में इसलिए नहीं आये कि वे खुद ईसाई व इससे मिलती-जुलती कौम के थे।