Rakesh Tripathi : नीचे दो फोटो संलग्न है। पहली फोटो स्वयंभू वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार अविनाश दास के किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट है और दूसरी फोटो दैनिक भास्कर अखबार की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट है। दोनों स्क्रीनशॉट्स की फोटो ध्यान से देखिए और समझिए कि किस प्रकार से एजेंडा चलाकर चरित्र हनन …
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‘रोहिंग्या शरणार्थी करेंगे हमला’ जैसी फर्जी खबर लिखने वाले पत्रकार की नौकरी गई
सनसनी फैलाने के लिए गलत खबर लिखने वाले कापी एडिटर की नौकरी गई. मामला समाचार एजेंसी एएनआई का है. ANI ने 12 अक्टूबर को खबर दी कि नागालैंड पुलिस की खुफिया शाखा ने रोहिंग्या शरणार्थियों की तरफ से हमला किए जाने की आशंका जाहिर की है और इसे लेकर सबको चेतावनी दी. इस खबर का सोर्स खुफिया सूत्रों को बताया गया.
टाइम्स आफ इंडिया वालों ने चित्रा सिंह को लेकर इतना बड़ा झूठ क्यों छाप दिया!
खबर पढ़ाने के चक्कर में खबरों के साथ जो बलात्कार आजकल अखबार वाले कर रहे हैं, वह हृदय विदारक है. टाइम्स आफ इंडिया वालों ने छाप दिया कि सिंगर चित्रा सिंह ने 26 साल बाद का मौन तोड़ा और गाना गाया. टीओआई में सचित्र छपी इस खबर का असलियत ये है कि चित्रा सिंह ने कोई ग़ज़ल / भजन नहीं गया. उन्हें मंच पर बुलाकर सिर्फ सम्मानित किया गया था. लेकिन खबर चटखारेदार बनाने के लिए छाप दिया कि चित्रा ने गाना गाया.
अंग्रेजी वेबसाइट स्क्रॉल ने हमले में मुसलमानों के शामिल होने की फर्जी ख़बर बनाई!
Mohammad Anas : स्क्रॉल ने की शर्मनाक हरकत। अंग्रेजी वेबसाइट स्क्रॉल ने इस्लामोफोबिक होते हुए बालेंदु स्वामी के नास्तिक मिलन प्रोग्राम पर हुए हमले में मुसलमानों के शामिल होने की फर्जी ख़बर बनाई। कार्यक्रम में शामिल होने आए नास्तिक मित्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तथा दो प्रमुख एवं प्रतिष्ठित समाचारपत्रों के संवाददाता मित्रों के अनुसार वहां सिर्फ बजरंग दल/ विश्व हिंदू परिषद तथा लोकल हिंदू धार्मिक संत एवं जनता ने विरोध प्रदर्शन तथा मारपीट की।
भारत को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा क्यों बन जाता है भारतीय मीडिया!
(देर आए, दुरुस्त आए… गलत प्रचारित खबर की सच्चाई अब सामने ला रहा भारतीय मीडिया.. एक अखबार के मेरठ-बागपत संस्करण में प्रकाशित खबर…)
भारतीय मीडिया किस तरह अपने ही देश को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा जाने-अनजाने बन जा रहा है, इसे जानना-समझना हो तो आपको बागपत के साकरोद गांव का मामला समझ लेना चाहिए. इस गांव के बारे में इंग्लैंड समेत कई देशों में खबर प्रचारित प्रसारित कर दी गई कि यहां की खाप पंचायत ने दो बहनों के साथ रेप कर उन्हें नंगा घुमाए जाने का आदेश दिया है. इसका कारण यह बताया गया कि लड़कियों का भाई ऊंची जाति की शादीशुदा औरत के साथ भाग गया था, इसलिए बदले में लड़कियों को दंडित करने हेतु दोनों बहनों से रेप करने का फरमान सुनाया गया.
इंडिया न्यूज के बस्ती जिले के रिपोर्टर सतीश श्रीवास्तव सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
बस्ती। नगर थाना क्षेत्र के पोखरनी गांव में धर्मांतरण के नाम पर चैनल की टीआरपी बढ़ाने को लेकर दिखाई गई खबर को जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया. जांच कराने पर खबर और प्रकरण फर्जी पाया गया. इसको लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए आपसी सौहार्द बिगाड़ने के मामले में इंडिया न्यूज के रिपोर्टर सतीश श्रीवास्तव सहित पांच लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया.
‘ज़ी संगम’ की फर्जी खबर का असर, फर्रुखबाद के रिपोर्टर दौड़े पूरी रात
फर्रुखाबाद जनपद में 29-011-2014 को फर्रुखाबाद कोतवाली के कोतवाल राजकुमार की हत्या कर दी गयी. हत्या के बाद फर्रुखाबाद मीडिया जगत में खलबली मच गयी और सभी न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर जानकारी लगते ही मौके पर पहुंच गए. सबने अपनी कवरेज शुरू कर दी. फर्रुखाबाद के कोतवाल के अलावा किसी भी सिपाही को खरोच तक न होने की बात सामने आई. सभी रिपोर्टर एक ही बिंदु पर अपनी खबर करते गए.
भारत के न्यूज चैनल पैसा कमाने और दलगत निष्ठा दिखाने के चक्कर में सही-गलत का पैमाना भूल चुके हैं : अजय कुमार
: इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनलों का ‘शोर’ : टेलीविजन रेटिंग प्वांइट(टीआरपी) बढ़ाने की चाहत में निजी इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल अपनी साख खोते जा रहे हैं। समाचार सुनने के लिये जब आम आदमी इन चैंनलों का बटन दबा है तो उसे यह अहसास होने में देरी नहीं लगती कि यह चैनल समाचार प्रेषण की बजाये ध्वनि प्रदूषण यंत्र और विज्ञापन बटोरने का माध्यम बन कर रह गये हैं। इन चैनलों पर समाचार या फिर बहस के नाम पर जो कुछ दिखाया सुनाया जाता है, उससे तो यही लगता है कि यह चैनल न्यूज से अधिक सनसनी फैलाने में विश्वास रखते हैं।