खुद अपनी तारीफ लिख और इसे विज्ञापन के रूप में छपवा कर मुकेश सिंह नामक शख्स साहित्यकार बन गया!

लोग जाने कौन कौन सा रोग पाल लेते हैं. खासकर वे लोग जो पैसा तो कमा लिए हैं, पर उनके दिल की कामना पूरी नहीं हुई. किसी की इच्छा साहित्यकार बनने की होती है तो किसी की सेलिब्रिटी. ऐसे में ये लोग अपनी आरजू के लिए भरपूर पैसा बहाकर खुद से ही खुद को साहित्यकार / सेलिब्रिटी घोषित कर लेते हैं.

जाम लड़ाने के बदले अभियुक्त बाप-बेटों की साजिशों में भागीदार रहता है अंग्रेजी दैनिक का रिपोर्टर

अब नहीं जलता ‘शरद’ ऋतु का ‘दीप’…

लखनऊ। देश को लगातार गौरवान्वित करने वाले, ओलंपिक और अन्य अंतराष्ट्रीय स्पर्धाओं में मेडल दिलाने वाले और लगातार ऊंचाइयां छू रहे बैडमिंटन खेल को कुछ स्वार्थी तत्व और बिकाऊ कलमें प्रायोजित स्टोरियों के सहारे बदनाम करने की साजिश रच रही हैं। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि स्वार्थी-साजिशकर्ताओं का शिकार देश का एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी समाचार पत्र भी हो रहा है।

‘हिंदुस्तान’ अखबार के खिलाफ आरसी जारी, 6 करोड़ वसूल कर 16 पत्रकारों में बंटेगा

लखनऊ से बड़ी ख़बर है। मजीठिया वेतनमान प्रकरण में दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान की अब तक की सबसे बड़ी हार हुई है। कम्पनी का झूठ भी सामने आ गया है। यह भी सामने आया है कि मजीठिया की सिफ़ारिश से बचने के लिए कम्पनी ने तरह तरह के षड्यंत्र किए। लखनऊ के श्रम विभाग ने हिंदुस्तान के 16 पत्रकारों व कर्मचारियों को क़रीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। लखनऊ के एडिशनल कमिशनर बी.जे. सिंह व सक्षम अधिकारी डॉ. एम॰के॰ पाण्डेय ने ६ मार्च को हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ आरसी जारी कर दी और पैसा वसूलने के लिए ज़िलाधिकारी को अधिकृत कर दिया है।