अखिलेश के मुंह में माइक घुसेड़कर सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मी मायावती से 15 फीट दूर रखते हैं माइक!

Syed Yasir Raza Jafri : वाकई में क्या टेरर है। मान गया भाई। मायावती के बारे में आप सबने खूब सुना होगा और देखा भी होगा। वैसे तो मैंने भी मायावती की कई प्रेस कांफ्रेंस अटेंड की है, लेकिन बुधवार को ऐसा पहली बार हुआ जब स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी से अलग होने के एलान के बाद आनन फानन में मायावती ने कोई प्रेस कांफ्रेंस बुलायी जिसमें मैं भी पहुंचा। मायावती की बेचैनी मेरे साथ मायावती के घर में दाखिल होते बृजेश पाठक के चेहरे पर साफ झलक रही थी। शायद उन्हें भी प्रेस वालों की ही तरह तत्काल आने के निर्देश दिये गये थे।

अदभुत हैं मायावती!

Abhishek Upadhyay : अदभुत हैं मायावती। बिजली की तेज़ी से फैसले लेती हैं। जिससे दुश्मनी ली। उसे खुद ही ठीक कर दिया। क्या स्वामी प्रसाद मौर्या। कौन बाबू सिंह कुशवाहा। कोई आहरी-बाहरी मदद नही। कोई ईआर/पीआर फर्म नही। कोई कॉर्पोरेट लॉबिस्ट साथ नही। किसी ईके/पीके (प्रशांत किशोर) की भी ज़रूरत नही। राजनीति रिश्ते बनाने का खेल है। मैंने मायावती के तौर पर पहला ऐसा राजनीतिज्ञ देखा है जो बिगड़े रिश्तों का मुंह हमेशा उल्टा ही रखता है। कभी कोई समझौता नही। मुलायम से दुश्मनी है तो खुलकर है। क्या मजाल कि नेता जी संसद में बहन जी से आँख भी मिला लें।

मायावती के दबाव में बनी डीएसपी धीरेन्द्र राय के खिलाफ रिपोर्ट : अमिताभ ठाकुर

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने आज डीएसपी धीरेन्द्र राय को पत्र भेज कर रिटायर्ड आईपीएस बद्री प्रसाद सिंह द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के दवाब के कारण उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखने के बारे में बताया है. ठाकुर ने कहा है बद्री प्रसाद ने पूर्व डीजी बृजलाल के ऑफिस में स्वयं बताया था कि वे इस मामले में जांच अधिकारी थे. तत्कालीन डीजीपी करमवीर सिंह और प्रमुख सचिव गृह फ़तेह बहादुर सहित सभी पुलिस और गृह विभाग के सभी अफसर चाहते थे कि ठोकिया द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में धीरेन्द्र राय दण्डित नहीं हों क्योंकि उनकी कोई गलती नहीं थी.