एडीएम की गुंडागर्दी : भास्कर के पत्रकार को घर से उठवा कर पिटवाया और जेल भिजवा दिया

Bhagwan Upadhyay : श्योपुर के अपर कलेक्टर वीरेंद्र सिंह की दादागीरी। पत्रकार को भिजवाया जेल। मामला यह है कि दो महीने पहले उक्त अपर कलेक्टर ने श्योपुर में किसी को जमीन आवंटित की तो कलेक्टर ने उस जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी। यह खबर दैनिक भास्कर में प्रमुखता से छप गई। अपर कलेक्टर ने इस खबर को अपनी ही कोर्ट की अवमानना बताते हुए मानहानि का केस दर्ज कर लिया। इस केस में 200 रुपए का जुर्माना होता है।

मध्यप्रदेश में टीवी पत्रकारिता को सूंघ गया सांप

लगातार टेलीविजन न्यूज़ देखने पर लगा कि मध्यप्रदेश में न्यूज़ 24 के गोविन्द गुर्जर और न्यूज़ नेशन के नीरज श्रीवास्तव एक बेहतरीन पत्रकार के रूप में उभर के सामने आये हैं। पिछले एक बरस से मध्यप्रदेश की टेलीविजन पत्रकारिता को सांप सूंघा हुआ लगता है। खबर के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति इसे धीरे धीरे छत्तीसगढ़ की राह पर ले जा रही है। हालात ऐसे ही रहे तो हो सकता है एमपी में 2018 के चुनाव के बाद दिल्ली में बैठे एडिटर मध्यप्रदेश को भी छतीसगढ़ की तर्ज पर ख़बरों के नजरिये से ड्राय स्टेट मान लें।

भोपाल पत्रकार भवन : वो शमां क्या बुझे जिसे रोशन ख़ुदा करे

मित्रों, जब भी कभी पत्रकार भवन को लेकर श्रमजीवी पत्रकार संघ के विरुद्ध कोई फैसला आता है तो संघ के अध्यक्ष साथी शलभ भदौरिया के कुछ शुभचिंतक शोर मचाने लगते हैं। हाल ही में भोपाल संभाग के अपर आयुक्त श्री एन पी डहेरिया ने पत्रकार भवन की लीज़ के मामले में श्रमजीवी पत्रकार संघ की अपील ख़ारिज कर दी। बस फिर क्या था श्री शलभ भदौरिया के शुभचिंतक सक्रीय हो गए और अपनी जीत का जश्न मनाने लगे, अति उत्साह में आकर श्री भदौरिया पर भद्दे – भद्दे   आरोप भी लगाने लगे। अक्सर देखने में आता है कि जिन लोगों के पास तथ्य नहीं होते वो ऐसा ही करते हैं। चलो इस बहाने उनकी मानसिकता और चरित्र तो उजागर हुआ।