कई संपादक व उद्योगपति जिस मेंबरी के लिए अपना ईमान मार दे रहे, वह रामोजी राव को प्लेट में दी गई थी, बिना मांगे

Gunjan Sinha : रामोजी राव साहब को पद्म पुरस्कार दो दशक पहले मिलता तो ज्यादा ख़ुशी होती. अब वे इनसे काफी ऊपर हैं और इस बीच पद्म अपनी काफी चमक विवादों में खो चुके. उधर निष्पक्ष और उच्च पत्रकारिता के जो प्रतिमान उन्होंने स्थापित किये थे, वे उसी ईटीवी में उनके हमारे देखते देखते रोज ध्वस्त हो रहे हैं. मुझे लगता है वे अब कभी ईटीवी (हिंदी चैनल्स) नही देखते होंगे. मेहनत से बनाए ये चैनल उन्हें बेचने पड़े. जब वे झंडे गाड़ चुके तब कोई पद्म नहीं मिला, अब जब वे झंडे उखड चुके तो पुरस्कारों का क्या मतलब? फिर भी बधाई! अंधों को दिखा तो सही!

शिवराज के राज में सरकारी खामियों पर चुप रहने का नजऱाना है ‘पत्रकारिता पुरस्कार’

मध्यप्रदेश में पत्रकारिता की मूर्धन्य हस्तियों के नाम पर स्थापित मध्य प्रदेश आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार प्रदेश के सभी अंचलों में से चुनकर निष्पक्ष पत्रकारिता कार्य की उत्कृष्ठता, पत्रकार द्वारा किये गये कार्य से समाज के मानस पटल पर पड़े प्रभाव और समय-समय पर जनहित में निर्णय लेने के लिए सरकार को मजबूर करने वाली प्रतिभावान हस्तियों को सम्मानित करने के लिए दिया जाने वाला एक प्रतीकात्मक सम्मान है। ऐसे पत्रकार, जिन्होंने धन, बल, सत्तासुख के इतर समाज के बीच में अपनी प्रतिभा के दम पर अपना मान सम्मान हासिल किया हो। लीक से अलग हटकर ऊंचाइयों को छुआ हो, ऐसे पुरस्कार पत्रकारिता की बुनियाद को सुदृढ़ ही नहीं करते अपितु देश की आने वाली पीढ़ी को एक प्रभावशाली सकारात्मक संदेश भी देते हैं। 

‘उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार’ चयन का नहीं रहा कोई मापदंड!

उत्तराखंड में हर वर्ष 25 मार्च को प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के एक-एक युवा पत्रकार को उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऐसे पत्रकारों को पुरस्कार से नवाजा जा रहा है, जिनका उत्तराखंड की पत्रकारिता में कोई खास योगदान ही नहीं है। हैरानी इस बात है कि कई पत्रकारों को मात्र दो या फिर तीन साल की पत्रकारिता करने पर ये पुरस्कार दिया जा चुका है, जबकि आयोजक इसे राज्य का सबसे बड़ा पुरस्कार करार देते हैं। प्रिंट के मुकाबले इलैक्ट्रानिक में ज्यादा बुरी स्थिति है। इलैक्ट्रानिक मीडिया में साल 2009 से ये पुरस्कार देने की परम्परा शुरू हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के अंतिम 10 में अमिताभ घोष

लंदन : इस साल के मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अंतिम 10 लेखकों में अमिताभ घोष का नाम शामिल है। इसमें वह एकमात्र भारतीय लेखक हैं। अंग्रेजी भाषा के लेखन में योगदान के लिए उनको इसमें शामिल किया गया है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार वितरण समारोह आज दिल्ली में

दिल्ली : साहित्य अकादमी, दिल्ली ने वर्ष 2014 के लिए 22 भाषाओं में अपने जिन वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा 19 दिसंबर 2014 को की थी, उन सभी 24 भाषाओं के वार्षिक अकादमी पुरस्कार सोमवार, 9 मार्च 2015 को नई दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में दिए जाने हैं। पुररस्कार वितरण समारोह कमानी ऑडिटोरियम, दिल्ली में शाम 5.30 बजे से आयोजित किया गया है।

इलाहाबाद के पत्रकार शिवाशंकर पांडेय को पत्रकारिता गौरव सम्मान

इलाहाबाद। पत्रकारिता क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए शिवाशंकर पांडेय को बायोवेद मर्यादा पुरूषोत्तम पत्रकारिता गौरव सम्मान के लिए चयन किया गया है। पच्चीस साल से पत्रकारिता से जुड़े श्री पांडेय दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिन्दुस्तान अखबारों में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कई साल तक कार्य कर चुके हैं।

डा. कविता वाचक्नवी को मिलेगा “हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान एवं पुरस्कार”

लंदन से खबर है कि इंडियन हाईकमीशन द्वारा समग्र एवं सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक अवदान हेतु हरिवंश राय बच्चन के शताब्दी वर्ष पर स्थापित “हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान एवं पुरस्कार” (2014)  डा. कविता वाचक्नवी को देने की घोषणा की गई है. यह पुरस्कार समारोह 5 दिसम्बर 2014 को इण्डिया हाऊस, लन्दन में आयोजित होगा।