छोटी-सी भेंट में जाने-माने साहित्यकार प्रयाग शुक्ल ने दो पत्रकारों को तगड़ा सबक याद करा दिया!

Rajesh Agrawal : युवा पत्रकार विकास शर्मा और कुछ मित्रों के साथ एक कांफ्रेंस के सिलसिले में कुछ दिन पहले दिल्ली में था। नेशनल ड्रामा स्कूल के परिसर में मैं और विकास घूम रहे थे। कला-समीक्षक, कहानीकार और कवि, कई पुरस्कारों-सम्मानों से अलंकृत प्रयाग शुक्ल भीतर प्रवेश करते हुए दिखे। मैं तो उन्हें पहचानता नहीं था, पर विकास की मुलाकात कभी उनसे हुई थी। देश के जाने-माने लोग बिना भीड़ के दिखें तो पत्रकार स्वाभाविक रूप से उन्हें लपक लेने की कोशिश करता है। विकास ने आगे बढ़कर प्रणाम किया। उन्हें याद दिलाया कि किन-किन और जगहों पर वह पहले उनसे मिल चुका है। शुक्ल जी को कुछ याद आ भी रहा था या नहीं, यह तो पता नहीं पर उन्होंने औपचारिकता निभाई और विकास को आशीर्वाद देते हुए उनका हाल पूछा।

प्रयाग शुक्ल

घुटने टेकने को तैयार रहने वाले भारतीय पत्रकारों को पाकिस्तानी पत्रकारों से कुछ सीखना चाहिए

Priyabh Ranjan : नेताओं और सेलेब्रिटीज के आगे घुटने टेकने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले (कुछ) भारतीय पत्रकारों को जरा पाकिस्तानी पत्रकारों से कुछ सीखना चाहिए।  DAWN अखबार के एडिटर ने बयान जारी कर कहा है वो अपने अखबार में छपी हर खबर पर कायम हैं। उन दो खबरों पर भी जिनके मुताबिक नवाज़ शरीफ सरकार ने अपनी सेना को चेतावनी दी थी कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्ती बरती जाए वरना पाकिस्तान दुनिया में अलग-थलग पड़ जाएगा।

लुटेरी मोबाइल कंपनियों को सबक सिखाएं, 31 अक्टूबर को मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल न करें

सोशल मीडिया पर इन दिनों के शानदार काम किया जा रहा है. एक कंपेन चलाया जा रहा है मोबाइल कंपनियों की मनमानी के खिलाफ. डाटा पैक यानि मोबाइल इंटरनेट पैक के रेट बढ़ाने के खिलाफ 31 अक्टूबर के दिन मोबाइल पर इंटरनेट न यूज करने का आह्वान किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि अगर हम सब एक दिन भी मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं तो मोबाइल कंपनियों दो अरब रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा.