उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव की सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा, कोतवाल श्रीप्रकाश राय और मंत्री के चार अन्य गुर्गों के खिलाफ पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिंदा जलाकर मारने के मामले में खुटार थाने में रिपोर्ट दर्ज तो दर्ज हो गई, अब देखिए इस मामले का अंत किस तरह होता है। चाहिए तो था कि हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही मंत्री को सरकार से बाहर कर दिया जाता, और उसके बाद जांच अमिताभ ठाकुर जैसे किसी ईमानदार आईपीएस से कराई जाती। लेकिन ऐसा कहां संभव है। मंत्री हत्यारोपी है, उस पर और भी कई मामले पहले से सुर्खियों में हैं। हकीकत है कि सब हाथीदांत जैसा चलता लग रहा है। जब सारे छंटे-छंटाए सियासत के टीलों पर सुस्ता रहे हैं, जिसकी नकाब हटाओ, वही अपराधियों के सरगना जैसा, तो फिर ऐसी जांच की संभावना कहां बचती है।