बीबीसी हिंदी की ज्यादातर खबरें किसी औसत प्रतिभा के व्यक्ति की फेसबुक पोस्ट्स जैसी लगती हैं

Shayak Alok : बीबीसी हिंदी की ज्यादातर खबरें मुझे किसी औसत प्रतिभा के व्यक्ति की फेसबुक पोस्ट्स जैसी लगती हैं .. सतही और प्रभावित .. जबकि मैंने पाया कि बीबीसी अंग्रेजी की भारत पर लिखी रिपोर्टों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है .. बीबीसी हिंदी की सबसे अच्छी खबरें उन्हीं खबरों का हिंदी अनुवाद हैं..

इकबाल का असल फलसफा है- ”मुस्लिम हैं हम, वतन हैं, सारा जहां हमारा”

Shayak Alok :  दो जानकारियां जेहन में ठूंस लीजिये. पहली कि सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा इकबाल की लिखी एक कविता भर है. इकबाल का फलसफा यह है कि मुस्लिम हैं हम वतन हैं सारा जहां हमारा. इकबाल ने यह बाद में लिखा और हिंदुस्तान पाकिस्तान के मुसलमान किसी देश भूमि के बजाय अखिल इस्लामवाद के समर्थक हैं, तो यह सोच उनके जेहन में ठूंसने का दोषी इकबाल भी है. दूसरी जानकारी यह कि ‘सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ रामप्रसाद बिस्मिल की नहीं बल्कि बिस्मिल अजीमाबादी की रचना है. जिगर मुरादाबादी के पास भी इसी गठन की एक रचना पाई जाती है और उसके पहले ग़ालिब के पास मूल रूप से. शुक्रिया.

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व्हाय आई स्टैंड विद रवीश कुमार

Shayak Alok : रवीश कुमार पर बातें हो रही हैं .. रवीश पर तीन प्रकार की बातें हो रही हैं .. पहली बात के अंदर रवीश कुमार की फेक आईडी वगैरह बनाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है .. इसी बात के अंदर फिर रवीश को गाली बकी जा रही है .. रवीश कुमार दलाल है आदि .. रवीश का मानसिक शोषण ही नहीं, जान माल पर खतरे की आशंका भी .. दूसरी बात के अंतर्गत वे बातें हैं जहाँ लोग रवीश का कथित साथ दे रहे हैं .. रवीश को महान, एकमात्र ईमानदार, एकमात्र निर्भीक पत्रकार आदि कहकर लोग साथ दे रहे हैं .. रवीश कुमार मत घबराना – तेरे पीछे अंधा काना ..