जब सोनिया गांधी सत्ता की सर्वेसर्वा थीं तो उनके कालेधन के बारे में उसी दौर में भड़ास पर स्टोरी छापी गई थी

Yashwant Singh : मूर्ख भाजपाइयों और भक्तों को बता दें कि जब वो चुप्पी मारे बिल में थे तब भी हम लोग सत्ता के खिलाफ लिखते थे और सीना ठोक कर लिखते थे. ये स्टोरी भड़ास के तब कंटेंट एडिटर रहे Anil Singh ने तैयार की थी और जून 2011 में तब प्रकाशित किया था भड़ास पर जब कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी और आदरणीया सोनिया जी सर्वेसर्वा हुआ करती थीं. मीडिया का काम ही सत्ता में बैठे लोगों की कुनीतियों और कदाचारों का खुलासा होता है.

एएनआई के रिपोर्टर को हड़काने वाले अपने दामाद राबर्ट वाड्रा से मिलने पहुंचीं सोनिया गांधी

लैंड डील पर सवाल पूछे जाने पर पत्रकार के साथ बदसलूकी करने के बाद मीडिया में मचे शोर और विभिन्न राजनीतिक दलों की निंदा के बाद सोनिया गांधी वाड्रा से मिलने उनके घर पहुंची. उन दोनों के बीच में क्या बातचीत हुई, अभी इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है. हरियाणा जमीन सौदे को लेकर वाड्रा पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच शनिवार को जब एक न्यूज चैनल एजेंसी एएनआई के रिपोर्टर ने इस बाबत सवाल पूछा तो वाड्रा भड़क उठे. उन्होंने मीडियाकर्मी से बदसुलूकी की और माइक झटकते हुए आगे निकल गए.

हुड्डा राज में हरियाणा हरामखोर-भ्रष्ट नौकरशाहों और कालोनाइज़रों के लिए स्वर्ग बन गया

हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी सभाओं में बड़े गर्व से कहते हैं कि उनकी रगों में स्वतंत्रता सेनानी चौ. रणबीर सिंह का खून है इसलिए वे ईमानदारी से अपनी सरकार चला रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले एक बार हुड्डा हरिद्वार जाते हुए नदी में डूबते-डूबते बचे थे तब उनके समर्थकों ने उन्हें गंगापुत्र के नाम से नवाज़ा था। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी सभाओं में भूपेंद्र हुड्डा कहते थे कि नदी में डूबने से बचा हूं और मैने मौत को करीब से देखा है, इंसान के साथ कुछ नहीं जाता, इसलिए मैंने फैसला लिया है कि मैं बिना किसी के दबाव के अपनी आत्मा की आवाज़ पर चलुंगा। लेकिन कथनी और करनी में दिन रात का फर्क वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए उनके सारे काम इसके उलट ही साबित हुए हैं।