क्या बीबीसी पर भी सेक्स बिकाऊ है?

Dilip Mandal : बीबीसी हिंदी का मोस्ट पॉपुलर ही क्या हिंदी वेब जगत के एक बड़े हिस्से का सच है? भास्कर, लल्लनटॉप, टाइम्स ग्रुप, आज तक वग़ैरह के कुल ट्रैफिक का बड़ा हिस्सा सेक्स खोजता हुआ वहाँ पहुँचता है। सेक्स का कंटेंट बिकाऊ है। सब जानते हैं। भारत की तमाम बड़ी साइट यह खेल खेलती हैं। ज्योतिष, अंधविश्वास, पाखंड, क्रिकेट सबका मार्केट है। वेब पर अद्भुत रस सबसे लोकप्रिय रस है। लेकिन बीबीसी में भारतीय पब्लिक यह क्या खोज रही है? जो चीज़ होम पेज पर नहीं है, वह टॉप URL कैसे है? बीबीसी हिंदी पर कई बार टॉप 10 में 5 ख़बरें सेक्स की होती हैं।

मुकेश अंबानी ने अपनी मैग्जीन ‘फोर्ब्स इंडिया’ के जरिए कह दिया- ”मोदी पर भारत की 73% जनता भरोसा करती है”

Dilip Mandal : देश के हर अख़बार और वेबसाइट ने छापा, हर चैनल ने दिखाया कि नरेंद्र मोदी पर भारत की 73% जनता भरोसा करती है। नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता है। यह ‘खबर’ चूंकि हर जगह छपी और हर चैनल ने दिखाई, जिनमें मोदीभक्त और तथाकथित प्रगतिशील चैनल और साइट भी हैं, तो आपके लिए भी शक करने का कोई कारण नहीं रहा होगा. हर कोई बोल और दिखा रहा है, तो शक कौन करता है? अब आइए इस ख़बर का एक्सरे निकालते हैं।

दिलीप मंडल टीआरपी खोर हैं, पहले खुद आईडी डिएक्टिवेट किया, फिर हल्ला मचाया- ”फेसबुक ने ब्लाक कर दिया!”

Ashish Maharshi : इंडिया टुडे में अपनी घटिया पत्रकारिता के जरिए बदनाम हो चुके दिलीप मंडल इनदिनों फेसबुक के निशाने पर हैं। मंडल जी जिस नेशनल दस्तक नामक एक वेबसाइट के लिए पैसे लेकर ज्ञान पेलते हैं, उसे फेसबुक ने ब्लॉक कर दिया है। नेशनल दस्तक पर लगातार ये आरोप लगता रहा है कि ये साइट दूसरे का कंटेंट चोरी करके यूज करती है। इसके अलावा समाज में नफरत फैलाने का भी दिलीप मंडल और नेशनल दस्तक पर आरोप लगता रहा है।

अरुंधती रॉय और दिलीप मंडल से लोग इतना नफरत क्यों करते हैं?

Abhishek Srivastava : अरुंधती रॉय तीन साल समाधि लगाकर एक उपन्‍यास लिखती रहती हैं, फिर भी लोग उन्‍हें रह-रह कर गरिया देते हैं। दिलीप मंडल फेसबुक स्‍टेटस से ही उत्‍पात मचाए रहते हैं। एक अंग्रेज़ी जगत का वासी और दूसरा हिंदी जगत का। दोनों से लोग बराबर नफ़रत करते हैं। आप नौकरीशुदा मीडियावालों के बीच जाइए और थोड़ा परिष्‍कृत हिंदी में बस दो वाक्‍य बोल दीजिए। फिर देखिए, कैसे ‘बुद्धिजीवियों’ के प्रति उनकी घृणा तुरंत जुबान पर आ जाएगी। मैं शाम से सोच रहा था कि क्‍या हमारे यहां ही बुद्धिजीवी इतना पोलराइजि़ंग यानी बांटने वाला जीव होता है या कहीं और भी? आखिर ‘बुद्धिजीवी’ शब्‍द समाज में इतना घृणित क्‍यों बना दिया गया है?

बहुजनों का सहारा लेकर खुद की दुकान चमकाने वालों की नीयत पर शक करना जरूरी है!

Mohammad Faizan Tahir : दिलीप मंडल, बहुजन मीडिया और नेशनल दस्तक… ये पोस्ट पढ़ने का मन नहीं होगा लेकिन पढ़ने के बाद जो आपके मन मे होगा वो असली सवाल होगा कि क्या बहुजन की आवाज़ सच मे उठायी जा रही है या बहुजनों के नाम पर सिर्फ कमाई की जा रही है? दिलीप मंडल एक जानेमाने वरिष्ठ पत्रकार हैं और नेशनल दस्तक दलितों की आवाज़ बनकर उभरता पोर्टल न्यूज़ चैनल है दोनों ही के बारे में कुछ विवादित लिखना एक तबके से दुश्मनी करना है लिहाज़ा मेरा इरादा दोनों ही के बारे में कुछ गलत लिखने का नहीं है।

इंडिया टीवी वाले शर्मा साहेब अखिलेश जी के पक्ष में पहला शब्द कब बोलेंगे?

Dilip Mandal : सपा के दोस्तों, इंडिया टीवी वाले जिस शर्मा साहेब को अखिलेश जी ने 11 लाख रुपए और 50,000 रुपए मासिक पेंशन वाली यश भारती दी, उनसे पूछिए कि वे अखिलेश के पक्ष में पहला शब्द कब बोलेंगे। ऐसे सैकड़ों उपकृत लोग हैं, उनसे बात कीजिए। दैनिक जागरण के मालिक को राज्यसभा भेजा था, उनसे पूछिए। विनीत जैन को नोएडा में 104 एकड़ ज़मीन दी है, टाइम्स ऑफ इंडिया से पूछिए। लखनऊ में जिन पत्रकारों को ज़मीन दी है, उनसे बात कीजिए।