राजदीप सरदेसाई, आशुतोष, राघव बहल समेत नौ लोगों पर मुकदमा चलाने का रास्ता साफ

एक बड़ी खबर आ रही है. जिन दिनों आईबीएन सेवेन और आईबीएन-सीएनएन नाम से  न्यूज चैनलों का संचालन हुआ करता था और इसकी कमान राघव बहल, राजदीप सरदेसाई, आशुतोष आदि के हाथों में हुआ करती थी, उन्हीं दिनों एक स्टिंग दिखाया गया, ‘शैतान डाक्टर’ नाम से. यह स्टिंग डाक्टर अजय अग्रवाल के खिलाफ था. स्टिंग को पूरी तरह गलत बताते हुए डाक्टर अजय ने गाजियाबाद की अदालत में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया.

करारा जवाब मिलने के तुरंत बाद राजदीप सरदेसाई माफी मांग बैठे!

Shrimant Jainendra : सानिया मिर्जा के ऑटोबायोग्राफी लांचिंग के मौके पर राजदीप सरदेसाई ने उससे पूछा कि आप कब सेटल हो रही हैं? उनका इशारा बच्चे और परिवार की तरफ था। सानिया ने कहा, ‘क्‍या आपको नहीं लगता कि मैं सेटल हूं? आप निराश लग रहे हैं क्‍योंकि मैंने इस वक्‍त मातृत्‍व की जगह दुनिया की नंबर वन बनना चुना। लेकिन मैं आपके सवाल का जवाब जरूर दूंगीं। ये उन सवालों में से एक है, जिसका हम महिलाओं को अक्‍सर सामना करना पड़ता है। दुर्भाग्‍य से यह कोई मायने नहीं रखता कि हमने कितने विंबलडन जीते या नंबर वन बने, हम सेटल नहीं होते। हालांकि, मातृत्‍व और परिवार शुरू करना भी मेरी जिंदगी में होगा। और ऐसा जब होगा तो मैं जरूर बताऊंगी कि मेरी इसे लेकर क्‍या योजना है?’

यूपी विधानसभा का कटघरा : राजदीप आये और विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में ही माफी मांग कर चले गये

अजय कुमार, लखनऊ

उत्तर प्रदेश विधान सभा में गत दिनों तमाम राजनैतिक दलों ने अपने आपसी मतभेद भुलाकर मीडिया का जमकर विरोध किया। विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने तो वर्तमान मीडिया को ‘पक्षपाती’ तक कह डाला। दरअसल, सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों से संबंधित एक इलेक्ट्रानिक चैनल आजतक पर प्रसारित किये गये ‘स्टिंग आपरेशन’ की जांच रिपोर्ट में मीडिया घराने टीवी टुडे को दोषी पाया गया। इस संबंध में विधानसभा द्वारा गठित जांच समिति ने सदन में जो रिपोर्ट रखी उसमें बड़े इलेक्ट्रानिक मीडिया आजतक को ‘कटघरे’ में खड़ा कर दिया। रिपोर्ट में जहां तो मंत्री आजम खां को क्लीन चिट दी गई वहीं मीडिया पर पक्षपात पूर्ण कार्य करने का आरोप लगा।

कुछ मीडिया हाउसों पर कारपोरेट्स का दबाव है : राजदीप सरदेसाई

अजमेर : यहां आयोजित साहित्य सम्मेलन के गुफ्तगू सत्र के दौरान वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई कहा कि मैं नहीं मानता कि पूरी मीडिया बिकी हुई है. ये देश बेइमानों का देश नहीं है. इस देश की अधिकांश जनता ईमानदार है. ईमानदारी के कारण ही देश तरक्की कर रहा है. मीडिया जनता पर निर्भर है, किसी कॉर्पोरेट पर निर्भर नहीं है. हां कुछ मीडिया हाउस में कॉर्पोरेट के कारण समस्या है लेकिन उनका भी समाधान होगा. उन्होंने माना कि कुछ मीडिया हाउस पर कॉर्पोरेट्स का दबाव है.

राजदीप सरदेसाई ने अपना पैसा निकाल लिया पर मीडिया छोड़ नहीं रहे

Sanjaya Kumar Singh : मीडिया के कारनामे और मीडिया में एफडीआई… भारत को एफडीआई (विदेशी संस्थागत निवेश) तो चाहिए पर समाचार मीडिया में सिर्फ 26 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत है। दूसरी ओर, कोई भी (भारतीय नागरिक) मीडिया मंडी में दुकान खोल ले रहा है। यहां तक तो ठीक है – पर तुरंत ही टोकरी उठाकर हांफता-कांपता कभी जेल, कभी अस्पताल पहुंच जा रहा है। पर कोई देखने वाला नहीं है। ना अस्पताल में, ना जेल में। वेजबोर्ड के हिसाब से वेतन तो पुराने संस्थान नहीं देते, नए और नौसिखुओं से क्या उम्मीद? कार्रवाई किसी पर नहीं होती।

बड़ा संपादक-पत्रकार बनने की शेखर गुप्‍ता और राजदीप सरदेसाई वाली स्टाइल ये है…

Abhishek Srivastava : आइए, एक उदाहरण देखें कि हमारा सभ्‍य समाज आज कैसे गढ़ा जा रहा है। मेरी पसंदीदा पत्रिका The Caravan Magazine में पत्रकार शेखर गुप्‍ता पर एक कवर स्‍टोरी आई है- “CAPITAL REPORTER”. गुप्‍ता की निजी से लेकर सार्वजनिक जिंदगी, उनकी कामयाबियों और सरमायेदारियों की तमाम कहानियां खुद उनके मुंह और दूसरों के मार्फत इसमें प्रकाशित हैं। इसके बाद scroll.in पर शिवम विज ने दो हिस्‍से में उनका लंबा साक्षात्‍कार भी लिया। बिल्‍कुल बेलौस, दो टूक, कनफ्यूज़न-रहित बातचीत। खुलासों के बावजूद शख्सियत का जश्‍न जैसा कुछ!!!

Secular राजदीप सरदेसाई को Communal मनोहर पर्रिकर पर प्यार आ गया!

Dilip C Mandal : सेकुलर और कम्युनल में क्या रखा है? राजदीप सरदेसाई कट्टर Secular गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB) हैं और मनोहर पर्रिकर कट्टर Communal गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB). और फिर प्राइड यानी गर्व का क्या है? हो जाता है. राजदीप को पर्रिकर और प्रभु पर गर्व हो जाता है. सारस्वत को सारस्वत पर गर्व हो जाता है. सेकुलर को कम्युनल पर दुलार आ जाता है. वैसे, अलग से लिखने की क्या जरूरत है कि दोनों टैलेंटेड हैं. वह तो स्वयंसिद्ध है. राजदीप भी कोई कम टैलेंटेड नहीं हैं.