सेक्स स्कैंडल में फंसे बीजेपी के बड़े नेता, देखें इस महिला के वीडियो

बॉबी नामक महिला के दो वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें वह बीजेपी के कई नेताओं के नाम लेकर उन पर गंभीर आरोप लगा रही है. वीडियो देखने पर ऐसा लगता है, महिला को यह बिलकुल पता नहीं था कि वह जो कुछ बोल रही है उसे रिकार्ड भी किया जा रहा है. यह वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर छाया हुआ है. कुछ लोगों का कहना है कि पीएनबी स्कैम से ध्यान बंटाने के लिए जानबूझ कर सत्ताधारी दल के नेताओं की ओर से इस वीडियो को लीक कराया गया है ताकि सबका ध्यान इस सेक्स स्कैंडल की तरफ चला जाएगा.

सृजन घोटाले में नेताओं-अफसरों की गिरफ्तारी के लिए वारंट मांगने वाले सीबीआई अधिकारी पर गिरी गाज

नाम है एसके मलिक. सीबीआई में एएसपी हैं. ये बिहार के सृजन घोटाले की जांच करने वाली बीस सदस्यीय सीबीआई टीम के अगुवा हैं. सृजन घोटाला पंद्रह सौ करोड़ रुपये का है और इसमें नेता, अफसर, पत्रकार सब शामिल हैं. कहा जा रहा है कि यह घोटाला चारा घोटाले से भी बड़ा है. इस घाटाले की तह तक जा चुके सीबीआई आफिसर एसके मलिक ने पुख्ता प्रमाण जुटाने और पूछताछ के वास्ते जब सीबीआई कोर्ट से घोटाले में शामिल कुछ नेताओं व अफसरों की गिरफ्तारी के लिए वारंट मांगा तो फौरन उन पर कार्रवाई हो गई. उनका तबादला कर दिया गया.

सहारा के पत्रकार रमेश अवस्थी और उनके बेटे सचिन अवस्थी ने किया पुरस्‍कार घोटाला!

बाप-बेटे ने नेशनल मीडिया क्‍लब नामक संगठन के माध्यम से पत्रकारिता दिवस के मौके पर योगी के नाम की आड़ लेकर उन लोगों को भी सम्मानित बता दिया जो सम्मान लेने गए ही नहीं…

लखनऊ में नेशनल मीडिया क्लब नाम की एक संस्‍था ने ऐन हिंदी पत्रकारिता दिवस के दिन उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नाम का इस्‍तेमाल करते हुए कुछ वरिष्‍ठ पत्रकारों को बदनाम करने का काम किया है। इस संस्‍था ने 30 मई को एक ऐसा भयंकर पुरस्‍कार घोटाला किया है जिसमें 60 साल की उम्र पार कर चुके ऐसे पत्रकारों को पुरस्‍कार दिलवा दिया गया जिन्‍हें न तो अब तक पुरस्‍कार मिलने की ख़बर है, न ही वे वहां सशरीर मौजूद थे और जिन्‍होंने पुरस्‍कार की पेशकश पर अपनी सहमति तक नहीं दी थी।

अखबार में फर्जी विज्ञापन देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले हुए गिरफ्तार (देखें वीडियो)

अखबारों में लुभावने विज्ञापन देकर लोन कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का आगरा की पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह का खुलासा करते हुए आगरा पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया। इन आरोपियों के पास एक 99 लाख का फर्जी डीडी और एसबीआई का फर्जी आई कार्ड भी बरामद हुआ। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

Vastu Vihar Scam (4) : पटना में भी भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआईआर

वास्तु विहार घोटाले में अलग-अलग जगहों पर मुकदमों का क्रम साल भर पहले से शुरू हो गया लेकिन इस घोटाले पर मीडिया वाले रहस्यमय चुप्पी साधे हुए हैं. इस स्कैम का सबसे पहले भड़ास ने खुलासा किया. किसी भी मुख्यधारा के अखबार और चैनल ने वास्तु विहार घाटाले पर एक लाइन नहीं छापा न दिखाया. ऐसा माना जा रहा है कि मीडिया वाले भाजपा के शीर्ष नेताओं और केंद्र-राज्य की सरकारों के दबाव / प्रलोभन के कारण मनोज तिवारी के खिलाफ कुछ नहीं छाप रहे हैं. मनोज तिवारी की जगह अगर यही आरोप आम आदमी पार्टी के किसी नेता पर लगा होता तो सारे चैनल पूरे दिन इसी घोटाले के गड़े मुर्दे खोदते रहते. इसे ही कहते हैं मीडिया का नंगा और दोगला चेहरा.

Vastu Vihar Scam (3) : भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ फ्राड और चीटिंग का केस दर्ज

वाराणसी : जनता के अरबों रुपये लेकर चंपत होने वाली कंपनी वास्तु विहार के ब्रांड अंबेसडर रहे मनोज तिवारी, जो सांसद तो हैं ही, भाजपा दिल्ली के अध्यक्ष भी हैं, के खिलाफ फ्रॉड और चीटिंग का केस दर्ज कर लिया गया है. यह केस एक पीड़ित उपभोक्ता ने बिहार के दरभंगा जिले में दर्ज कराया है.

Vastu Vihar Scam (2) : ठगी का यह कारोबार भाजपा सांसद मनोज तिवारी के संरक्षण में फला-फूला!

वाराणसी : भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के नाम पर वास्तु विहार कंस्ट्रक्शन कंपनी लगातार ठगी का खेल जनता के साथ खेल रही है… लोग मनोज तिवारी का चेहरा देखकर फंस रहे हैं और ठग कंपनी मालामाल होती जा रही है.. आपको बता दें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में इस ठग कंपनी ने अपना जाल बिछा रखा है और लगातार भोले भाले लोगों को शिकार बनाया जा रहा है.

यादव सिंह को बहाल कर प्रमोशन देने वाले भ्रष्टाचारी आईएएस रमा रमण का बाल भी बांका नहीं हुआ

Surya Pratap Singh :   ‘भ्रष्टाचारों’ पर मज़े की बात… नॉएडा/ग्रेटर नॉएडा/यमुना इक्स्प्रेस्वे अथॉरिटिज़…. वर्तमान सरकार द्वारा भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए किए जा रहे ‘अश्वमेघ यज्ञ’ के असली (भ्रष्ट) घोड़ों को कौन पकड़ेगा… इन घोड़ों ने प्रदेश की अस्मिता को रौंदा है…. जेल की ऊँची दीवारें व बेड़ियाँ प्रतिक्षरत हैं…… सीबीआइ की गिरफ्त में भ्रष्ट इंजीनियर यादव सिंह इन दिनों सीबीआइ का मुजरिम हैं और जेल में निरुद्ध हैं। जिस रमा रमण आईएएस ने यादव सिंह का निलम्बन बहाल किया और प्बिना डिग्री प्रोन्नति देकर तीनों नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस अथारिटी में इंजीनियर-इन-चीफ़ बनाया, उसका बाल भी बाँका नहीं।

हिन्दुस्तान अखबार ने किया पीएफ-डीए घोटाला, पीएम से शिकायत

हिन्दुस्तान अपने हजारों कर्मचारियों को महंगाई भत्ता न देकर पीएफ के अपने हिस्से के करोड़ों रुपये डकार गया। कर्मचारियों के पीएफ का जो बाजिब पैसा उसे भविष्यनिधि खाते में जमा होने चाहिए, वह आज तक हिन्दुस्तान अख़बार के प्रबंधन ने जमा ही नहीं किया है। केंद्र सरकार को ठेंगा दिखाकर हिन्दुस्तान अखबार अपने किसी भी कर्मचारी को डीए(महंगाई भत्ता) नहीं दे रहा है। ताकि पीएफ का पैसा पूरा न देना पड़े, इस घोटाले का खुलासा मजीठिया के योद्धा हिन्दुस्तान बरेली के चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, सीनियर कॉपी एडिटर राजेश्वर विश्वकर्मा ने किया है।

आईएएस रमा रमण के कार्यकाल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों में हुए घपले-घोटालों की जांच की मांग

Yashwant Singh : चर्चित आईएएस सूर्य प्रताप सिंह अपने फेसबुक वॉल पर लिखते हैं :

Vastu Vihar Scam (1) : भाजपा सांसद मनोज तिवारी के ‘संरक्षण’ में एक ठग कंपनी ने जनता से की अरबों की लूट

Yashwant Singh : बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने किस तरह अपने खास लोगों को वास्तुविहार कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए जनता को लूटने की छूट दी, किस तरह वे लूट के इस खेल में अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल रहे, इसका खुलासा जल्द भड़ास पर होगा. मनोज तिवारी द्वारा ‘संरक्षित’ वास्तुविहार कंस्ट्रक्शन कंपनी के जाल में लोग मनोज तिवारी का चेहरा देखकर फंस रहे हैं और ठग कंपनी मालामाल होती जा रही है.

डीएवीपी विज्ञापनों के लिए फर्जीवाड़ा, दिल्ली-लखनऊ के 277 पब्लिकेशन फंसे

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सरकारी विज्ञापनों के लिए आवंटित राशि हासिल करने की खातिर कथित तौर पर ‘फर्जीवाड़े और गबन’ में शामिल होने को लेकर 277 प्रकाशनों के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज कराने और कानूनी कार्रवाई शुरु करने का फैसला किया है. विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा मौके पर की गयी जांच में प्रकाशन एवं प्रसार संबंधी आंकड़ों में व्यापक अनियमितताएं मिलने के बाद लखनऊ और दिल्ली के करीब 277 प्रकाशन मंत्रालय के निशाने पर हैं.