बिहार विधान सभा की प्रेस सलाहकार समिति के गठन को लेकर खड़ा किया गया सवाल किसी अकेले पत्रकार की लड़ाई नहीं है। यह सवाल संपादक नामक संस्था की गरिमा से जुड़ा है, उनके मान-सम्मान से जुड़ा सवाल है। प्रेस सलाहकार समिति के गठन के पूर्व विधान सभा सचिवालय ने किसी संपादक से परामर्श नही किया और अपनी मनमर्जी से प्रेस प्रतिनिधियों को मनोनीत कर दिया है। यदि किसी संपादक को स्पीकर की ओर से चिट्टी भेजी गयी हो तो विस सचिवालय उस पत्र को सार्वजनिक करे।