डा. आंबेडकर को ठिकाने लगाने की आरएसएस की एक और कोशिश

Kanwal Bharti : डा. आंबेडकर को ठिकाने लगाने की आरएसएस की एक और कोशिश…  दूरदर्शन पर खबर थी, रामानुजाचार्य की जयंती पर, प्रधानमंत्री मोदीजी ने कहा है कि रामानुजाचार्य के दर्शन से डा. आंबेडकर भी प्रभावित थे. यह जुमलेबाज़ मोदी जी का झूठ नहीं है, बल्कि यह वह एजेंडा है, जिसे आरएसएस ने डा. आंबेडकर के लिए तैयार किया है. इस एजेंडे के दो बिंदु हैं, एक- डा, आंबेडकर को मुस्लिम विरोधी बनाना, और दो, डा. आंबेडकर को हिन्दूवादी बनाना. वैसे, उन्हें मुस्लिम-विरोधी बनाना भी हिन्दूवादी बनाना ही है. यह काम वो नब्बे के दशक से ही कर रहे हैं.

मोदी की आंबेडकर पर अशिष्टता

-आनंद तेल्तुम्ब्ड़े-

हाल में मोदी जी ने अपने आप को आंबेडकर भक्त कहा था और दलितों को यह भरोसा दिलाया था कि वह आरक्षण के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होने देंगें चाहे आंबेडकर ही आ कर इस की मांग क्यों न करें. मोदी की यह अशिष्टता यह दर्शाती है कि हिंदुत्व की ताकतों के लिए दलितों को पटाने के लिए आंबेडकर को गलत ढंग से पेश करने तथा शासक वर्गों की राजनीतिक रणनीति में आरक्षण की कितनी नाज़ुक भूमिका है. आरक्षण जो कि दलितों के लिए वरदान है वास्तव में उनकी गुलामी का औज़ार बन गया है.

डॉ. बी. आर. आंबेडकर पर चार लाख पुस्तिकाएं छाप कर फंस गई गुजरात की भाजपा सरकार

Dilip C Mandal : गुजरात सरकार के सामने एक अजीब मुसीबत आ गई है. चार लाख की मुसीबत. वजन के हिसाब से, कई क्विंटल मुसीबत. गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग ने आंबेडकर सालगिरह समारोह पर एक Quiz कराने का फैसला किया. पांचवीं से आठवीं क्लास के बच्चों के लिए. इसके सवाल एक बुकलेट से आने थे. बुकलेट छपी गई. चार लाख कॉपी. इन्हें स्कूलों में बांटा जाना तय हुआ.

गुजराती छात्रों में वितरित अंबेडकर पर लिखी पुस्तक की लाखों प्रतियां सरकार ने लौटाईं

गुजरात में कथित रूप से हिंदू विरोधी सामग्री के कारण वहां के कक्षा छह से आठवीं के स्कूलों में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंतr पर बांटी गईं पुस्तकें प्रदेश सरकार ने प्रतिबंधित कर दी हैं।