मुम्बई के श्री अम्बिका प्रिंटर्स में लगी आग (देखें तस्वीरें)

कंपनी के बहादुर साथियों तथा फायर बिग्रेड की मदद से बड़ा हादसा टला… मुम्बई से एक बड़ी खबर आ रही है। यहाँ श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के लालबाग स्थित कार्यालय और प्रिंटिंग प्रेस के पास बने सर्वर रूम में भीषण आग लग गयी। यह आग गुरुवार की रात उस समय लगी जब सभी कर्मचारी और मीडिया कर्मी अपने अपने काम में व्यस्त थे। आग लगने की खबर पाते ही हड़कंप मच गया।

संपादक ने प्रबंधन के साथ मिल कर्मचारियों के साथ किया धोखा

महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े समाचार पत्र समूह अंबिका पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘यशोभूमि’ के संपादक ने प्रबंधन साथ मिलकर कर्मचारी के साथ शर्मनाक छल किया है। बता दें कि समूह के कर्मचारी कंपनी से लंबे समय से मजीठिया वेज बोर्ड को लागू करने की मांग कर रहे थे। परन्तु कंपनी उन्हें हर बार झूठे आश्वासन देकर बहला देती थी। कंपनी के इस रवैये को देखते हुए कर्मचारियों ने कमगार आयुक्त की शरण ली। जहां से कंपनी जैसे-तैसे करके कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि कर दी।

लिखकर दो मजीठिया वेज वोर्ड के अनुसार वेतन मिल रहा वरना अखबार बंद कर दूंगा!

महाराष्ट्र के सबसे बड़े समाचार पत्र समूह श्री अंबिका प्रिटर्स एंड पब्लिकेशन ने मजीठिया वेज बोर्ड के मामले में अपने लेटर हेड पर एक फार्मेट तैयार किया है और यशोभूमि के कर्मचारियों को 10 जनवरी को यह फार्मेट देकर धमकी देते हुये कहा है कि अगर इस फार्मेट पर हस्ताक्षर नहीं करोगे तो यशोभूमि समाचार पत्र के कार्यालय पर ताला मारकर अखबार का प्रकाशन बंद कर दिया जायेगा. श्री अंबिका प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशन की तरफ से महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय हिन्दी दैनिक यशोभूमि के साथ-साथ मराठी समाचार पत्र पुण्यनगरी, मुंबई चौफेर, वार्ताहर के साथ साथ कर्नाटक मल्ला समाचार पत्र का प्रकाशन किया जाता है.

मजीठिया वेज बोर्ड देने में महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े समाचार पत्र समूह ने गड़बड़ी-धोखाधड़ी की!

यशोभूमि (हिंदी), पुण्यनगरी (मराठी), मुंबई चौफेर (मराठी), आपलं वार्ताहर (मराठी), कर्नाटक मल्ला (कन्नड़) का प्रकाशन करने वाले तथा अपने आपको महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा समाचार पत्र समूह बताने वाले संस्थान अंबिका ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशनुसार मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन गणना करते समय गड़बड़ी की है. कंपनी द्वारा वेज बोर्ड के मुद्दे पर उदासीनता दिखाने पर लंबे समय तक इंतजार करने के बाद पत्रकारों ने कामगार आयुक्त के यहां शिकायत दर्ज कराई थी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वेतन दिलवाने का आग्रह किया था। जिस पर आयुक्त ने अंबिका ग्रुप से इस बारे में जबाब मांगा था। अंबिका ग्रुप ने 30 अक्टूबर को कामगार आयुक्त के यहां पत्र देकर आश्वस्त किया था कि वह इसी माह से कोर्ट के निर्देशानुसार निर्धारित वेतन देने लगेंगे और एरियर का भी भुगतान इसी वर्ष कर देंगे।