भगत सिंह का अंतिम पत्र

साथियों,

स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता. लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ, कि मैं क़ैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता.

भगत सिंह का नाम लेकर झूठ फैलाने वाले इन नेताओं का क्या करें?

शहीदे आजम भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु सुखदेव को अंधी ब्रिटिश हुकूमत ने 23 मार्च 1931 को तमाम नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए फांसी पे लटका दिया था. इस हुकूमत ने उनको फांसी पर लटकाये जाने की सजा 24 मार्च 1931 को मुकर्रर की थी. पिछले कुछ वर्षों से शहीदे आजम भगत सिंह को लेकर लगातार झूठी कहानियाँ बनाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है. पहले तो यह अफवाह फैलाई गयी कि 14 फरवरी को शहीदेआजम भगत सिंह और उनके साथी को फांसी दी गयी. जब यह अफवाह बाजार में चली नहीं तो अब यह नई कहानी बनायी जा रही है कि 14 फरवरी को उनको फांसी की सजा सुनाई गयी थी. यह भी झूठ के सिवाय कुछ नहीं है.

Complete Documents of Bhagat Singh in Urdu

This is my latest publication of Documents of Bhagat Singh in Urdu. In 2007, during birth centenary year of Bhagat Singh, Govt. of India for the first time published complete writings of Bhagat Singh, available by then in Hindi. The book was released by Kuldip Nayar in presence of two nephew of Bhagat Singh-Kiranjit Singh Sandhu and Abhey Singh Sandhu. Then it included 100 documents of Bhagat Singh.