ओम थानवी की मनमोहन-मोदी संबंधी यह पोस्ट फेसबुक पर हुई वायरल

Om Thanvi : क्यों चुप रहे मनमोहन, क्यों बोलें मोदी? (एक प्रशासक की डायरी का पन्ना: पढ़ने को मिला था, नाम न देने की शर्त पर यहाँ साझा करता हूँ!)

1. जब देश जान चुका है कि भारत पाकिस्तान से डरता नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक से अभी मुँहतोड़ जवाब दिया गया है और पहले भी। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब भी अकधिक बार ऐसे ही धावा बोला गया था। लेकिन सवाल मन में यह आता है कि तब मनमोहन सिंह आख़िर चुप क्यों रहे?

आखिर मनमोहन सिंह भी बोल पड़े- ”मोदी को खामोशी तोड़नी चाहिए”

Deepak Sharma : राजपथ के धुंधले आकाश पर सूरज उतर रहा था और कोई ५०० कदम दूर राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट पर नीली पगड़ी वाला एक बुजुर्ग पीछे चल रही एक महिला से अंग्रेजी में कह रहा था….मोदी को ख़ामोशी तोड़नी चाहिए. कैमरे वाले सोनिया और राहुल के आगे बाइट के लिए दौड़ रहे थे लेकिन उनसे एक बड़ी खबर पीछे छूट चुकी थी.

कांग्रेस राज के मुकाबले मोदी राज में ज्यादा करप्ट और तानाशाह है डीएवीपी

: मोदी सरकार की बदनामी का कारण बन रहा है DAVP : सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अन्‍तर्गत आने वाले भारत के सबसे बड़े भ्रष्‍ट व तानाशाही पूर्ण रवैया वाली सरकारी एजेंसी जिसे डीएवीपी कहा जाता है, ने पूरे देश के इम्‍पैनलमेंट किये गये समाचार पत्रों की लिस्‍ट 11 फरवरी 2015 को जारी की है. DIRECTORATE OF ADVERTISING AND VISUAL PUBLICITY यानि DAVP भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अन्‍तर्गत आता है. यह विभाग देश भर के हर छोटे व बड़े समाचार पत्रों को विज्ञापन हेतु इम्‍पैनल करता है. बडे अखबारों को छोडकर लघु व मध्‍यम समाचार पत्रों को साल भर में बड़ी मुश्‍किल से दो विज्ञापन देता है. वह भी 400 वर्गसेमी के.