बड़े अखबारों में गल्तियां छपने से लाखों पाठकों का जायका बिगड़ता है. हिंदुस्तान मेरठ संस्करण में पेज नंबर छह पर 28 अक्टूबर को गलत हेडिंग छप गई. इसी तरह दैनिक जागरण में गलत तथ्य छपे हैं. देखें दोनों अखबारों की कटिंग…
बड़े अखबारों में गल्तियां छपने से लाखों पाठकों का जायका बिगड़ता है. हिंदुस्तान मेरठ संस्करण में पेज नंबर छह पर 28 अक्टूबर को गलत हेडिंग छप गई. इसी तरह दैनिक जागरण में गलत तथ्य छपे हैं. देखें दोनों अखबारों की कटिंग…
नवनीत मिश्र
लगता है दूरदर्शन वाले आजकल भांग खाकर काम कर रहे हैं। खासकर एंकर और प्रोड्यूसर। सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की। जब योग्यता नहीं जोड़-जुगाड़ से भर्तियां होती हैं तब यही हाल होता है। यूं तो मैं दूरदर्शन देखता नहीं। मगर, मंगलवार को दिल ने कहा-चलो, खैर खबर लेते हैं। तीन बजे का बुलेटिन चल रहा था। अचानक एंकर साहिबा के मुंह से निकली गुजरात की एक खबर ने चौंका दिया। पुरुषोत्तम रुपाला को कई बार गुजरात का सीएम बता डाला। दिमाग ठनक गया कि जुलाई में केंद्रीय मंत्री बने रूपाला कब सीएम बने। हमें लगा कि शायद हमीं अज्ञानी हैं। कई बार गूगल चेक किया। जब आश्वस्त हो गए तो खबर लिखना बनता था।
राजस्थान पत्रिका के जालोर एडिशन में 10 अगस्त को ‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री को श्रद्धांजलि दी’’ शीर्षक से एक खबर प्रकाशित हुई. इसमें राजस्थान के जीते-जागते विधायक व मंत्री को भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धांजलि दी जाने संबंधी खबर प्रकाशित कर दी गई. गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली में अजमेर सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांवर लाल जाट का निधन हो गया. इसकी खबरें सभी टीवी न्यूज चैनल्स पर पूरे दिन चलीं और सभी अखबारों में फ्रंट पेज पर भी छपीं.
इसे ‘जल्दबाज़ी जो न कराए’ तभी कहा जाएगा जब यह मानवीय गलती हो. यानि 24 घंटे की जगह 25 घंटे गलती से टाइप हो गया हो. पर अगर जानबूझ कर 25 घंटे लिखा और दिखाया गया है तो इसका मतलब साफ है कि ईटीवी समूह योगी को तेल लगाने के चक्कर में खुद को अनपढ़-गंवार चैनल साबित करने से भी गुरेज नहीं कर रहा है.