गुमला जिले में एक टीवी पत्रकार कर रहा है उगाही (सुनें टेप)

गुमला जिले में एक बड़े खबरिया चैनल के लोकल पत्रकार द्वारा लगातार पैसे की वसूली की बात सामने आ रही है। यह पत्रकार सरकारी स्कूलों में जा कर वहां के शिक्षकों को खबर चला देने की धमकी देकर रकम वसूल रहा है। एक स्कूल में जा कर इस पत्रकार ने अपने साथी पत्रकार के साथ मिल कर करीब 30 हजार रुपये की मांग की। पैसे न देने पर अंजाम भुगत लेने की धमकी भी दी। इस ऑडियो टेप में धमकी की बात साफ सुनाई दे रही है।

अंबानी के मैनेजरों ने ईटीवी चैनल्स के एडिटर्स को 180 करोड़ के विज्ञापन जुटाने के टारगेट दिए!

देश के मीडिया इतिहास की अभूतपूर्व घटना… देश के मीडिया इतिहास में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में सहारा की तरह अब रिलायंस ग्रुप ने नेटवर्क18 के तहत 18 राज्यों में संचालित 13 ईटीवी न्यूज़ चैनल्स के एडिटर्स को एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 180 करोड़ रुपए के विज्ञापन जुटाने का टारगेट दिया है। रिलायंस के इस फैसले से सभी बड़े न्यूज़ चैनल्स में हड़कंप मच गया है। देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने रिलायंस के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एडिटर्स को विज्ञापन लाने के लिए टारगेट दिए गए हैं।

खबर से भड़के डीएम ने जारी किया आदेश : ‘हिंदुस्तान’ अखबार के इस उगाहीबाज रिपोर्टर को आफिस में घुसने न दें!

Dinesh Singh : मैं नहीं जानता कि बाका के जिलाधिकारी के दावे में कितनी सच्चाई है। बिहार में हिन्दुस्तान की स्थापना के समय से जुड़े होने के चलते मैंने देखा है कि रिमोट एरिया में ईमानदारी के साथ काम करने वाले पत्रकार भी भ्रष्ट अधिकारियों के किस तरह भेंट चढ़ जाते हैं। मैं यह नहीं कहता कि सारे पत्रकार ईमानदार हैं मगर मैं यह भी कदापि मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि सारे पत्रकार चोर और ब्लैकमेलर ही होते हैं।

धंधेबाज ‘समाचार प्लस’ चैनल : रिपोर्टरों को उगाही का टारगेट, पूरा न करने पर कइयों को हटाया

समाचार प्लस राजस्थान में सभी स्टिंगरों को दिया गया एक लाख से 2 लाख रुपये उगाही का लक्ष्य. नहीं देने वाले रिपोर्टरों को निकाला. 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के नाम पर उगाहने हैं लाखों रुपये. समाचार प्लस में मैं कई सालों से कार्य कर रहा था.  5 हजार रुपये मुझे मेरी मेहनत के मिलते थे. काम ज्यादा था, पैसे कम. लेकिन चैनल को कुछ और ही प्यारा था. समाचार प्लस राजस्थान टीम ने मुझे फ़ोन कर कहा-

‘न्यूज नेशन’ उगाही कथा (8) : पहले स्टिंग फिर वसूली का ये रहा सबसे बड़ा प्रमाण… (देखें वीडियो)

‘आपरेशन जोंक’ के नाम पर उगाही करने वाले न्यूज नेशन चैनल की पूरी कथा सात पार्ट में आप पहले ही पढ़ चुके हैं. जाने माने खेल पत्रकार पदमपति शर्मा उगाही के खेल के सारे दांव-पेंच का रहस्य एक-एक कर उदघाटित करने का कार्यक्रम संपन्न कर चुके हैं. चूंकि पदमपति शर्मा न्यूज नेशन चैनल में कार्यरत रहे हैं, इसलिए उन्हें इस चैनल के अंदरखाने के चाल-ढाल रंग-रूप सोच-समझ के बारे में सब कुछ अच्छे-से पता था. इसलिए उन्होंने जब उगाही कथा का वर्णन शुरू किया तो लोगों ने दांतों तले उंगली दबा ली कि क्या सरोकारी होने का दावा करने वाला यह न्यूज चैनल इतने बड़े गंदे खेल में पूरी तन्मयता से लिप्त है!

‘न्यूज नेशन’ की उगाही कथा (6) : शीतल कपूर के बारे में क्राइम ब्रांच को मिले सनसनीखेज साक्ष्य

Padampati sharma : [हे भगवान ! यह क्या हो रहा है…? मेरी वाल से पोस्ट कौन डीलिट कर रहा है ? कोई आईटी एक्सपर्ट मेरी वाल पर नजर गड़ाए हुआ है…स्टिंग में उगाही पर खेल को लेकर दस दिन पहले मेरी दो पोस्ट हटा दी गयी थीं और एक भारतीय टीम के चयन पर मैने लिखी थी वह भी गायब हो गयी…सात जून को कड़ी की चौथी पोस्ट डाली थी…काफी सूचनात्मक थी…..वह थोड़ी देर पहले ही हैक कर ली गयी…जबसे मैने स्टिंग राग छेड़ा है तब से लोग लग गए हैं पीछे. फोन आ रहे हैं, चेज कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि मंशा ठीक नहीं है लोगों की….लेकिन यदि डराना चाहता है कोई तो मैं चुनौती देता हूं कि सामने आओ…मैं डरने वालों में नहीं हू. कौन जाने कि मेरी शहादत मीडिया की गंदगी साफ करने में सहायक बने…..] ….शीतल को शो के पहले ही स्टिंग की रॉ फुटेज, कैसे हाथ लग गयी थी…पुलिस की सघन जांच, में सनसनीखेज सुबूत हाथ लगे !! ‘आपरेशन जोंक’ में हुए Extortion मामले की जांच में जितना अंदर जा रहा हूं, उतनी ही उलझनें बढ़ती जा रही हैं. बीता दिन इसी चक्कर में निकल गया…शनिवार को ही एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का फोन आया जिसमें उन्होंने मेरी मुकम्मल सिक्योरिटी को लेकर आश्वस्त भी किया. पर मैं तो चाहता हूं कि इस मुद्दे पर जान जाने से यदि मीडिया में गंदगी साफ होती है तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है. 

‘न्यूज नेशन’ उगाही कथा (3) : स्टिंग से बाहर करने की एवज में भुगतान चेक से किया गया

Padampati Sharma : ‘उगाही’ उद्योग बना तो पैसा भी चेक से दिया गया…!! अजीब दास्तां है ये, कहां शुरू कहां खतम !! याद आ रहा है पुरानी फिल्म का यह गाना जो विषय से काफी जुड़ा लगता है. देखिए जो यह कहते हैं कि मैं कहां था, मीडिया की काली दुनिया भयावह हो चुकी है, तो उनको जवाब है कि मैं यहीं था ओर हूं पर जिस तरह एक्सटार्शन यानी उगाही को एक उद्योग बना दिया गया, वह हैरतअंगेज है. मैं पूछता हूं कि क्या कभी आपने पहले यह सुना था कि स्टिंग से बाहर करने की एवज में भुगतान नंबर एक यानी चेक से दिया गया ? जी हां आपरेशन जोंक में यही तो हुआ.