संगठन पर उपजे सवालों पर राव साहब से जवाब मांगता एक पत्र

कामरेड श्री के. विक्रम राव

साथी कामरान ने अपने पत्र में जो सवाल उठाये उसको भी पढ़ा और उसके बाद उनको जिस तरह से धमकी भरे अंदाज में जवाब दिया गया उसको भी पढ़ा. एक नवनिर्वाचित पार्षद जो युवा भी है उत्साहित भी है और संगठन के लिए समर्पित भी है. कामरान ने क्या गलत किया कामरान ने संविधान माँगा आपने बदले में उसको ढेर सारा ज्ञान दिया मगर संविधान फिर भी नहीं दिया. आखिर जिस संविधान को वेबसाईट लेने की बात की जा रही है उसको उसी मेल से क्यूँ नहीं भेज दिया जा रहा है. आखिर इस गोपनीयता की वजह क्या है?

लखनऊ में धरना देते समय विक्रम राव और कामरान में हुई तकरार, देखें वीडियो

जिम्मेदार वरिष्ठ पत्रकारों / इन्साफ पसंद पत्रकार नेताओं से एक पत्रकार की गुजारिश

नीचे दिए गए वीडियो को ध्यान से देखिये। ये मौका था दिल्ली मे पत्रकारों के साथ बदसलूकी के खिलाफ हजरतगंज स्थित गाँधी प्रतिमा के नीचे विरोध प्रदर्शन का। इस तरह का मुजाहिरा पत्रकार एकता और एकजुटता की दलील भी देता है। लेकिन यहाँ का मंजर तो मकसद से विपरीत पत्रकारों के मतभेद, खंडित होने और बिखराव के साथ पत्रकार खुद बदसलूकी का शिकार होता दिखाई दिया। दो के बीच जमकर हुयी तकरार में एक वरिष्ठ था और एक उनसे काफी कनिष्ठ। एक युवा और एक बुजुर्ग। बुजुर्ग महोदय सम्मानित, जाने-पहचाने और राष्ट्रीय स्तर की ट्रेड यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष हैं। दो पीढ़ियों के पत्रकारों के हुजूम के बीचो-बीच दो पीढ़ियों के इन दो पत्रकारों की तकरार मे दोनों मे कोई एक गलत और कोई एक सही होगा।

विक्रम राव को लखनऊ में ifwj के ही एक अन्य साथी कामरान ने दिखाया आइना

तुम खामोश रहो ……..IFWJ की बेबसाइट पर संविधान ACCOUNTS सब हैं… आप थोड़ा पढ़े लिखे होते कामरान…. अगर आप जि़म्मेदार होते…

-के. विक्रम राव (राष्ट्रीय अध्यक्ष, IFWJ)

I cannot keep SILENCE…May be you….

My firm believe that in today’s context of relentless upheaval in the media world, and journalism in particular, that it is a good time to resurrect the moribund organization registered way back in the year 1950 and put it back on the map. I agree, and this is why I decided to stand for election to the National Council after being approached by one of my friend and son of senior IFWJ leader.