Vikas Mishra : मेरे एक मित्र अभी एक शहर में एसपी सिटी हैं। एक रात जब हम मिले, चर्चा छिड़ी तो उन्होंने कहा-‘भाई मैं तो बस ईमानदारी से काम कर रहा हूं, कोई तीन-पांच नहीं।’ मुझे लगा कि शायद मोदी के प्रभाव में ईमानदार हो गए हैं। बात बढ़ी तो वो बोले-‘किसी को सताकर नहीं कमाना है भाई, बिना पैसे दिए पोस्टिंग मिली है, मैं तो बाहर का पैसा छूता नहीं हूं, बस महीने के जो ढाई-तीन लाख बंधे हुए आते हैं, उसी से काम चलाता हूं।’