सीओ ने रेप पीड़िता बच्ची के इलाज के लिए कहा तो डाक्टरों ने पीट दिया, देखें वीडियो

यूपी के जनपद हापुड में पाँच वर्षीय बच्ची से रेप का मामला सामने आने पर पुलिस ने पीड़िता को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. लगभग डेढ़-दो घंटे तक ट्रीटमेंट न मिलने के कारण बच्ची दर्द से बिलबिलाती रही तो सीओ सिटी राजेश कुमार को देखा न गया. उन्होंने जिला अस्पताल के ड्यूटी पर तैनात डाक्टर से इलाज के लिए कहा तो डाक्टर गरम होने लगे.

मीडिया खामोश : मरीज लाचार, बाबा और डॉक्टर बने लुटेरे, मठ-मंदिर, अस्पताल हुए कसाईबाड़ा

देश के अस्पतालों में क्या हो रहा है, कैसे बाबाओं और डॉक्टरों द्वारा मरीजो को बेखौफ लूटा-निचोड़ा और गलत दवाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है, इस ओर न मेडिकल नियामक शीर्ष सरकारी संस्थाओं का ध्यान है, न देश-प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों का। जब से इलाज के नाम पर लुटेरों को खुला छोड़ दिया गया हो। इसी तरह धर्मांधता का फायदा उठाने में जुटे तरह तरह के पाखंडी बाबाओं ने अंधेरगर्दी मचा रखी है। बड़ी-बड़ी आलीशान बिल्डिंगों में चल रहे अस्पताल और दवा इलाज के नाम पर बेखौफ तांडव के ठिकाने बने मठ-मंदिर देश में तो जो कर रहे, सो कर ही रहे, विदेशों तक झूठे प्रचार, अखबारों और चैनलों पर प्रकाशित-प्रसारित हो रहे विज्ञापनों की आड़ में ठगी अखाड़ों में तब्दील हो चुके हैं। 

डॉक्टर बना हैवान, बीमार मां को बेहोश कर नाबालिग बेटी से कर्मचारियों संग किया गैंगरेप

बलिया (उ.प्र.) : इस देश में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया हैं जो इंसान को अपनी कड़ी मेहनत से नव जीवन प्रदान करता है लेकिन जब वही डॉक्टर अपनी हवस को मिटाने के लिये इंसान के साथ जानवरों सा बर्ताव करने लगे तो …? बात कर रहे उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद अंतर्गत बांसडीह रोड थाना क्षेत्र के तिखमपुर स्थित शारदा अस्पताल की, जो शहर कोतवाली से मात्र एक किलो मीटर की दूरी पर है। जहाँ हमेशा चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है। शहर मुख्यालय से सटे होने के बावजूद प्रशासन की नाक के नीचे इस अस्पताल के संचालक एवं डॉक्टर जे पी शुक्ला ने सोलह वर्षीय किशोरी के साथ स्वयं और उनके कर्मचारियों ने जो कृत्य किया, शर्मसार कर देने वाला ।

अपनी गलती छिपाने के लिए बीएचयू प्रशासन ने पत्रकारों से की बदतमीजी, स्टिंग करने वाले डॉक्टर को किया नजरबन्द

वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ओमशंकर ने स्टिंग सीडी मीडिया को देने के लिए गुरूवार की दोपहर 12 बजे अपने आवास पर प्रेसवार्ता बुलाई लेकिन अपनी गलती छिपाने के लिए बीएचयू प्रशासन ने मीडिया से मिलने नहीं दिया। प्रेसवार्ता की सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन को मिलते ही हंगामा मच गया। सच्चाई छिपाने के लिए विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों सहित आलाधिकारियों ने उनके आवास पर पहुंचकर डॉ. ओमशंकर को घर में अंदर ही नजरबन्द कर दिया। जब पत्रकार उनके आवास पर अंदर जाने लगे तो बीएचयू सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों ने उनसे धक्कामुक्की की। 

प्रशंसनीय : नेपाल में रिपोर्टिंग छोड़ घायल संध्या के सिर की सर्जरी करने लगे डॉ. संजय गुप्ता

सीएनएन के पत्रकार डॉ.संजय गुप्ता न्यूरोसर्जन हैं। वह गत शनिवार को नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद तबाही की रिपोर्टिंग करने गए थे लेकिन उन्हें 15 साल की संध्या के ब्रेन का ऑपरेशन करना पड़ा, जिसके सिर पर दीवार गिर गई थी। सर्जरी कामयाब भी रही। इसके पहले वह 2003 में इराक़ में आपातकालीन सर्जरी कर चुके हैं।

अलीगढ़ में डॉक्टर परिवार पर पत्रकारों का हमला, कई घायल

अलीगढ़ : इंडिया टीवी, एबीपी न्यूज़, न्यूज़ नेशन और टाइम्स नाऊ के लिए अकेले काम कर रहे पत्रकार प्रदीप सारस्वत और उनके पांच कथित पत्रकार साथियों ने दबंगई में प्रतिष्ठित डॉक्टर और उनके परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया। एसएसपी के आदेश पर थाना सिविल लाइन में दोषी मीडियाकर्मियों के खिलाफ मुक़द्दमा दर्ज हो गया है। बताया गया है कि सारा विवाद दरवाजे पर गाड़ी खड़ी करने को लेकर हुआ। मारपीट में दूसरे पक्ष के अरुण, प्रदीप, श्रवण भी चुटैल हुए हैं। दूसरे पक्ष ने भी पुलिस को तहरीर दी है। 

पत्रकार के पेट में डॉक्टर ने छोड़ा आठ इंच लंबा तार, अब दोबारा होगी सर्जरी

दिल्ली : लोक नायक अस्पताल में डॉक्टर ने पत्रकार राधेश्याम की किडनी की सर्जरी के दौरान उनके पेट में नौ 8 इंच लंबा तार छोड़ दिया। सर्जरी के बाद से लगातार उनके पेट में दर्द रहता है। दोबारा अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से भी पता चला है कि पेट में तार पड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि अब 28 अप्रैल को इस तार को निकलवाने के लिए उन्हें एक और सर्जरी करवानी पड़ेगी।

मुंह में रखा गुटखा, तंबाकू कहां गायब हो जाता है?

मैं ऐसे बहुत से लोगों से मिलता हूं जिन्हें लगता है कि अगर वे धूम्रपान नहीं कर रहे हैं, बीड़ी-सिगरेट को छू नहीं रहे हैं तो एक पुण्य का काम कर रहे हैं…फिर वे उसी वक्त यह कह देते हैं कि बस थोड़ा गुटखा, तंबाकू-चूना मुंह में रख लेते हैं…और उसे भी थूक देते हैं, अंदर नहीं लेते। यही सब से बड़ी भ्रांति है तंबाकू-गुटखा चबाने वालों में.. लेकिन वास्तविकता यह है कि तंबाकू किसी भी रूप में कहर तो बरपाएगा ही। जो तंबाकू-गुटखा लोग मुंह में होठों या गाल के अंदर दबा कर रख लेते हैं और धीरे धीरे चूसते रहते हैं, इस माध्यम से भी तंबाकू में मौजूद निकोटीन एवं अन्य हानिकारक तत्व मुंह की झिल्ली के रास्ते (through oral mucous membrane)शरीर में निरंतर प्रवेश करते ही रहते हैं।