द वायर के खिलाफ स्टे लेने में जय शाह कामयाब, अब कोई कुछ न लिखे-बोले!

Om Thanvi : वायर, दायर और कायर… जय अमित शाह ने अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अनेक अतिरिक्त सिविल जजों में एक चौथे जज की अदालत में द वायर के ख़िलाफ़ दायर सिविल मुक़दमे में स्टे प्राप्त कर लिया है। कि वे रोहिणी सिंह वाली ख़बर के आधार पर आगे और कुछ किसी भी रूप में (प्रिंट, डिज़िटल, इलेक्ट्रोनिक, ब्रॉडकास्ट, टेलिकास्ट या किसी अन्य मीडिया में ख़बर, इंटरव्यू, बहस, टीवी परिचर्चा की शक्ल में, किसी भी भाषा में, न प्रत्यक्ष न अप्रत्यक्ष) मुक़दमे के अंतिम निपटारे तक कुछ भी नहीं लिखेंगे-बताएँगे।

बड़े मीडिया हाउसों के पास है बड़े कारपोरेट घरानों का निवेश और सरकार का समर्थन : सिद्धार्थ वरदराजन

DUJ SEMINAR ON ‘DEMOCRACY IN DANGER : UNETHICAL REPORTING / ATTACKS ON INDEPENDENT JOURNALISM AND JOURNALISTS’

In a sharp counter to the BJP Sangh Parivar’s campaign, Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan said the state has been targeted as it champions the values of secularism, socialism and democracy. He was speaking at a function organized by the Delhi Union of Journalists in the national capital on ‘Democracy in Danger : Unethical Reporting/ Attacks on Independent Journalism and Journalists’ on 15 October at Kerala House. The Chief Minister said slogans like ‘Love Jehad’ have been used to disrupt the state’s centuries old communal harmony but the RSS will not succeed in its game plan. He slammed several media houses for ferociously targeting Kerala and congratulated those journalists who are standing up for the truth despite pressure from employers.

बीजेपी ही क्यों नैतिकता की दुहाई दे?

Narendra Nath : इस हफ्ते तीन चुनाव हुए। महाराष्ट्र नगरपालिका। और आज गुरुदासपुर लोकसभा और केरल में विधानसभा उपचुनाव। महाराष्ट्र में कांग्रेस पहले से थी और इस बार और बड़े मार्जिन से जीती। गुरुदासपुर लोकसभा बीजेपी के पास थी और विनोद खन्ना यहां से 20 साल से एमपी थे। उनके मरने के बाद चुनाव हुआ। लेकिन सहानुभूति फैक्टर काम नहीं आया और रिकार्ड मतों से कांग्रेस जीत रही। केरल में जिस विधानसभा सीट पर उपचुनाव था वहां मुस्लिम वोट काफी थी। लेकिन बीजेपी ने लव जेहाद का बहुत बड़ा मुद्दा अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की। लेकिन 2016 में वहां तीसरा स्थाान पाले वाली बीजेपी आज चौथे स्थान पर आ गयी। हाल में केरल में किस हाई वोल्टेज बीजेपी ने कैंपेन किया वह सब देख सकते हैं। वहीं इलाहबाद यूनिवर्सिसटी में भी कर देर रात एसपी ने चुनाव जीता।

‘रविवार’ के संपादक एसपी सिंह और रिपोर्टर शैलेश यूं निकल पाए थे दबंग मंत्री के आपराधिक मानहानि के मुकदमे से!

Dayanand Pandey : अमित शाह के बेटे जय शाह पर आरोप सही है या गलत यह तो समय और अदालत को तय करना है। पर इन दिनों बरास्ता द वायर एंड सिद्धार्थ वरदराजन, रोहिणी सिंह सौ करोड़ के मानहानि के मुकदमे के बाबत हर कोई पान कूंच कर थूक रहा है, आग मूत रहा है। लेकिन आज आप को एक आपराधिक मानहानि के मुकदमे का दिलचस्प वाकया बताता हूं। अस्सी के दशक के उत्तरार्द्ध की बात है। अमृत प्रभात, लखनऊ में एक रिपोर्टर थे शैलेश। कोलकाता से प्रकाशित रविवार में उत्तर प्रदेश के ताकतवर और दबंग वन मंत्री अजित प्रताप सिंह के ख़िलाफ़ एक रिपोर्ट लिखी शैलेश ने।

दी वायर और सिद्धार्थ वरदराजन की पत्रकारीय राजनीति पर शक करिए और नज़र रखिए, वजह बता रहे हैं यशवंत सिंह

Yashwant Singh : भाजपा ने सबको सेट कर रखा है। अब कांग्रेस वाले कुछेक पोर्टलों से काम चला रहे हैं तो इतनी बेचैनी क्यों। मुकदमा ठोंक के भाजपा ने रणनीतिक गलती की है। मुद्दे को देशव्यापी और जन-जन तक पहुंचा दिया। एक वेबसाइट को करोङों की ब्रांडिंग दे दी। तहलका वालों ने कांग्रेस परस्ती में बहुत-सी भाजपा विरोधी ‘महान’ पत्रकारिता की। मौका मिलते ही भाजपा शासित गोआ में तरुण तेजपाल ठांस दिए गए। उनके साथ हवालात में क्या क्या हुआ था, उन दिनों गोआ में तैनात रहे बड़े पुलिस अधिकारी ऑफ दी रिकार्ड बता सकते हैं।

पढ़िए, जय शाह की भयंकर आर्थिक ‘तरक्की’ की स्टोरी ब्रेक करने वाली रोहिणी ने फेसबुक पर क्या लिख दिया…

Rohini Singh : I don’t want to write a sanctimonious status note on what other journalists should do. I can only speak for myself. My primary job is to speak truth to power. To question the government of the day. In 2011 when I wrote the story on Robert Vadra’s dealings with DLF, I don’t remember the sort of backlash that I see now.

जय शाह मामले में अख़बारों का हाल देखें, भ्रष्टाचार का संगीन आरोप पीछे हो गया, मुकदमे की धमकी आगे!

Om Thanvi : अख़बारों का हाल देखिए… ”छोटे शाह 100 करोड़ का मुक़दमा दायर कर देंगे” यह है सुर्खी। भ्रष्टाचार का संगीन आरोप पीछे हो गया, धमकी आगे! कल्पना कीजिए यही आरोप केजरीवाल, चिदम्बरम, वीरभद्र सिंह या किसी अन्य दुश्मन पार्टी के साहबजादे पर लगा होता?  तब मुक़दमे की धमकी की बात ख़बर की पूँछ में दुबकी होती। टीवी चैनल सिर्फ़ एक वर्ष में 16000 गुणा बढ़ोतरी को शून्य के अंक जगमगाते हुए दुहराते। दिनभर रिपोर्टर आरोपी का पीछा करते, घर-दफ़्तर पर ओबी वैन तैनात रहतीं, शाम को सरकार, संघ, वीएचपी के आदि के साथ बैठकर सरकार समर्थक पत्रकार या बुद्धिजीवी नैतिक पतन की धज्जियाँ उड़ा रहे होते।

गॉडफादर वेणु ने रोहिणी को दोबारा ‘नॉर्मल’ पत्रकारिता करने के लिए वायर में भर्ती किया!

Abhishek Srivastava : एमके वेणु जब इकनॉमिक टाइम्‍स में थे तब रोहिणी सिंह को वहां लेकर गए थे। राडिया टेप आने के बाद वेणु तो निकल लिए, उधर रोहिणी ने यूपी चुनाव में भयंकर पक्षपातपूर्ण कवरेज कर के कम से कम राजनीतिक रिपोर्टिंग के मामले में इकनॉमिक टाइम्‍स की विश्‍वसनीयता को ऐसा बदनाम किया कि न केवल उन्‍हें अगस्‍त 2016 के बाद की अपनी सारे ट्वीट डिलीट करने पड़े बल्कि इकनॉमिक टाइम्‍स के कॉन्‍क्‍लेव में न्‍योते के बावजूद केंद्र सरकार के किसी भी बड़े नेता ने आने से इनकार कर दिया।

पंकज सिंह मामले में चुप्पी साधे रहने वाली भाजपा जय शाह मामले में पहले ही दिन मैदान में उतर आई!

Dilip Khan : तुम्हें याद हो कि न याद हो… 2014 में एक ख़बर ख़ूब उड़ी थी कि राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह घूस लेकर पुलिस पोस्टिंग करवाते हैं और लोकसभा का टिकट बेचते हैं. ख़बर जब चौतरफ़ा फैल गई तो फॉलोअप ख़बर आई कि राजनाथ सिंह की मौजूदगी में नरेन्द्र मोदी ने पंकज सिंह को फटकार लगाई। बदनामी इससे भी हुई। लोगों का शक और गहरा हुआ।

मनीष सिसोदिया ने पूछा- जय शाह मामले में महान पत्रकारों की ‘बहादुर पत्रकारिता’ मर गई या बिक गई?

Sheetal P Singh : मनीष का यह पूछना जायज क्यों नहीं है? वे शिक्षा व्यवस्था संबंधी अध्ययन के सिलसिले में स्कैंडनेवियाई देशों में दौरे पर थे । टाइम्स नाऊ के लिये अरनब गोस्वामी ने एक कैमरामैन किराये पर रक्खा था कि कुछ मसालेदार मिल जाय, आख़िर में आइसक्रीम खाते हुए एक वीडियो दिखाकर मनीष की निंदा स्टोरी चलाई गई थी! आज जय शाह के मामले में ये सारे चैनल सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के प्रवक्ता के रोल में हैं!

रोहिणी सिंह वही रिपोर्टर हैं जिन्होंने डीएलएफ के साथ राबर्ट वाड्रा के लेन-देन की खबर ब्रेक की थी

Sanjaya Kumar Singh : अमित शाह के बेटे से संबंधित दि वायर की स्टोरी पढ़ने लायक और दिलचस्प है। इससे पता चलता है कि सत्ता हाथ में आ जाए तो पैसा कमाना कैसे आसान हो जाता है और कैसे-कैसे तर्क बनाए जा सकते हैं। मानहानि के मुकदमे का विकल्प तो है ही। इस मामले में वायर ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से उपलब्ध आंकड़े पेश किए हैं और उनकी संपत्ति में भारी वृद्धि से संबंधित जानकारी मांगने पर पहले तो जय शाह ने कहा कि वे व्यस्त हैं और फिर उनके वकील का जवाब आया और उसमें धमकी भी थी।

रोहिणी सिंह

‘द वायर’ की रिपोर्टर रोहिणी सिंह ने पक्ष जानना चाहा तो जय शाह के वकील माणिक डोगरा ने ये भेजा जवाब….

Anil Singh : भयावह है सच को दबाने की धमकी.. ‘द वायर’ की रिपोर्टर रोहिणी सिंह ने अपनी खबर पर जय शाह का पक्ष जानना चाहा तो उनके वकील माणिक डोगरा ने लिखा…

If you or anyone in the print, electronic or digital media carries and/or broadcasts any defamatory and/or false imputations including those which breach his fundamental right of privacy and/or defame him, Mr. Jay Shah reserves the right to prosecute and sue such person/entity including anyone who carries or broadcasts a repetition of such libelous / defamatory statement.

क्या अब एबीपी न्यूज़ और एनडीटीवी पर भी मानहानि का मुकदमा ठोंका जाएगा?

एनडीटीवी और एबीपी न्यूज के अलावा बाकी सभी अखबार-चैनल करवा चौथ व्रत पर हैं!

Sheetal P Singh : सिर्फ एनडीटीवी और एबीपी न्यूज़ ही यह सूचना लोगों तकपहुंचा रहे हैं कि जय शाह की संपत्ति 16000 गुना बढ़ी| जबकि यह खुद जय शाह ने अपने रिटर्न में दाखिल किया है| बाकी सारे चैनल/ अखबारों के वेबपेज आज करवा चौथ के व्रत पर हैं!

अमित शाह की ओर से पीयूष गोयल ने ‘द वायर’ पर 100 करोड़ का आपराधिक मुकदमा ठोकने की बात कही

‘द वायर’ की पड़ताल ने कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक को हिला दिया है

Nitin Thakur : अमित शाह के बेटे की कमाई का हिसाब किताब जान लीजिए। जब आपकी नौकरियां जा रही थीं, तब कोई घाटे से 16 हज़ार गुना मुनाफे में जा रहा था। द वायर की पड़ताल ने कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक को हिला दिया है।

तुम्हारे पास रॉबर्ट वाड्रा है, हमारे पास जय शाह!

Atul Chaurasia : जिनको लगता है कि मोदीजी ने भ्रष्टाचार मुक्त, स्वच्छ सरकार दे रखी है देश को उसे अमित शाह के बेटे जय शाह का प्रकरण जानना चाहिए. साथ ही आनंदी बेन पटेल के बेटे और बेटी का भी मामला जोड़ लीजियेगा। पिछली सरकार में दामादों की चांदी थी इस बार गुजरातियों के हाथ सोना-चांदी है।