मौत पर भारी एक शोकसभा : ‘पंकज भाई की याद में’
कवि पंकज सिह की शोक सभा, 14 जनवरी 2016, गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली
मनुष्य जितना सामान्य होता है, या दिखता है, कभी-कभार जीते जी उस छवि को असामान्य तरीके से तोड़ कर आपको हैरत में डाल सकता है। पिछले पांच घंटे से मैं निस्तब्ध हूं, कि मैंने आज सविता सिंह को पंकज सिंह पर बोलते सुना है। मेरे कानों में अब भी उनके शब्द गूंज रहे हैं। मैं हैरत में हूं, कि आज मैंने सविता सिंह को पंकज सिंह पर बोलते सुना है और मैं हैरत में हूं।