दैनिक जागरण के मीडिया कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल पा रहा!

सेवा में, माननीय मुख्यमंत्री
श्री अखिलेश यादव जी
विषय- समाचार पत्र दैनिक जागरण द्वारा कर्मचारियों के साथ किये जा रहे अन्याय के संबंध में।

महोदय,

दैनिक जागरण की नोएडा यूनिट में अखबार मालिकों और उनके गुर्गों ने अत्याचार की इंतेहा कर दी है। लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि समाजवाद के सिद्धांतों पर चलने वाली उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार आखिर यह सब जानकर भी चुप क्यों है। माननीय युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी आप और आपकी पार्टी कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ती रही है। माननीय नेताजी धरती पुत्र श्री मुलायम सिंह यादव जी आजीवन समाजवाद के सिद्धान्तों पर चलकर शोषितों, वंचितों के हक़ के लिए संघर्ष करते रहे हैं। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी, आज आपकी सरकार में जिला गौतमबुद्धनगर के नोएडा में समाचार पत्र दैनिक जागरण के मालिकान खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। जिले का डीएलसी कार्यालय पूरी तरह अखबार मालिकों के समर्थन में खड़ा है।

भाजपा और मोदी को कोसने में बीत गया सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन

कुछ बड़े राजनेताओं का जब मुंह खुलता हैं तो उनके श्रीमुख से जहरीली वाणी ही निकलती है। मनोरोगी की तरह व्यवहार करने वाले इन नेताओं को अपने अलावा सारी दुनिया साम्प्रदायिक, चोर, भ्रष्टाचारी, खूनी, वहशी नजर आती है। न यह उस मिट्टी का मान रखते हैं जिसमें वह पल कर बढ़े हुए हैं, न ही इन्हे देश-समाज की प्रतिष्ठा की चिंता रहती है। भारत मां को डायन कहने वाले ऐसे नेता अपने आप को बहुत ही समझदार और काबिल मानते हैं, लेकिन किसी गंभीर मसले पर बात करते समय इनके मुंह पर ताला जड़ जाता है। हां, बात का बतंगड़ बनाने की महारथ इन्हें जरूर हासिल होती है, जिसकी नुमाईश यह समय-समय पर करते रहते हैं। दूसरों की बैसाखियों के सहारे अपनी राजनीति चमकाने वाले इन नेताओं की भले ही उनके अपने जिले में कोई न पूछता लेकिन यह अपने आप को राष्ट्रीय नेता समझने का मुगालता पाले रहते है।

सपा राष्ट्रीय अधिवेशन में बसपा पर चुप्पी का मतलब किसी को समझ नहीं आया

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन का पहला दिन अपने पीछे कई खट्टे-मीठे अनुभव छोड़ गया। उम्मीद के अनुसार मुलायम सिंह यादव को नौंवी बार अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिकता पूरी करने के अलावा अगर कुछ खास देखने और समझने को मिला तो वह यही था कि समाजवादी नेताओं ने यह मान लिया है कि अब उनकी लड़ाई भारतीय जनता पार्टी के साथ ही होगी। यही वजह थी वक्ताओं ने भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर खूब तंज कसे। इसके साथ ही समाजवादी मंच से एक बार फिर तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट भी सुनाई दी। जनता दल युनाइटेड(जेडीयू) के अध्यक्ष शरद यादव की उपिस्थति ने इस सुगबुगाहट को बल दिया। मुलायम के अध्यक्षीय भाषण के बाद शरद यादव बोलने के लिये खड़े हुए तो उनके तेवर यह अहसास करा रहे थे कि दोनों यादवों को एक-दूसरे की काफी जरूरत है।