बाघों की मौत के लिए फिर मोदी होंगे जिम्मेदार?

सतपुड़ा से लेकर रणथंभौर के जंगलों से बुरी खबर आ रही है। आखिर जिस बात का डर था, वही हुआ। इतिहास में पहली बार मानसून में भी बाघों के घरों में इंसान टूरिस्ट के रुप में दखल देंगे। ये सब सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए सरकारें कर रही हैं। मप्र से लेकर राजस्थान तक की भाजपा सरकार जंगलों से ज्यादा से ज्यादा कमाई करना चाहती है। इन्हें न तो जंगलों की चिंता है और न ही बाघ की। खबर है कि रणथंभौर के नेशनल पार्क को अब साल भर के लिए खोल दिया जाएगा।

प्रताप सोमवंशी के सौ शेर : एक पत्रकार का शायर बन जाना…

अम्मा भी अखबार के जैसी रोज सुबह
पन्ना-पन्ना घर भर में बंट जाती हैं

ये दो लाइनें किसी का भी मन बरबस अपनी ओर खींचने को काफी हैं। कितनी गहराई है इन दो लाइनों में। कोई गंभीर पत्रकार जब शायर या गज़लकार के रूप में सामने आता है तो कुछ ऐसे ही गजब ढाता है। गजल, शायरी में अपनी अलग किस्म की पहचान रखने वाले प्रताप सोमवंशी के सौ शेर प्रकाशित हुए हैं।

लाजवाब! राहत इंदौरी को सुनें : …किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है… (देखें वीडियो)

जाने-माने शायर राहत इंदौरी का अंदाज-ए-बयां देखिए सुनिए. इस वीडियो में राहत इंदौरी बड़ी बारीकी, हिम्मत और स्वाभिमान के साथ सच्चे दिलों की बात को प्रकट कर रहे हैं. उनकी आखिरी लाइनें तो लाजवाब कर देने वाली है जिसमें वो कहते हैं….

25 नवम्बर नजीर बनारसी की जंयती पर : …हम अपना घर न जलाते तो क्या करते?

हदों-सरहदों की घेराबन्दी से परे कविता होती है, या यूं कहे आपस की दूरियों को पाटने, दिवारों को गिराने का काम कविता ही करती है। शायर नजीर बनारसी अपनी गजलों, कविताओं के जरिए इसी काम को अंजाम देते रहे है। एक मुकम्मल इंसान और इंसानियत को गढ़ने का काम करने वाली नजीर को इस बात से बेहद रंज था कि…

शेर की तस्वीर ले रहे प्रेस फोटोग्राफर योगेश भोजानी पर शेर ने किया हमला

गुजरात में राजकोट जिले के गोंडल तालुका के बिलड़ी गांव में कल एक शेर ने उसकी तस्वीर उतार रहे एक स्थानीय प्रेस फोटोग्राफर तथा उनके पत्रकार मित्र पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि स्थानीय प्रेस फोटोग्राफर योगेश भोजानी (40) तथा उनके पत्रकार मित्र चंद्रेश पंडया एक शेर द्वारा एक स्थानीय किसान के बैल को शिकार बनाए जाने की सूचना पर वहां पहुंचे थे।