हमें यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल की संपूर्ण कविताओं का संकलन ‘कविता वीरेन’ प्रेस में है और आगामी 20 जून से यह बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगा. इस संकलन की लम्बी भूमिका वीरेन जी के मित्र और हिंदी के महत्वपूर्ण कवि मंगलेश डबराल ने …
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शीघ्र प्रकाश्य ‘कविता वीरेन’ में मंगलेश डबराल की भूमिका पढ़िए
‘कविता वीरेन’ में मंगलेश डबराल की भूमिका…. ‘इन्हीं सड़कों से चल कर आते हैं आततायी/ इन्हीं सड़कों से चल कर आयेंगे अपने भी जन।’ वीरेन डंगवाल ‘अपने जन’ के, इस महादेश के साधारण मनुष्य के कवि हैं। वे उन दूसरे प्राणियों और जड़-जंगम वस्तुओं के कवि भी हैं जो हमें रोज़मर्रा के जीवन में अक्सर …
वीरेन दा की कविता ‘इतने भले न बन जाना साथी’ का यशवंत ने किया पाठ, देखिए वीडियो
Yashwant Singh : गुरु, दिल्ली आते ही एक प्रयोग कर दिया मैंने. अपने गुरुवर और प्रिय कवि वीरेन डंगवाल को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी एक कविता का पाठ किया. इस सबको रिकार्ड कराया. ये पहला प्रयोग है. अगर आप लोग सराहेंगे तो आगे वीरेनदा समेत नए पुराने ढेरों कवियों की कविताओं का यूं ही पाठ करके उसका डिजिटलाइजेशन किया जाएगा और बड़े पाठक समूह तक पहुंचाया जाएगा. आप सभी मित्रों का फीडबैक चाहूंगा, इस वीडियो पर. https://goo.gl/sU1gbe
वीरेन दा एक व्यक्ति नहीं, संस्था थे
वीरेन दा का निधन पत्रकारिता ही नहीं, समूचे हिंदी साहित्य जगत की एक बड़ी क्षति है। वीरेन दा मेरे लिए तो एक पत्रकार और साहित्यकार से बहुत आगे बढ़कर ऐसे गुरू थे, जो अपने शिष्य को कार्य क्षेत्र की कमियों, खूबियों और बारीकियों से ही अवगत नहीं कराते बल्कि जीवन में आगे बढ़ने की शिक्षा व्यवहारिक धरातल पर देते हैं। मुझे जैसे हजारों लोगों को वीरेन दा ने बहुत कुछ सिखाया है।
जाने-माने कवि और पत्रकार वीरेन डंगवाल का बरेली में निधन
पिछले कई वर्षों से कैंसर से जूझ रहे हिंदी के जाने माने कवि और पत्रकार वीरेन डंगवाल ने आज सुबह चार बजे बरेली में अंतिम सांस ली. पिछले दिनों उन्हें बरेली प्रवास के दौरान गले की नस से ब्लीडिंग होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अमर उजाला बरेली के संपादक दिनेश जुयाल ने आज सुबह पांच बजे फेसबुक पर स्टेटस अपडेट कर वीरेन डंगवाल के न रहने के बारे में जानकारी दी. दिनेश जुयाल लिखते हैं: ”वीरेन दा नहीं रहे. सुबह 4 बजे एस आरएमएस में सांसे बंद हो गयीं. पिछले रविवार को ही अपने घर बरेली आये थे और सोमवार से इसी अस्पताल के आईसीयू में थे. अंत्येष्टि आज शाम चार बजे सिटी श्मशान में.”
वीरेन डंगवाल की तबीयत खराब, बरेली में भर्ती, गर्दन की क्षतिग्रस्त नस का आपरेशन हुआ
कैंसर से पीड़ित जाने-माने कवि और पत्रकार वीरेन डंगवाल की बीती रात बरेली में तबीयत काफी खराब हो गई. गले की एक नस जो काफी डैमेज हो गई है, रेडियोथिरेपी-कीमियोथिरेपी के कारण, से अचानक रक्स्राव होने लगा. खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था. तब उन्हें बरेली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनका रात में ही आपरेशन हुआ जिसमें काफी हद तक क्षतिग्रस्त नस को ठीक कर खून रोका जा सका.
जन संस्कृति मंच ने हिंदी के अनूठे कवि Virendra Dangwal की उपस्थिति में एक आत्मीय आयोजन किया
जन संस्कृति मंच ने हिंदी के अनूठे कवि Virendra Dangwal यानि वीरेनदा की उपस्थिति में एक आत्मीय आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते Asad Zaidi ने सबसे पहले Mangalesh Dabral को याद किया, जो अब धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं और जिनके बिना यह आयोजन अधूरा लग रहा था। फिर Uday Prakash को याद किया और कहा कि जब हम उदय की तरफ़ से पूरी तरह निराश हो चुके थे, उसने इस भयानक समय में, साहित्य अकादेमी पुरस्कार लौटाकर हम सबको ख़ुश कर दिया।