-तारकेश्वर मिश्र-
दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में शुमार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के लिये सुप्रीम कोर्ट का आदेश कोई मायने नहीं रखता। सर्वोच्च न्यायालय भले ही बीसीसीआई को आदेश या निर्देश देता रहे लेकिन बीसीसीआई के कर्ताधर्ता अपनी सुविधा और मर्जी के हिसाब से ही हिलते-डुलते हैं। असल में बीसीसीआई का दुस्साहस इतना बढ़ चुका है कि वो देश की शीर्ष अदालत को भी गुमराह करने की हिमाकत करने से परहेज नहीं करता है। ऐसा ही मामला उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को मान्यता देने से जुड़ा है।