लखनऊ 30 जनवरी, 2018 : “चंद्रशेखर पर रासुका अवधि बढ़ाना दलित दमन का प्रतीक है.” यह बात आज एस.आर. दारापुरी पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं संयोजक जनमंच उत्तर प्रदेश ने प्रेस को जारी ब्यान में कही है. उन्होंने आगे कहा है कि एक तरफ जोगी सरकार अपनी पार्टी से जुड़े लोगों के आपराधिक मामले वापस ले …
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सहारनपुर के दलित दोहरे अत्याचार का शिकार!
-एस.आर.दारापुरी- संयोजक जन मंच उत्तर प्रदेश एवं सदस्य स्वराज अभियान समिति उत्तर प्रदेश सभी भलीभांति अवगत हैं कि 5 मई, 2017 को सहारनपुर के शब्बीरपुर गाँव के दलितों के घरों पर उस क्षेत्र के ठाकुरों ने हमला किया था. इसमें लगभग दो दर्जन दलित बुरी तरह से घायल हुए थे और 50 से अधिक घर …
एक दलित नौजवान चंद्रशेखर से राष्ट्र को क्या खतरा है कि उस पर रासुका लगाना पड़ा?
Nadim S. Akhter : एक दलित नौजवान चंद्रशेखर ने ऐसा क्या किया कि उसे हाई कोर्ट से जमानत मिलते ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका लगाकर फिर अंदर कर दिया!! जेल वो अपने पैरों पे चलकर गया था, बाहर व्हील चेयर पे निकला। अंदर उसके साथ इस तंत्र ने क्या किया, ये अंदाजा लगा लीजिए।
भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर पर रासुका दलित दमन का प्रतीक : दारापुरी
लखनऊ : “भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर पर रासुका दलित दमन का प्रतीक”- यह बात आज एस.आर. दरापुरी पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं सदस्य स्वराज अभियान समिति, उत्तर प्रदेश ने प्रेस को जारी ब्यान में कही है. उन्होंने आगे कहा है कि यह उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर को एक दिन पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत …
चंद्रशेखर पर रासुका लगाकर प्रदेश सरकार ने अपना सवर्ण-सामंती चेहरा उजागर किया
लखनऊ : रिहाई मंच ने भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर पर योगी सरकार द्वारा रासुका लगाने को लोकतान्त्रिक आवाज़ों का गला घोटना करार दिया है. मंच ने कहा है कि पूरे देश में भाजपा के शासन काल में दलितों पर उत्पीडन बढ़ा है और अब तो सरकार अपने शासन-प्रशासन के जरिये खुद दलितों की आवाज़ उठाने वालों के खिलाफ खुलकर सामने आ गयी है. मंच ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सवर्ण- सामंती सरकार का दलित विरोधी चेहरा अब खुलकर सामने आ गया है.
यूपी से सपा का साफ रहना पिछड़े वर्ग के हित में है! वजह बता रहे वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र
Satyendra PS : यूपी से सपा का सफाया जारी रहना पिछड़े वर्ग के हित में है। पिछड़े वर्ग की एकता के लिए जरूरी है कि अहीरों में 30 साल के सपा के शासन ने जो ठकुरैती भर दी है वो निकल जाए, वो अपने को पिछड़ा वर्ग का समझने लगें। मुलायम सिंह ने जब संघर्ष किया तो उसमें बेनी प्रसाद, आजम खां, मोहन सिंह, जनेश्वर मिश्र जैसे लोग उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे। धीरे धीरे करके एक एक नेता को ठिकाने लगाया गया। उसके बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और ब्लाक अध्यक्ष तक यादव यादव हो गया। इतना ही नहीं, हेलीकाप्टर, जहाज, कार से लेकर साइकिल तक यादव हो गया।
धमकियों के कारण दलित चिंतक प्रो. कांचा इलैया ने खुद को हफ्ते भर से अपने घर में कैद कर रखा है!
प्रो. कांचा इलैया शेफर्ड के पक्ष में उतरे ढेर सारे साहित्यकार और कई संगठन…. दलित चिंतक प्रो. कांचा इलैया शेफर्ड ने पिछले एक हफ्ते से अपने को हैदराबाद के अपने घर में बंद कर रखा है। कारण है, उनकी किताब ‘पोस्ट-हिन्दू इंडिया’ के एक अध्याय पर आर्य वैश्य समुदाय की आहत भावनाएं। 9 सितम्बर से उन्हें इस आहत समुदाय द्वारा जान की धमकियां मिल रही हैं। तेलुगु देशम पार्टी के एक सांसद टी जी वेंकटेश ने प्रेस कांफ्रेंस करके उन्हें चौराहे पर फांसी देने की बात कही। कुछ दिन पहले उनकी कार पर हमला भी किया गया, जिससे वे बाल-बाल बचकर निकले। तेलंगाना सरकार ने इन तमाम घटनाओं के बावजूद उन्हें अभी तक कोई सरकारी सुरक्षा प्रदान नहीं की है।
हरिशंकर तिवारी के यहां दबिश पर विधानसभा से वाकआउट करने वाली मायावती सहारनपुर के दलित कांड पर चुप क्यों हैं?
लखनऊ : “मायावती की सहारनपुर के दलित काण्ड पर चुप्पी क्यों?” यह बात आज एस.आर. दारापुरी, भूतपूर्व आई.जी. व प्रवक्ता उत्तर प्रदेश जनमंच एवं सस्यद, स्वराज अभियान ने प्रेस को जारी ब्यान में कही है. उनका कहना है कि एक तरफ जहाँ मायावती हरीशंकर तिवारी के घर पर दबिश को लेकर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष को गोरखपुर भेजती है और विधान सभा से वाक-आऊट कराती है वहीं मायावती सहारनपुर के शब्बीरपुर गाँव में दलितों पर जाति-सामंतों द्वारा किये गए हमले जिस में दलितों के 60 घर बुरी तरह से जला दिए गए, 14 दलित औरतें, बच्चे तथा बूढ़े लोग घायल हुए में न तो स्वयम जाती है और न ही अपने किसी प्रतिनिधि को ही भेजती है. वह केवल एक सामान्य ब्यान देकर रसम अदायगी करके बैठ जाती है.
दलित प्रोफेसर वाघमारे के जातीय उत्पीड़न की अंतहीन दास्तान
प्रोफेसर सुनील वाघमारे 34 साल के नौजवान हैं, जो महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खोपोली कस्बे के एमसी कॉलेज में कॉमर्स डिपार्टमेंट के हेड रहे हैं और इसी महाविद्यालय के वाईस प्रिंसीपल भी रहे हैं. उत्साही, ईमानदार और अपने काम के प्रति निष्ठावान वाघमारे मूलतः नांदेड के रहने वाले हैं. वाणिज्य परास्नातक और बीएड करने के बाद वाघमारे ने वर्ष 2009 में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर इस कॉलेज को ज्वाइन किया था. वर्ष 2012 तक तो सब कुछ ठीक चला. मगर जैसे ही वर्तमान प्राचार्य डॉ एनबी पवार ने प्रिंसिपल का दायित्व संभाला, प्रोफेसर वाघमारे के लिये मुश्किलों का दौर शुरू हो गया.
बसपा की तेज़ी से घटती हैसियत से उपजी ‘असुरक्षा’ ने एक अति-अक्रोशित दबंग दलित संगठन को जन्म दे दिया
Surya Pratap Singh : आज के उत्तर प्रदेश में ‘सुगबुगाहट’ से ‘सुलगाहट’ तक की नयी दास्ताँ….पश्चिमी उ.प्र. में जातीय संघर्ष से उपजा दलित ‘उग्रवाद’ …65,000 युवाओं की हथियार धारी अति-उग्र, उपद्रवी ‘भीम-सेना’ का जन्म ……’भीम आर्मी भारत एकता मिशन (BABA Mission)!!! मुज़फ़्फ़रनगर दंग़ो के बाद से धार्मिक उन्माद व जातीय हिंसा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठा है ….इसमें वोटों की राजनीति हमेशा आग में घी का काम करती रही है…
भाजपा नेता ने हड़पी एक दलित की माईन्स, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
भीलवाड़ा, 1 मई 2017 : राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया के कृपापात्र और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के खासमखास माने जाते हैं भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल। इसीलिए उनको यूआईटी की बागडोर दी गई। जिले के उभरते हुए ब्राह्मण नेता हैं। दशकों से भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हैं। पूर्व में पंचायत राज संस्थाओं में चुने जा चुके हैं। खनन क्षेत्र में बड़ा नाम है। भाजपा की राजनीती के साथ साथ खनन व्यवसायी के रूप में भी उनका बड़ा नाम है।