दैनिक भास्कर और पीपुल्स समाचार एक दूसरे के काले कारनामों की पोल खोलने में जुटे

व्यापम घोटाले में सीबीआई द्वारा पेश चालान में चौकसे समूह, पीपुल्स ग्रुप और चिरायु के मेडिकल कालेजों मे दाखिले को लेकर उनके मालिकों पर शिकंजा कसा गया है. इनमें चौकसे और पीपुल्स के दैनिक अखबार निकलते हैं. दैनिक भास्कर ने इन ग्रुपों की कारगुजारियों पर विस्तार से लगातार खबर का प्रकाशन किया.

कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष ने की एसपी से शिकायत- ”दैनिक भास्कर का पत्रकार डाल रहा दबाव”

बिलासपुर : रायपुर, राजनांदगांव के बाद अब बिलासपुर शहर से दैनिक भास्कर के पत्रकार की करतूत सामने आ रही है। इस बार कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष ने एसपी को लिखित शिकायत दी है कि एक पत्रकार आशीष दुबे जो खुद को दैनिक भास्कर में कार्यरत बताता है, उसके द्वारा किसी केस में फैसला अपने परिचित के हक में करवाने दबाव डाला जा रहा है। वायरल हुई इस शिकायत का असर इतना जोरदार हुआ कि खुद प्रेस क्लब के एक बंदे को मामला दबाने तुगलकी फरमान जारी करना पड़ा कि इस खबर को जो भी चैनल या अखबार लगायेगा तो उस पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जायेगी। हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक प्रेस क्लब अध्यक्ष ने ऐसे किसी फरमान से पल्ला झाड़ लिया है।
खबर की भाषा बता रही है इरादे..

मजीठिया मांगने वाले को फंसाने वाला दैनिक भास्कर का मैनेजर अपने ही बुने जाल में फंसने जा रहा!

खबर जालंधर से है. दैनिक भास्कर के मैनेजर को एक पत्रकार के लिए जाल बुनना महंगा पड़ने जा रहा है. यह खबर दूसरे अखबारों और अन्य मैनेजरों के लिए भी चेतावनी है कि वे मजीठिया वेज बोर्ड मांगने के लिए लड़ रहे साहसी मीडियाकर्मियों से टक्कर न लें वरना उन्हें एक न एक दिन ऐसे जाल में फंसना पड़ेगा जिससे वे निकल न सकेंगे और उनके अखबार मालिक भी उनकी कोई मदद न कर पाएंगे.

मजीठिया की जंग : झूठ लिख कर बुरा फंसा डीबी कॉर्प!

‘जिद करो दुनिया बदलो’ का नारा देने वाला डीबी कॉर्प अब ‘झूठ बोलो और बुरे फंसो’ के पैटर्न पर काम कर रहा है। मंगलवार को मुंबई के श्रम आयुक्त कार्यालय में डी बी कॉर्प की महिला रिसेप्शनिस्ट लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया शेख के मजीठिया वेज बोर्ड बोर्ड मामले की सुनवाई थी। लतिका और आलिया ने मजीठिया वेजबोर्ड के तहत वेतन और एरियर न मिलने पर 17 (1) के तहत रिकवरी का क्लेम श्रम आयुक्त कार्यालय में किया था।