क्या ‘न्यूज़ वेब पोर्टल’ विश्वसनीयता हासिल नहीं कर पा रहे हैं?

Abhishek Ranjan Singh :  न्यूज़ चैनल ‘लाइव प्रसारण’ की क्षमता से ज़िंदा हैं। बाकी मौजूदा ‘न्यूज़ वेब पोर्टल’ भ्रामक, अधूरी और एकपक्षीय ख़बरों की वजह से देश की जनता के बीच अपनी पकड़ नहीं बना पा रहे हैं। इसकी वजह विश्वसनीयता हासिल न कर पाना है। न्यूज़ चैनलों और डिजीटल मीडिया की मेहरबानी से भारत में अख़बारों और पत्रिकाओं का भविष्य पहले अधिक उज्जवल हो गया है।

हिंदी न्यूज वेबसाइटों पर अब ऐसी खबरें भी छपने लगीं : ”शिवपाल के बेटे की शादी में दि पंजाब बैंड बजाएगा गाना”

Yashwant Singh : एक वेबसाइट है. ‘तहलका न्यूज’ नाम से. इस पर एक खबर की हेडिंग है : ”शिवपाल के बेटे की शादी में दि पंजाब बैंड बजाएगा गाना”. इस साइट पर यूपी के अखिलेश सरकार का एक विज्ञापन भी लगा है. सुना है इसे लखनऊ के एक ‘महान’ पत्रकार चलाते/चलवाते हैं. ये भी संभव है कि इस साइट के संपादक जी यानि संचालक जी इस वक्त इटावा की तरफ हों और इसी बैंड के किसी गाने में ‘शामिल बाजा’ माफिक डोल डाल कर रहे हों. 🙂

वो चार कारण जिसके चलते हिंदी वेब मीडिया अपनी चमक खो रहा है…

हिंदी न्यूज वेब मीडिया का बिजनेस जिस एनर्जी के साथ आगे बढ़ रहा था, वह फिलहाल मुझे कम होता दिख रहा है। इस इंडस्ट्री में मेरी शुरुआत 2012 के जनवरी में हुई थी और 2015 के मार्च में मैंने इंडस्ट्री छोड़ दी। इन तीन सालों में कभी ऐसा नहीं लगा कि हिंदी न्यूज वेब का बिजनेस मंदा होगा। ऐसा लग रहा था कि इसमें ही पत्रकारिता और पत्रकारों का भविष्य है। लेकिन 2015 के आखिरी महीनों में मामला उल्टा नजर आ रहा है। मैंने यह जानने की कोशिश की आखिर क्यों मुझे लग रहा है कि हिंदी वेब मीडिया अपनी चमक खो रहा है। कुछ वजह नजर आए –