‘सभ्यताओं के संघर्ष’ की शुरुआत हो चुकी है, मुस्लिम उग्रवाद बनेगा तृतीय विश्वयुद्ध का कारण!

क्या यूरोप पर इस्लामी शासन होगा और क्या अमेरिका वहाँ परमाणु हमला कर मुस्लिमों का सफाया कर देगा?

इस्तांबूल (तुर्की), क्वेटा (पाकिस्तान), जलालाबाद (अफगानिस्तान), जकार्ता (इंडोनेशिया) आदि में हुए हालिया आत्मघाती हमलों ने एक बार फिर साबित किया है कि इस्लामी आतंकवाद अभी समाप्त होने वाला नहीं है। हालांकि अभी कुछ दिन पहले ही इसके कमजोर होने के अनुमान लगाये जा रहे थे लेकिन ऐसे हल्के हमलों की निरंतरता से इन आशंकाओं को बल मिलता है कि कहीं यह भयंकर तूफान से पहले की चेतावनी तो नहीं है। यह बात निश्चित रूप से कही जा सकती है कि इन आत्मघाती हमलों के लिए कम समझ वाले युवाओं को तथाकथित जेहादी शहादत के आकर्षक भ्रम-जाल में फंसा कर धार्मिक उन्माद का जहर दुनिया भर में फैलाने का दुष्चक्र अभी आगे भी जारी रहेगा। यदि निकट भविष्य में कथित जेहादी ताकतें किसी तरह शक्ति बटोरने में सफल हो जाती हैं, जिसकी संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता, तो जल्दी ही ऐसी अमानवीय घटनाओं का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो सकता है।

अब दारूबाज करते हैं दैनिक जागरण में भविष्‍य का फैसला

चौथे स्‍तंभ का यह कलंक है या कुछ और…अब कुछ दारूबाज मिल कर करते हैं दैनिक जागरण में संपादकीय विभाग के कर्मचारियों के भविष्‍य का फैसला। पिछले एक साल का रिकार्ड देखें तो जिन लोगों को प्रमोशन या इंक्रीमेंट मिला है, उनमें अधिकतर दारूबाज हैं, जो अपने सरगना के लिए शाम को दारू की व्‍यवस्‍था करते हैं। दारू की इस व्‍यवस्‍था के बदले में उन्‍हें मोटी तनख्‍वाह मिलती है। काम के मामले में ये कितने काबिल हैं, वह बात किसी से छिपी नहीं हैं। पिछले दिनों इस गिरोह के सदस्‍यों ने एक सप्‍लीमेंट प्‍लान किया, जिसके लिए चवन्‍नी का विज्ञापन नहीं मिला। उससे मालिक संजय गुप्‍ता इन दारूबाजों से खासे खफा हैं।

भविष्य डिजिटल मीडिया का : एमआइसीए डॉइरेक्टर

कोलकाता : मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेशंस, अहमदाबाद (एमआइसीए) के निदेशक डॉ नागेश राव ने कहा है कि भविष्य डिजिटल मीडिया का भविष्य है। इसलिए उद्योग की मांग को देखते हुए एमआइसीए डिजिटल मार्केटिंग के विशेष कोर्स करा रहा है. डॉ नागेश राव ने पत्रकारों को बताया कि किसी ब्रांड को स्थापित करने, उसकी रणनीतिक ढंग से मार्केटिंग करने और अपनी बात को अपने टारगेट ऑडियंस तक क्रिएटिव तरीके से पहुंचाने से जुड़े पाठ्यक्रमों के क्षेत्र में एमआइसीए एक जाना-माना नाम है.