पूर्वी उत्तर प्रदेश के जाने-माने गीतकार डा. एमडी सिंह ने स्वच्छता अभियान को लेकर भोजपुरी में एक गीत की रचना की है. गाजीपुर के जाने माने होम्यो चिकित्सक डा. एमडी सिंह की इस भोजपुरी रचना को स्वर दिया है डा. अरविंद पांडेय ने.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जाने-माने गीतकार डा. एमडी सिंह ने स्वच्छता अभियान को लेकर भोजपुरी में एक गीत की रचना की है. गाजीपुर के जाने माने होम्यो चिकित्सक डा. एमडी सिंह की इस भोजपुरी रचना को स्वर दिया है डा. अरविंद पांडेय ने.
हमारे गहमर में एक समाचार पत्र है अमर उजाला जिसके स्थानीय संवाददाता को कार्यक्रम में बुलाने के लिए जो मानक है वह मानक मैं पूरा नहीं कर पाता। इस लिए वह न तो हमारे कार्यक्रम की अग्रिम सूचना छापते हैं और न तो दो दिनो तक कार्यक्रम के समाचार। तीसरे दिन न जाने उनको क्या मिल जाता है जो आनन फानन में मुझसे बात कर न करके अन्य लोगो से व्यक्ति विशेष के बारे में सूचना मॉंगते है और मनगढ़त खबर बना कर प्रकाशित कर देते है।
Yashwant Singh : ग़ज़ब है यूपी का हाल। अपराधी भाग गया हिरासत से तो खिसियानी पुलिस अब बुजुर्ग और निर्दोष को कर रही परेशान। मेरे बुजुर्ग चाचा रामजी सिंह का फोन ग़ाज़ीपुर की नन्दगंज थाने की पुलिस ने छीना। बिना कोई लिखा पढ़ी किए ले गए। अब बोल रहे फोन हिरासत में लिया है। शर्मनाम …
Yashwant Singh : भोजपुरी में सावन का एक गीत… चला सखी रोप आईँ खेतवन में धानी…. गाजीपुर के जाने माने होम्यो चिकित्सक डा. एमडी सिंह की एक भोजपुरी रचना को स्वर दिया है डा. अरविंद पांडेय जी ने. दोनों लोग वीडियो पर तस्वीर में दिख रहे हैं. टोपी वाले डा. एमडी सिंह हैं और दाएं वाले अरविंद पांडेय.
महुआ चैनल के मालिक पीके तिवारी को आज गाजीपुर कोतवाली जाना पड़ा. बताया जाता है कि उन्होंने अपनी एक जमीन और मकान गाजीपुर के व्यवसायी रिंकू अग्रवाल को बेचने का लिखित एग्रीमेंट कर रखा था जिससे अब वो मुकर रहे हैं. इसी को लेकर दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मुकदमा कराया और पीके तिवारी को कोतवाली जाना पड़ा. बताया जाता है कि पीके तिवारी अपने साथ एक भाजपा विधायक को भी लेकर विवादित जमीन पर कब्जा लेने गए थे लेकिन मामला बढ़ते देख भाजपा विधायक नौ दो ग्यारह हो गए.
Yashwant Singh : रात मेरे साथ कहानी हो गयी। ग़ाज़ीपुर रेलवे स्टेशन पर पान खाने गया लेकिन पहुंचा दिया गया कोतवाली। हुआ ये कि स्टेशन पर मंदिर के इर्द गिर्द कुछ संदिग्ध / आपराधिक किस्म के लोगों की हरकत दिखी तो एसपी को फोन कर डिटेल दिया। उनने कोतवाल को कहा होगा। थोड़ी ही देर में मय लाव लश्कर आए कोतवाल ने मंदिर के पास वाले संदिग्ध लोगों की तरफ तो देखा नहीं, हम दोनों (मेरे मित्र प्रिंस भाई) को तत्काल ज़रूर संदिग्ध मानकर गाड़ी में जबरन बिठा कोतवाली ले गए। मुझे तो जैसे आनंद आ गया। लाइफ में कुछ रोमांच की वापसी हुई। कोतवाल को बताते रहे कि भाया हम लोगों ने तो संदिग्ध हरकत की सूचना दी और आप मैसेंजर को ही ‘शूट’ कर रहे हो।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का गाजीपुर के औरिहार रेलवे स्टेशन पर पीपल के वृक्ष को बचाने के लिए अनोखा पहल… विदेशों से वृक्षों के प्लांटेशन का गुण सीखे भारत सरकार… पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जाने माने समाजसेवी और राजनेता बृजभूषण दुबे एक रोज ट्रेन से लौट रहे थे तो देखा कि कुछ लोग एक पीपल के पेड़ को काटने में जुटे हैं. वो फौरन ट्रेन से उतरे और जाकर कुल्हाड़ी के नीचे अपनी गर्दन रख दी कि पहले मेरा सिर काटो फिर इस पवित्र और पर्यावरण हितैषी वृक्ष को काटना. आखिरकार उनके प्रयासों से पेड़ की जान बच सकी.