Tarun Kumar Tarun : ये जो दो शख्स दिख रहे हैं, वे गंवई पत्रकारिता के शिखर पुरुष हैं। इनके नाम हैं- बिजुरी मिसिर उर्फ बिज्झल बाबा और दशरथ मिसिर उर्फ घुट्ठन बाबा!! जब आधुनिक सनसनीधर्मी टीवी पत्रकारिता हमारे गप्प-रसिक मरुआही गांव तक नहीं पहुंची थी तब वहां की गंवई पत्रकारिता का बोझ बिज्झल जी और …
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तांत्रिक की सलाह पर एक रीजनल चैनल ने बदला लुक एंड फील!
यूपी-उत्तराखंड में दिनों दिन गर्त में जा रहे एक रीजनल चैनल ने एक टोटका आजमाया है। टीआरपी लिस्ट में पिछले कई हफ्तों से धराशाई इस चैनल ने अपना जो लुक एंड फील बदल दिया है उसके लेकर चर्चा जोरों पर है कि चैनल के सीईओ के पर्सनल तांत्रिक पंडित दिवाकर शर्मा के कहने पर ऐसा किया गया है। तांत्रिक दिवाकर शर्मा खुद को असम के माँ कामाख्या मंदिर और कलकत्ता की दक्षिणमुखी माँ काली का भक्त बताते हैं तथा खूनी प्रतिशोधात्मक पद्धति ‘मारक मुठिया’ विद्या के विशेषज्ञ हैं।
ओम थानवी के लिए एक लाख रुपये चंदा इकट्ठा करने की अपील ताकि वो फिर किसी कल्याण के हाथों एवार्ड न लें
Mohammad Anas : ओम थानवी जी की मदद की अपील —- दोस्तों, हम सबके बेहद प्रीय जनसत्ता के पूर्व सम्पादक ओम थानवी जी अब नौकरी से रिटायर हो गए हैं. उन्होंने केके बिरला फाउंडेशन द्वारा अपनी किताब के लिए बाबरी विध्वंस के आरोपी कल्याण सिंह के हाथ से एक लाख रुपए का पुरूस्कार लिया है. कल्याण न सिर्फ बाबरी विध्वंस के आरोपी हैं बल्कि उन पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए हेट स्पीच, दंगा भड़काने, घोटाले तक के आरोप लगे हुए हैं. जैसे तालिबान का मुल्ला उमर वैसे ही भाजपा के कल्याण सिंह. फेसबुक पर श्री ओम थानवी जी ने लिखा है कि पुरूस्कार लेने से मेरे दुश्मनों को दिक्कत हो गई है.
संपादक जी को टेक्निकल के कर्मचारियों ने नाम दिया है- ‘राष्ट्रीय हुदहुद’!
: (कानाफूसी) : एक राष्ट्रीय चैनल है… दिल्ली के दिल कनाट प्लेस के नजदीक है… उसके संपादक जी के बारे में वहीं के टेक्निकल के कर्मचारियों ने नाम दिया है राष्ट्रीय हुदहुद… कुछ उन्हें सीएसओ यानी चीफ सुपरवाइजिंग अफसर बोलते हैं… वजह यह कि वे आजकल चैनल में काम करने वाले कर्मचारियों का पहचान पत्र चेक करते हैं… एक दिन एक कर्मचारी आई कार्ड गले में नहीं लटकाए था तो उसके पीछे-पीछे टॉयलेट तक पहुंच गए…