Prabhat Ranjan : मनोहर श्याम जोशी जी की एक आदत थी आवाज बदल-बदल कर फोन पर बात करने की. कई बार वे लड़कियों की आवाज में अपने समकालीन लेखकों से बात करते थे. 60 के दशक में एक बार उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढने वाले एक हिंदी कवि को फोन किया और उनसे अमेरिकी लहजे में लड़की की आवाज में बात की और मिलने के लिए कनाट प्लेस के कॉफ़ी हाउस में बुलाया. कवि महोदय वहां पहुँच भी गए लेकिन वहां किसी अमेरिकी लड़की को न पाकर बहुत निराश हुए. बाद में सेंट स्टीफेंस में पढने वाले वह कवि हिंदी की बड़ी शख्सियत के रूप में जाने गए. बहुत बाद में एक दिन जोशी जी ने उनको उस घटना के बारे में बता दिया जिससे वे इतने नाराज हुए कि अपने हर सत्ता प्रतिष्ठान से उनको भरसक दूर ही रखा. एक बार मैंने कवि महोदय से कहा कि सबका व्याख्यान करवाते हैं जोशी जी का भी व्याख्यान करवाइए न. कवि महोदय ने मुझे घूरते हुए कहा कि उनमें गंभीरता नहीं है.