10 जुलाई 2015 को आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फोन द्वारा दी गयी धमकी के सम्बन्ध में दर्ज मामले में लखनऊ पुलिस ने मुलायम सिंह यादव को दोषी नहीं माना है. 12 अक्टूबर 2018 को सीजेएम लखनऊ को भेजी अपनी आख्या में विवेचक सीओ बाज़ारखाला अनिल कुमार यादव ने कहा है कि 26 जुलाई 2018 …
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दिवाली पर भतीजे से चचा को मिला सियासी अंधेरा!
अजय कुमार, लखनऊ
दीपावली खुशियां बांटने का त्योहार है। हर तरफ खुशियांे का आदान-प्रदान देखा जा सकता है,लेकिन सियासी दुनियां यह सब बातें मायने नहीं रखती हैं। इसी लिये दीपावली के दिन एक भतीजे ने चाचा की जिंदगी में ‘सियासी अंधेरा’ कर दिया। बात समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव की हो रही है। पिछले वर्ष तो भतीजे ने चाचा की दीवाली ‘काली’ की ही थी,इस बार भी ऐसा ही नजारा देखने को जब मिला तो लोग आह भरने को मजबूर हो गये।
बंटवारे की ओर बढ़ती सपा में बगावत
संजय सक्सेना, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के तेवर हल्के होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बाप-चचा की तमाम ‘घुड़कियों’ और ‘अपनों’ के खिलाफ कार्रवाई से तिलमिलाए अखिलेश ‘जख्मी शेर’ बनते जा रहे हैं। विकास और स्वच्छता की राजनीति के कायल अखिलेश से जब उनके बुजुर्गो ने यही दोंनो ‘हथियार’ उनसे छीन लिये तो अखिलेश के पास कहने-सुनने को कुछ नहीं बचा। दागी अमनमणि को टिकट दिये जाने पर तो उन्होंने यहां कह दिया,‘मैंने सारे अधिकरी छोड़ दिये हैं।’
रामगोपाल यादव बोले- आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के दिमाग का स्क्रू ढीला!
Yashwant Singh : मुलायम ने आईपीएस Amitabh Thakur को सीधे फोन कर हड़काया तो रामगोपाल ने आईएएस Surya Pratap Singh के दिमाग का स्क्रू ढीला बताया. रामगोपाल ने सूर्य प्रताप सिंह के बारे में शर्मनाक बयान मीडिया के सामने दिया है, ऐसा यह वीडियो देखकर लगता है.
आईपीएस को धमकाने वाला टेप सुनकर मुलायम के प्रति जो मन में थोड़ी बहुत इज्जत थी, वो भी खत्म हो गई….
Senior IPS officer Amitabh Thakur alleges Mulayam Singh Yadav threatened him on phone
एक समाजवादी पुरोधा का चरम पतन… सुनिए ये टेप जिसमें मुलायम सिंह यादव धमका रहे हैं आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को… अब तक हम लोग सोचा करते थे कि आखिर यूपी में जंगल राज का असली राज क्या है.. पर अब पता चला कि जब मुखिया ही एक आईपीएस को ऐसे सीधे धमका सकता है तो उनके चेले चमचे क्या करते होंगे… यही कारण है कि पूरे यूपी में आग लगी हुई है… बजाय आग बुझाने के, मुलायम सिंह यादव अब उन्हें धमका रहे हैं जो जनहित में सक्रिय रहते हुए सरकार की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश कर रहे हैं…
ये है वो टेप जिसमें मुलायम एक आईपीएस अफसर को ‘सुधर जाने’ की धमकी दे रहे हैं… (सुनें)
उत्तर प्रदेश में जंगलराज का आलम ये है कि अब खुद नेताजी यानि मुलायम सिंह यादव एक आईपीएस अफसर को धमका रहे हैं. अखिलेश यादव भले मुख्यमंत्री हों उत्तर प्रदेश के लेकिन असली राजा तो मुलायम सिंह यादव ही हैं. उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, अनाचार और जंगल राज का जो आलम है, उसमें प्रदेश की जनता पूरी तरह से समाजवादी पार्टी के खिलाफ हो गई है. बजाय जनता के बीच छवि ठीक करने और कानून व्यवस्था सुधारने के, समाजवादी पार्टी के नेता उन एक्टिविस्ट अफसरों को धमका रहे हैं जो शासन की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश करने में लगे हैं.
मुलायम सिंह ने आईपीएस को कहा- सुधर जाओ, नहीं तो….!
आज 10 जुलाई 2015 को दिन में फोन नंबर 0522-2235477 से मुलायम सिंह यादव का फोन आईपीएस अमिताभ ठाकुर उनके मोबाइल नंबर नंबर 094155-34526 पर आया. वक्त था शाम चार बजकर 43 मिनट. कुल दो मिनट 10 सेकेंड बात हई. पूरी बातचीत का ट्रांसक्रिप्ट इस प्रकार है…
मुलायम सिंह यादव ने फोन कर आईपीएस अमिताभ ठाकुर को धमकाया!
एक बड़ी खबर लखनऊ से आ रही है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि उन्हें मुलायम सिंह यादव ने फोन कर धमकाया और सुधर जाने की नसीहत दी. अमिताभ ने पूरी धमकी को रिकार्ड कर लिया है और जल्द ही इसे पब्लिक डोमेन में लाने जा रहे हैं. अमिताभ ठाकुर का कहना है कि उनके पास जो फोन आया तो कहा गया कि मुलायम सिंह यादव बात करेंगे. जब मुलायम सिंह यादव लाइन पर आए तो उन्होंने धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि पिछली बार से ज्यादा बुरी गत बनाउंगा. सुधर जाओ. अमिताभ ठाकुर ने इस तरह की धमकी को बेहद अलोकतांत्रिक बताते हुए पूरे मामले को जनता की अदालत में ले जाने का फैसला किया है.
मीडिया ने मेरे खिलाफ खूब खबरें छापी पर मैंने इसे अपनी सहज आलोचना माना : मुलायम सिंह यादव
लखनऊ : बदलते दौर में सोशल मीडिया की प्रासंगिकता बढ़ रही है। आज के दौर में इसे नजरअंदाज कर न तो राजनीति संभव है और न ही सरकार चलाना। पूर्व रक्षा मंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने यह विचार इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) की ओर से ‘सोशल मीडिया-वरदान या अभिशाप’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद में व्यक्त किए। राजनीति के शुरुआती दिनों को याद करते हुए श्री यादव ने कहा कि कई बार कहा कि मीडिया ने उनके खिलाफ खबरें छापी पर उन्होंने इसे अपनी सहज आलोचना के रूप में ही लिया।