प्रदीप सौरभ फिर पहुंचे ‘नेशनल दुनिया’ अखबार, बने दिल्ली एडिशन के संपादक

Pradeep Saurabh to Revive National Duniya Newspaper… Hindi news daily ‘National Duniya’ is to make a comeback under the leadership of senior journalist Pradeep Saurabh. Taking charge of Delhi office as the Editor for National Duniya Pradeep Saurabh has been given the challenging task of the revival of the National Duniya brand and publication.

नेशनल दुनिया प्रबंधन की लापरवाही, फोटो जर्नलिस्ट बेटे की मौत के गम में बूढी मां ने भी दम तोडा

नयी दिल्ली । नोएडा से प्रकाश्ति  होने वाले नेशनल दुनिया अखबार के फोटो जर्नलिस्ट ओमपाल की मौत की खबर के सदमें से उसकी बूढी मां इतनी विचलित हुयी कि उनहोने भी अपने प्राण त्याग दिये। युवा फोटो जर्नलिस्ट ओमपाल की मौत 18 जनवरी को हुयी थी, ओमपाल डयूटी से लौटते समय नवंबर 2015 में एक सडक दुर्घटना में घायल हो गये थे। 18 जनवरी 16 को ओमपाल की मौत हो गयी थी, वह काफी समय से कोमा में थे। ओमपाल की मौत के सदमे से आहत उसकी बूढी मां श्रीमति कैला देवी ने 27 जनवरी 16 को पलवल में अपने प्राण त्याग दिये।

नेशनल दुनिया के चेयरमैन की केबिन में चोरी का ड्रामा कर छह माह का बकाया वेतन नहीं बांटा

नोएडा । नेशनल दुनिया के चेयरमैन शैलेंद्र भदौरिया के नोएडा कार्यालय ​​​स्थित केबिन में रखे कम्प्यूटर सिस्टम और टीवी चोरी हो गये। सुबह जब कर्मचारी कार्यालय पहुंचे तो भदौरिया का केबिन खुला हुआ था और केबिन में रखे एक कंप्यूटर सिस्टम व टीवी सेट गायब थे। इस मामले की रिपोर्ट थाना में दर्ज करा दी गयी है। रिपोर्ट मेरठ संसकरण के सम्पादक सुभाष सिंह ने दर्ज करायी है।

जिस अखबार के प्रबंधन पर धोखाधड़ी के आरोप हैं, उस अखबार के सम्पादक को मोदी जी ने बनाया एनबीटी का चेयरमैन

नोएडा । नेशनल दुनिया प्रबंधतंत्र की धोखाधड़ी की जिस जांच के लिए पीएमओ ने चार सदस्य टीम गठित की थी, उस जांच में अब कोई प्रगति नहीं है। नेशनल दुनिया पीड़ित कर्मी शरद त्रिपाठी की पीएफ आदि से जुडी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए गत 4 नवंबर को पीएमओ ने जांच के लिए 4 सदस्यों की एक टीम गठित की थी। सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुयी है। जांच के आदेश जारी हुऐ भी दो माह से ज्यादा हो गये हैं।

नेशनल बुक ट्रस्ट का चेयरमैन बनने के बाद भी बलदेव भाई शर्मा नहीं छोड पा रहे हैं अखबार के सम्पादक पद का मोह

नोएडा । नेशनल दुनिया के वरिष्ठ स्थानीय सम्पादक बलदेव भाई शर्मा की कारगुजारियों के कारण इस समय अखबार की स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गयी है। इसके पीछे सबसे बडा कारण यह माना जा रहा है कि बलदेव भाई शर्मा जबसे नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमैन बने हैं, वह अखबार को बिल्कुल भी समय नहीं दे रहे हैं। अखबार के सम्पादक पद का मोह भी उन्हें इस पद को नहीं छोडने दे रहा है। अखबार के नाम पर उन्हें टीवी पर होने वाली डिबेट के लिए शेखी बघारने और भाजपा सरकार की बटरिंग करने का मौका मिल जाता है।

‘नेशनल दुनिया’ में बड़े पैमाने पर छंटनी, अखबार बंद होने की चर्चा

शैलेंद्र भदौरिया ने ‘नेशनल दुनिया’ नाम से जो अखबार निकाला था, उसका अंतकाल नजदीक आया दिख रहा है. कई संस्करण पहले ही बंद हो चुके हैं. अब नेशनल एडिशन भी बंद होने की चर्चा है. एनसीआर से करीब तीन दर्जन से ज्यादा मीडियाकर्मियों को निकाले जाने की खबर है. भड़ास के पास आई एक सूचना में कहा गया है: ”officially national duniya newspaper is closed now. when employees demanded salaries of four months, shailendra bhadauria told that all had been f..ked off.”

पेमेंट न मिलने के कारण नेशनल दुनिया जयपुर संस्करण में हड़ताल

खबर है कि बीते जून महीने की 23 तारीख को पेमेंट न मिलने से नाराज मीडियाकर्मियों ने हड़ताल कर दिया और नेशनल दुनिया अखबार का प्रकाशन रोक दिया. इस कारण अगले रोज अखबार मार्केट में नहीं आ सका. बाद में प्रबंधन से हुए समझौते के बाद कर्मियों ने हड़ताल खत्म कर दिया. तय हुआ कि …

नेशनल दुनिया अखबार को जारी नोटिस पर हुई सुनवाई, प्रबंधन की तरफ से कोई नहीं आया

EPFO नोएडा में दिनांक 20 जनवरी को भविष्य निधि अधिनियम का पालन न करने पर नेशनल दुनिया अखबार को प्रकाशित करने वाली कंपनी EssBee Media Pvt Ltd. को जारी नोटिस पर सुनवाई हुई। कंपनी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ। पीड़ित कर्मचारियों ने अपने रिप्रजेंटेशन में कंपनी पर जान बूझ कर कर्मचारियों के हक़ को मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सिस्टम को तोड़ना कंपनी की आदत हो गयी है और पोलिटिकल बैकिंग के चलते सब कुछ मैनेज किया जा सकता है।

बकाया पैसा मारे बैठे ‘नेशनल दुनिया’ को पत्रकार राजेंद्र सेन ने लीगल नोटिस भेजा

राजस्थान के बीकानेर निवासी पत्रकार राजेंद्र सेन ने सूचित किया है कि उनका बकाया पैसा नेशनल दुनिया अखबार नहीं दे रहा है. उन्होंने वर्ष 2013 के अगस्त में नेशनल दुनिया समाचार पत्र जयपुर के संपादक मनोज माथुर की सहमति से बीकानेर डिवीजन में ज्वाइन किया था. बीस हजार रुपये प्रतिमाह वेतन तय था और समाचर में छपने वाले फोटो के पचास रुपये अलग से देना तय हुआ.