आज विश्व रेडियो दिवस है। रेडियो यानी आवाज़ की वो दुनिया जिसमे बातें हैं कहानियां हैं गीत संगीत है नाटक है रूपक है बाल कार्यक्रम है महिलाओं का कार्यक्रम है बुज़ुर्गों का कार्यक्रम है युवाओं का कार्यक्रम है सैनिक भाइयों का कार्यक्रम है किसानों का भी कार्यक्रम है समाचार है और है वो सब कुछ जो हमारी इस दुनिया में है। रेडियो के आविष्कारक मारकोनी ने जब पहली बार इटली में 1895 रेडियो सिग्नल भेजा और उसे सुना तो भविष्य का इतिहास वहीं अंकित हो गया था। एक कमरे में किया गया ये प्रयोग जब 1899 में इंग्लिश चैनल को रेडियो सिग्नल पार करता दूसरी छोर पर चला गया तो हंगामा मच गया। लेकिन रेडियो सिग्नल मात्र भेजना एक उपलब्धि तो थी लेकिन सवाल ये था कि क्या आवाज़े भी इस माध्यम से जा सकेंगीं।