सौरभ में बहुत जज़्बा था… पिछले दस साल में कितना कुछ कर डाला…

Saurabh Sharma


 

Pankaj Shukla : पिछले महीने 17 तारीख़ को तुमसे कितनी लम्बी बात हुई। पंकज भाई ये करना है , पंकज भाई वो करना है – मेरठ आने का बुलावा। इसके बाद फिर याद दिलवाया कि जल्दी कार्यक्रम बनाऊं। गजब कर दिया सौरभ तुमने , इतनी जल्दी चले गए। अरे, बहुत जज़्बा था इस आदमी में। पिछले दस साल में कितना कुछ कर डाला। पत्रकारिता के साथ कहानी , कविताएं – एल्बम लांच। ऊब तो गया था वो अख़बार के अंदर हो रही घटिया राजनीति से, आहत भी था लेकिन कुछ नया करने का हौसला और ज़्यादा कुलांचे मार रहा था। हिल गया हूं मौत की ख़बर सुनकर। बहुत दुःख हो रहा है। एक बढ़िया इंसान चला गया। बहुत याद आओगे सौरभ। (न्यूज30 चैनल में वरिष्ठ पद पर कार्यरत पत्रकार पंकज शुक्ल के फेसबुक वॉल से.)

मेरठ के तेजस्वी पत्रकार सौरभ शर्मा का असमय निधन

मेरठ के तेजस्वी और बहुमुखी पत्रकार सौरभ शर्मा का आज दिल्ली के इंस्टीस्यूट ऑफ लीवर एंड बाइलियरी साइंसेज़ में असमय निधन हो गया। उनकी उम्र 39 साल थी। सौरभ को जांडिस (पीलिया) हो गया था। उसके बाद उन्हें लीवर से जुड़ी कुछ समस्याएं पैदा हो गई थी। पहले एक्सीडेंट, फिर जांडिस और अंतत: दैनिक जागरण, मेरठ में वरिष्ठ पद की नौकरी अचानक जाने के बाद वो अवसाद के शिकार हो गए। दुर्घटना और जांडिस के कारण वे पहले से ही लगातार अवकाश पर चल रहे थे। इसी कारण उन्हें तनाव भी था।

जागरण वालों के दुर्व्यवहार के कारण पत्रकार सौरभ शर्मा की हालत गंभीर, दिल्ली रेफर

दैनिक जागरण, मेरठ में कार्यरत पत्रकार सौरभ शर्मा के साथ दैनिक जागरण वालों ने दुर्व्यवहार करते हुए जिस तरह इस्तीफा देने को मजबूर किया, उसके कारण सौरभ डिप्रेशन में चले गए और उनकी हालत गंभीर होती चली गई. मेरठ के डाक्टरों ने जवाब दे दिया और दिल्ली ले जाने को कहा. उन्हें दिल्ली के किसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दरअसल सौरभ को लीवर से जुड़ी कुछ समस्याएं थी. जांडिस हो जाने के कारण वे लगातार अवकाश पर चल रहे थे. इसी बीच किसी ने उनके साथ शरारत की और उनके फेसबुक पेज पर उन्हें दैनिक जागरण का प्रधान संपादक लिख दिया.

अंदरुनी राजनीति से दुखी सौरभ शर्मा का दैनिक जागरण, मेरठ से इस्तीफा

मेरठ में दैनिक जागरण के साथ कई वर्षों से वरिष्ठ पदों पर कार्यरत पत्रकार सौरभ शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. सौरभ का स्वास्थ्य लगातार खराब चल रहा था. इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा भेजा. सूत्रों का कहना है कि सौरभ आफिस की अंदरुनी राजनीति से बहुत दुखी थी. खासकर संपादकीय प्रभारी मनोज झा की रीति-नीति के चलते वे अलग-थलग पड़ गए थे.